जिला मुख्यालय जांजगीर में पौधरोपण करने युवाओं में गजब का जुनून नजर आता
है। चार युवाओं ने मिलकर ‘जज्बा फाउंडेषन बनाया, इसके बाद कारवां बढ़ता गया।
जज्बा फाउंडेषन के युवाओं ने 3 साल पहले पौधरोपण का यज्ञ शुरू किया। आज इन
युवाओं ने 3 हजार से अधिक पौधरोपण पर्यावरण संरक्षण में मिसाल कायम किया
है। अहम बात यह है कि पौधरोपण करने के लिए इन युवाओं द्वारा खुद की कमाई का
5 से 10 फीसदी हिस्सा खर्च किया जाता है।
बिगड़ते पर्यावरण से आज हर कोई प्रभावित है, लेकिन पर्यावरण की चिंता बहुत कम लोग करते हैं। इसी माहौल में जांजगीर का ‘जज्बा फाउंडेषन’ के युवाओं द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयास की जितनी तारीफ की जाए, कम ही है।
दरअसल, तीन साल पहले जांजगीर के चार युवकों नवनीत राठौर, नरेष पैगवार, ऋषिकेष अग्रवाल, ऋषिकेष उपाध्याय ने पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए ‘जज्बा फाउंडेषन’ बनाया और शहर में पौधरोपण की शुरूआत की। कुछ ही महीनों में इन युवाओं की मेहनत और लगन रंग लायी और सैकड़ों पौधे रोपे गए। साथ ही इनके जूनुन को देखकर जांजगीर के अनेक युवा ‘जज्बा फाउंडेषन’ से जुड़ गए। इस तरह पौधरोपण का यह कारवां बढ़ता गया।
आज स्थिति यह है कि 20 से 25 युवाओं ने मिलकर नगर की कई जगहों में हरियाली ले आई है। खास बात यह है कि युवाओं द्वारा रोपे गए अधिकांष पौध आज भी जीवित हैं और हरियाली बिखर रहे हैं। युवाओं द्वारा पौधरोपण के साथ उसके संरक्षण पर विषेष ध्यान दिया जाता है। पर्यावरण को बचाने का सपना पाले इन युवाओं की फौज में अब शहर के दूसरे लोगों ने भी सहभागिता निभानी शुरू कर दी है, जिनमें डॉक्टर, व्यवसायी से लेकर कई नौकरीपेषा और जनप्रतिनिधि शामिल हैं।
‘जज्बा फाउंडेषन’ के संस्थापक सदस्य नवनीत राठौर कहते हैं कि पौधरोपण कर पर्यावरण को बचाने की प्रेरणा उन्हें अपने पूर्वजों से मिली है। वे कहते हैं कि जहां भी खाली स्थान मिलता है, वहां पौधरोपण करने का प्रयास किया जाता है और पौधों के संरक्षण के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जाता है। वे बताते हैं कि पौधरोपण करने के लिए जज्बा फाउंडेषन के सदस्य खुद की कमाई का 5 से 10 फीसदी हिस्सा खर्च करते हैं और पर्यावरण को बचाने में योगदान देते हैं। इसी का परिणाम है कि बीते 3 बरसों में अब तक 3 हजार से अधिक पौधों का अलग-अलग जगहों पर रोपण किया जा चुका है।
जज्बा फांडेषन के एक और संस्थापक सदस्य नरेष पैगवार कहते हैं कि पौधरोपण एक पुनीत कार्य है। शहर में लगातार पेड़ों की कटाई हो रही थी। इसी के तहत हमारी सोच बनी की कि पर्यावरण की दिषा में पौधरोपण कर समाज के लिए कार्य किया जाए।
जज्बा फाउंडेषन के एक अन्य सदस्य राहुल अग्रवाल कहते हैं कि पर्यावरण बिगड़ रहा है और भागमभाग के समय में पौधरोपण करने कोई ध्यान नहीं देता। इसीलिए जज्बा फाउंडेषन ने पर्यावरण को बचाने के लिए पौधरोपण करने मन बनाया। वे चाहते हैं कि और भी लोग पौधरोपण के इस महाभियान से जुड़े, आने वाले दिनों में आसपास के क्षेत्रों में भी पौधरोपण किया जाएगा।
जज्बा फाउंडेषन के युवाओं ने पौधरोपण के प्रचार-प्रसार के लिए एक वेबसाइट भी बनाई है। साथ ही फेसबुक पर भी लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास, निरंतर जारी है। निष्चित ही जज्बा फांडेषन के युवाओं के ‘जज्बा’ एक मिसाल बन गया है और इसी का परिणाम है कि शहर विकास के लिए पेड़ों की कटाई के बाद भी हरियाली नजर आ रही है।
