पगथिया:
माँ:
बहुत छोटा सा अक्षर है -माँ
मगर,
हर रिश्ते से ऊपर है ;
क्योंकि - इसके दिल में,
ममता है ,
वात्सल्य है ,
दुलार है ,
इसकी आँख...
24.5.14
पगथिया: माँ
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
No comments:
Post a Comment