पाकिस्तान का रोना
पाकिस्तान को रोने की आदत हो चुकी है क्योंकि नासमझ बच्चा जब भी रोता
है तो समझदार लोग उसके हाथ में लॉलीपॉप थमा देते हैं,तब बच्चा समझता
है रो कर के मेने कुछ पाया और समझदार जानते हैं कि उसका लॉलीपॉप चूसना
ही बेहतर है ताकि वे लोग महत्वपूर्ण काम कर सके।
जब समझदार लोग अपने महत्वपूर्ण काम पुरे कर लेते हैं और बच्चा फिर रोने
लगता है तब उसे चाँटा मारकर चुप करा दिया जाता है या फिर गला फाड़ कर
रोने दिया जाता है और बच्चा दोनों ही परिस्थिति में अपनी औकात समझ मुँह
बंद कर लेता है।
पाकिस्तान का सँयुक्त राष्ट में जाकर कश्मीर पर रोना !! कोई ज़माना था जब
इस मातम मनाने के तरीके पर उसे समझदार पुचकारा करते थे मगर अब
उसके रोने हश्र उस हठीले बच्चे जैसा होगा जो चाँटा खा कर चुप होता है या
गला फाड़ कर रोने से गला दर्द करने लगता है और वह मौका पाकर स्वत: ही
रोना बंद कर देता है।
पाकिस्तान का कश्मीर पर रोने का हश्र क्या होगा ?आज विश्व को ताकतवर
भारत के सहयोग की आवश्यकता है खण्डहर हो चुके पाकिस्तान का सहारा
लेकर कोई भी भारत से रिश्ता खट्टा नहीं करेगा।
विश्व जानता है कि भारत अपना मसला खुद सुलझाने का माद्दा रखता है और
इस मसले पर टाँग फँसा कर कौन आफत मोल लेगा,इसलिए अब वो होने वाला
है जो भारत चाहता है। यह है शक्तिशाली भारत की नयी पहचान।
पाकिस्तान को रोने की आदत हो चुकी है क्योंकि नासमझ बच्चा जब भी रोता
है तो समझदार लोग उसके हाथ में लॉलीपॉप थमा देते हैं,तब बच्चा समझता
है रो कर के मेने कुछ पाया और समझदार जानते हैं कि उसका लॉलीपॉप चूसना
ही बेहतर है ताकि वे लोग महत्वपूर्ण काम कर सके।
जब समझदार लोग अपने महत्वपूर्ण काम पुरे कर लेते हैं और बच्चा फिर रोने
लगता है तब उसे चाँटा मारकर चुप करा दिया जाता है या फिर गला फाड़ कर
रोने दिया जाता है और बच्चा दोनों ही परिस्थिति में अपनी औकात समझ मुँह
बंद कर लेता है।
पाकिस्तान का सँयुक्त राष्ट में जाकर कश्मीर पर रोना !! कोई ज़माना था जब
इस मातम मनाने के तरीके पर उसे समझदार पुचकारा करते थे मगर अब
उसके रोने हश्र उस हठीले बच्चे जैसा होगा जो चाँटा खा कर चुप होता है या
गला फाड़ कर रोने से गला दर्द करने लगता है और वह मौका पाकर स्वत: ही
रोना बंद कर देता है।
पाकिस्तान का कश्मीर पर रोने का हश्र क्या होगा ?आज विश्व को ताकतवर
भारत के सहयोग की आवश्यकता है खण्डहर हो चुके पाकिस्तान का सहारा
लेकर कोई भी भारत से रिश्ता खट्टा नहीं करेगा।
विश्व जानता है कि भारत अपना मसला खुद सुलझाने का माद्दा रखता है और
इस मसले पर टाँग फँसा कर कौन आफत मोल लेगा,इसलिए अब वो होने वाला
है जो भारत चाहता है। यह है शक्तिशाली भारत की नयी पहचान।
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