...ये भी निभाते हैं भूमिका
‘जज्बा फाउंडेषन’ के युवाओं के सकारात्मक सोच को देखते हुए शहर के अनेक युवाओं का संपर्क हुआ है। संस्थापक सदस्यों के अलावा पर्यावरण को बचाने किए जा रहे पौधरोपण में अब जज्बा फाउंडेषन में अमन अग्रवाल, मनमोहन अग्रवाल, आलोक अग्रवाल, सुषील अग्रवाल, जिला अस्पताल के एमडी डॉ. अनिल जगत, डेंटिस्ट डॉ. सौरभ शर्मा एवं सनत राठौर भी अहम भूमिका निभाते हैं। इनके अलावा अन्य सदस्य भी हैं, जो पर्यावरण संरक्षण करने किए प्रयास में महती भूमिका निभाते आ रहे हैं।
इन इलाकों में पौधरोपण
वैसे तो शहर में जहां भी खाली जगह मिलती है, वहां इन युवाओं द्वारा पौधरोपण का प्रयास किया जाता है। बीते इन 3 बरसों में अकलतरा रोड के डिवाइडर, जिला अस्पताल, हसदेव क्लब तुलसी भवन, नैला के मुक्तिधाम में पौधरोपण किया गया है। सदस्यों का कहना है कि आने वाले दिनों में जो भी उद्यान बेजार हो गए हैं, वहां हरियाली लाने पौधरोपण किया जाएगा। इस दिषा में सदस्यों द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण
पर्यावरण दिवस 5 जून को कचहरी चौक के पास अंबेडकर उद्यान में नपा अध्यक्ष रमेष पैगवार और उपाध्यक्ष नीता चुन्नू थवाईत के नेतृत्व में ‘जज्बा फाउंडेषन’ के सदस्यों ने पौधरोपण किया। इस उद्यान में अंबेडकर की प्रतिमा लगी है, लेकिन साफ-सफाई का अभाव था। इसी को ध्यान में रखकर पौधरोपण किया गया, ताकि अंबेडकर उद्यान में हरियाली बनी रहे और लोगों वहां तक पहुंचे।
युवाओं ने रोपे ये पौधे...
युवाओं द्वारा हरश्रृंगार, पुरनजीवा, प्राइड ऑफ इंडिया, करंज, झारूल, गुलमोहर, हाउडी क्लाउडी, स्वर्णचंपा, मधुकामिनी, कचनार, अमलताष, बरगद, पीपल समेत अन्य पौधे रोपे गए हैं। पौधरोपण की सबसे बेहतर स्थिति नैला के मुक्तिधाम में देखी जा सकती है।
बिगड़ते पर्यावरण से आज हर कोई प्रभावित है, लेकिन पर्यावरण की चिंता बहुत कम लोग करते हैं। इसी माहौल में जांजगीर का ‘जज्बा फाउंडेषन’ के युवाओं द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयास की जितनी तारीफ की जाए, कम ही है।
दरअसल, तीन साल पहले जांजगीर के चार युवकों नवनीत राठौर, नरेष पैगवार, ऋषिकेष अग्रवाल, ऋषिकेष उपाध्याय ने पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए ‘जज्बा फाउंडेषन’ बनाया और शहर में पौधरोपण की शुरूआत की। कुछ ही महीनों में इन युवाओं की मेहनत और लगन रंग लायी और सैकड़ों पौधे रोपे गए। साथ ही इनके जूनुन को देखकर जांजगीर के अनेक युवा ‘जज्बा फाउंडेषन’ से जुड़ गए। इस तरह पौधरोपण का यह कारवां बढ़ता गया।
आज स्थिति यह है कि 20 से 25 युवाओं ने मिलकर नगर की कई जगहों में हरियाली ले आई है। खास बात यह है कि युवाओं द्वारा रोपे गए अधिकांष पौध आज भी जीवित हैं और हरियाली बिखर रहे हैं। युवाओं द्वारा पौधरोपण के साथ उसके संरक्षण पर विषेष ध्यान दिया जाता है। पर्यावरण को बचाने का सपना पाले इन युवाओं की फौज में अब शहर के दूसरे लोगों ने भी सहभागिता निभानी शुरू कर दी है, जिनमें डॉक्टर, व्यवसायी से लेकर कई नौकरीपेषा और जनप्रतिनिधि शामिल हैं।
