पल्लू कांड़ को राजनैतिक चश्मों से क्यों ना देखा जाये लेकिन सामाजिक रूप से उचित ठहराना संभव दिखायी नहीं देता
विगत दिनों 17 सितम्बर को स्थानीय पॉलेटेक्निक कालेज के मैदान में कृषि महोत्सव का शासकीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री गौरीशंकर बिसेन सहित कई जनप्रतिनिधि,भाजपा नेता और प्रशासकीय अधिकारी मंच पर मौजूद थे। यह भी एक संयोग ही था कि इसी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन भी था। मंच पर मौजूद सिवनी के निर्दलीय विधायक दिनेश मुनमुन राय ने अपने हाथों में लगी कालिख पौंछने के लिये उनके बाजू में खड़ी भाजपा की पूर्व सांसद,विधायक एवं प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष और प्रदेश भाजपा की मंत्री नीता पटेरिया की साड़ी के पल्लू का चुपके से उपयोग कर लिया। भाजपा ने इस घटना की निंदा करके चुप्पी साध ली जबकि कांग्रेस ने निंदा करने के साथ ही कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा। इस घटना की तीखी निंदा करने के साथ ही जिला ब्राम्हण समाज ने धरना का आयोजन किया। इसमें उन्होंने समाज के सभी वर्गों के लोगों को आमंत्रित किया। जब वे अपने लाये हुये लोगों के सामने सफायी दे रहे थे तब ये तमाम लोग उत्साहित होकर नारे लगा रहे थे कि मुनमुन भैया संघंर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं। वैसे तो यह भी नहीं कहा जा सकता है कि उनमें से भला कितने लोगों को यह पता था कि मुनमुन भैया तो मंच पर अपने हाथों में लगी कालिख को पौंछने के लिये नीता जी के पल्लू से संघर्ष कर रहे थे
मोदी के जन्म दिन पर सार्वजनिक मंच पर हुआ भाजपा नेत्री का अपमान:-विगत दिनों 17 सितम्बर को स्थानीय पॉलेटेक्निक कालेज के मैदान में कृषि महोत्सव का शासकीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री गौरीशंकर बिसेन सहित कई जनप्रतिनिधि,भाजपा नेता और प्रशासकीय अधिकारी मंच पर मौजूद थे। यह भी एक संयोग ही था कि इसी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन भी था। इसी कार्यक्रम को कवर करने के लिये लगे वीडियो कैमरों में मंच की एक अशोभनीय घटना भी कैद हो गयी। मंच पर मौजूद सिवनी के निर्दलीय विधायक दिनेश मुनमुन राय ने अपने हाथों में लगी कालिख पौंछने के लिये उनके बाजू में खड़ी भाजपा की पूर्व सांसद,विधायक एवं प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष और प्रदेश भाजपा की मंत्री नीता पटेरिया की साड़ी के पल्लू का चुपके से उपयोग कर लिया। चुपके से ऐसा करने के बाद जब उन्होंने पलट कर बाजू में देखा तो उनके चेहरे पर एक विजयी मुस्कान सी दिख रही थी और उन्होंने चेहरे पर एक ऐसी हरकत करके सिर हिलाया जिसे समाज में अच्छा नहीं माना जाता है। सोशल मीडिया पर इस घटना के दो वीडियो ने चंद घंटों में ही हड़कंप मचा दिया। इसे सार्वजनिक शासकीय मंच पर एक महिला के साथ हुये अपमान से जोड़कर देखा गया और निंदा तथा आलोचना का दौर शुरू हो गया। नीता पटेरिया ने कहा कि उन्हें वाडियो देखने के बाद घटना का पता चला तो दूसरी तरफ मुनमुन राय ने कहा कि वे नीता पटेरिया को मां,बहन और भाभी मानते हैं और मंच पर हुआ वो हास्य विनोद के क्षण थे। फिर भी यदि बुरा लगा हो तो वे माफी मांगते है। दूसरे दिन नपा के सामने मुनमुन राय का भाजपा कार्यकर्त्ताओं ने पुतला जलाया और पुलिस में घटना की कंपलेंट की लेकिन नीता पटेरिया ने रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी। इस घटना के समाचार राष्ट्रीय और प्रादेशिक चैनलों के साथ ही अखबारों की भी सुर्खी बनी और राजनैतिक हल्कों में एक भूचाल सा आ गया।
कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन तो भाजपा ने की निंदा:- इस घटना को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने विज्ञप्ति जारी कर घटना की निंदा की और इसे महिला अपमान के साथ के साथ जनादेश का अपमान भी निरूपित किया। लेकिन इसके बाद भाजपा ने चुप्पी साघ ली। कहा जाता है दूसरे वीडियों में जिला भाजपा अध्यक्ष वेदसिंह ठाकुर भी विवाद में आ गये थे। कांग्रेस नेताओं ने बाद में कलेंक्टर से मुलाकत कर ज्ञापन भी सौंपा और प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी कटघरें में खड़ा किया कि एक वरिष्ठ महिला नेत्री के साथ हुये अपमान पर सरकार और प्रशासन चुप्पी साधे हुये है। इसके अलावा भ कई संगठनों और दलों ने भी घटना की निंदा की और इसे महिला का अपमान निरूपित किया।
ब्राम्हण समाज ने दिश धरनाः- इस घटना की तीखी निंदा करने के साथ ही जिला ब्राम्हण समाज ने धरने का आयोजन किया। इसमें उन्होंने समाज के सभी वर्गों के लोगों को आमंत्रित किया। इसमें पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेत्री नेहा सिंह और विस प्रत्याशी राजकुमार पप्पू खुराना सहिीत कई नेताओं और सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने हिस्सा लेकर धटना की निंदा कर कार्यवाही की मांग भी की। धरने के बाद नीता पटेरिया ने एस.पी. से भेंट करके एक ज्ञापन भी सौंपा और इस बात पर अपनी नाराजगी भी जताई कि मेरे बयान होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी। हालांकि यहां यह उल्लेखनीय है कि पुलिस थाने में स्वयं नीता पटेरिश ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी है। उन्होंने राज्य महिला आयोग में जरूर अपनी शिकायत दी है।
मुनमुन ने भी किया शक्ति प्रदर्शन:- जिस दिन ब्राम्हण समाज के बैनर पर महिला अपमान के विरोध में धरना प्रदर्शन हो रहा था तो वहीं दूसरी तरफ चंद कदमों दूर विधायक मुनमुन राय अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे। जिले भर से आयी सैकड़ों गाड़िया ओर में लाये गये हजारों लोगों का उत्साह देखने लायक था। राजनैतिक विश्लेषकों की आंखों के सामने वह दिन आ गया जब तत्कालीन भाजपा सांसद नीता पटेरिया की रिपोर्ट पर तत्कालीन कांग्रेस विधायक स्व. हरवंश सिंह के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला धारा 307 के तहत कायम हुआ था तो उन्होंने न्याय रैली आयोजित की थी जिसमें ऐसी ही भीड़ जुटायी गयी थी। स्व. हरवंश सिंह ने न्याय रैली की थी तो अभी मुनमुन जनता से न्याय मांग रहे थे। अभी यदि रिपोर्ट पर पुलिस मामला कायम करती है तो वो भी धारा 354 का होता। जनता के सामने मुनमुन ने अपनी पुरानी मां,बहन और भाभी वाली सफायी देते हुये कांग्रेस और भाजपा नेताओं पर आरोप भी लगा डाला कि वे उनकी जीत और लोकप्रियता से जलते है इसलिये धज्जी का सांप बना रहें हैं। जब वे अपने लाये हुये लोगों के सामने सफायी दे रहे थे तब ये तमाम लोग उत्साहित होकर नारे लगा रहे थे कि मुनमुन भैया संघंर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं। वैसे तो यह भी नहीं कहा जा सकता है कि उनमें से भला कितने लोगों को यह पता था कि मुनमुन भैया तो मंच पर अपने हाथों में लगी कालिख को पौंछने के लिये नीता जी के पल्लू से संघर्ष कर रहे थे और इस मामले में घिर जाने पर ही उन्हें यहां गाड़ियां भेज कर बुलाया गया था। कुछ लोग इस बात को लेकर भी लेकर आश्चर्यचकित है कि एक ही दिन लगभग एक ही जगह एक ही मुद्दे पर आयोजित होने वाले दो विपरीत आंदोलनों के लिये अनुमति कैसे दे दी गयी? यह भी बताया गया कि शक्ति प्रदर्शन के दूसरे ही दिन वे विदेश यात्रा पर चले गये हैं। बहरहाल उस दिन मंच पर घटित पल्लू कांड़ को कितने ही राजनैतिक चश्मों से क्यों ना देखा जाये?लेकिन सामाजिक रूप से इसे उचित ठहराना तो संभव दिखायी नहीं देता है। “मुसाफिर”
sABHAR Darpan Jhoot Na Bole
Seoni
30 Sep 2014
Seoni
30 Sep 2014
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