http://mktvfilms.blogspot.in/ 2014/05/short-story-11.html
https://www.youtube.com/watch? v=8nYehYX1I44&feature=youtu.be
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Short story-11. `बला ।`
करीब
साठ साल की आयु के सेठ प्रताप राय के यहाँ, उनकी, करीब तेईस साल की, दूसरी
पत्नी `सतवंती`ने सेठ जी को नन्हा वारिस दिया था । इसीलिए आज सुबह से,
धार्मिक हवन आयोजन के चलते कोठी में काफी चहलपहल थी ।
पर..,ये
क्या..! युवा पंडित `रतिराज` हवन में शुद्ध घी की आहुति दे रहे थे कि
अचानक, एक छिपकली का बच्चा, ऊपर छत से, हवन-कुण्ड में आ गिरा..! पूजा में
बैठी सेठानी `सतवंती` और 'रतिराज', दोनों ने यह दृश्य देखा । हालाँकि,कोई
दूसरा इसे देख ले उस से पहले ही, युवा पंडित,'रतिराज` ने ज़ोर-ज़ोर से
तुरंत, "॥ ॐ बला टली स्वाहा ॥' मंत्र जाप करते हुए हवन-कुण्ड में शुद्ध घी
का पुरा पात्र उड़ेल दिया जिस से, छिपकली का बच्चा पलभर में भस्म हो
गया...!
धार्मिक
कर्म संपन्न होने के पश्चात, `सतवंती`ने अपने कर कमलों से, युवा पंडित
'रतिराज' को दान-दक्षिणा देते हुए धीमे स्वर में कहा," सुनिए, आप के लिए
तीन लिफाफे है..! पहला-आप ने, मेरी सारी बला का तोड़ निकाला,
दूसरा-निर्विघ्न हवन कर्म संपन्न कराया और तीसरा- इस घर में वारिस के लिए
जो आशीर्वाद दिया, इसके बदले इस लिफाफे में आप की दक्षिणा के मैंने एक लाख
रुपये ज्यादा रखें हैं..!
और हाँ आज के बाद, हम कभी आमने-सामने नहीं होंगे ।
समझना, आप के जीवन से भी `सतवंती` नाम की एक `बला` टल गई..!"
मार्कण्ड दवे ।
दिनांकः १३-०५-२०१४.
मार्कण्ड दवे ।
दिनांकः १३-०५-२०१४.
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