‘जज्बा फाउंडेषन’ के संस्थापक सदस्य नवनीत राठौर कहते हैं कि पौधरोपण कर पर्यावरण को बचाने की प्रेरणा उन्हें अपने पूर्वजों से मिली है। वे कहते हैं कि जहां भी खाली स्थान मिलता है, वहां पौधरोपण करने का प्रयास किया जाता है और पौधों के संरक्षण के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जाता है। वे बताते हैं कि पौधरोपण करने के लिए जज्बा फाउंडेषन के सदस्य खुद की कमाई का 5 से 10 फीसदी हिस्सा खर्च करते हैं और पर्यावरण को बचाने में योगदान देते हैं। इसी का परिणाम है कि बीते 3 बरसों में अब तक 3 हजार से अधिक पौधों का अलग-अलग जगहों पर रोपण किया जा चुका है।
जज्बा फांडेषन के एक और संस्थापक सदस्य नरेष पैगवार कहते हैं कि पौधरोपण एक पुनीत कार्य है। शहर में लगातार पेड़ों की कटाई हो रही थी। इसी के तहत हमारी सोच बनी की कि पर्यावरण की दिषा में पौधरोपण कर समाज के लिए कार्य किया जाए।
जज्बा फाउंडेषन के एक अन्य सदस्य राहुल अग्रवाल कहते हैं कि पर्यावरण बिगड़ रहा है और भागमभाग के समय में पौधरोपण करने कोई ध्यान नहीं देता। इसीलिए जज्बा फाउंडेषन ने पर्यावरण को बचाने के लिए पौधरोपण करने मन बनाया। वे चाहते हैं कि और भी लोग पौधरोपण के इस महाभियान से जुड़े, आने वाले दिनों में आसपास के क्षेत्रों में भी पौधरोपण किया जाएगा।
जज्बा फाउंडेषन के युवाओं ने पौधरोपण के प्रचार-प्रसार के लिए एक वेबसाइट भी बनाई है। साथ ही फेसबुक पर भी लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास, निरंतर जारी है। निष्चित ही जज्बा फांडेषन के युवाओं के ‘जज्बा’ एक मिसाल बन गया है और इसी का परिणाम है कि शहर विकास के लिए पेड़ों की कटाई के बाद भी हरियाली नजर आ रही है।
...ये भी निभाते हैं भूमिका
‘जज्बा फाउंडेषन’ के युवाओं के सकारात्मक सोच को देखते हुए शहर के अनेक युवाओं का संपर्क हुआ है। संस्थापक सदस्यों के अलावा पर्यावरण को बचाने किए जा रहे पौधरोपण में अब जज्बा फाउंडेषन में अमन अग्रवाल, मनमोहन अग्रवाल, आलोक अग्रवाल, सुषील अग्रवाल, जिला अस्पताल के एमडी डॉ. अनिल जगत, डेंटिस्ट डॉ. सौरभ शर्मा एवं सनत राठौर भी अहम भूमिका निभाते हैं। इनके अलावा अन्य सदस्य भी हैं, जो पर्यावरण संरक्षण करने किए प्रयास में महती भूमिका निभाते आ रहे हैं।
इन इलाकों में पौधरोपण
वैसे तो शहर में जहां भी खाली जगह मिलती है, वहां इन युवाओं द्वारा पौधरोपण का प्रयास किया जाता है। बीते इन 3 बरसों में अकलतरा रोड के डिवाइडर, जिला अस्पताल, हसदेव क्लब तुलसी भवन, नैला के मुक्तिधाम में पौधरोपण किया गया है। सदस्यों का कहना है कि आने वाले दिनों में जो भी उद्यान बेजार हो गए हैं, वहां हरियाली लाने पौधरोपण किया जाएगा। इस दिषा में सदस्यों द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण
पर्यावरण दिवस 5 जून को कचहरी चौक के पास अंबेडकर उद्यान में नपा अध्यक्ष रमेष पैगवार और उपाध्यक्ष नीता चुन्नू थवाईत के नेतृत्व में ‘जज्बा फाउंडेषन’ के सदस्यों ने पौधरोपण किया। इस उद्यान में अंबेडकर की प्रतिमा लगी है, लेकिन साफ-सफाई का अभाव था। इसी को ध्यान में रखकर पौधरोपण किया गया, ताकि अंबेडकर उद्यान में हरियाली बनी रहे और लोगों वहां तक पहुंचे।
युवाओं ने रोपे ये पौधे...
युवाओं द्वारा हरश्रृंगार, पुरनजीवा, प्राइड ऑफ इंडिया, करंज, झारूल, गुलमोहर, हाउडी क्लाउडी, स्वर्णचंपा, मधुकामिनी, कचनार, अमलताष, बरगद, पीपल समेत अन्य पौधे रोपे गए हैं। पौधरोपण की सबसे बेहतर स्थिति नैला के मुक्तिधाम में देखी जा सकती है।
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