खुद को शुद्ध हिंदीभाषी अखबार कहने वाले अमर उजाला का दावा तो त्रुटिरहित अखबार देने का है। यहां के अधिकारी भी खुद को बेहद काबिल मानते हैं और खबरों में नुक्ताचीनी करने से गुरेज नहीं करते लेकिन बदायूं के रिपोर्टर, डेस्क वाले और बरेली में बैठे आला अधिकारी इन दिनों अखबार में कम बल्कि चुनावी डग्गे में ज्यादा ध्यान दे रहे है।
यही वजह है कि अखबार के 10 जनवरी के अंक में एक बडी भूल कर दी गई और तो ब्यूरोचीफ ने न डेस्क इंचार्ज ने और न ही अधिकाारियों ने इसे देखने की जरूरत समझी।अमर उजाला ने शहर में रहने वाली एक युवती वैष्णवी पटेल की यूट्यूब पर फेमस होने की खबर छापी है लेकिन खबर के पहले ही पैरा में बडी गलती कर दिया है। प्रसिद्ध कवि सोहनलाल द्विवेदी की मशहूर कविता- लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती को अमर उजाला ने हरिवंश राय बच्चन की कबिता बता दिया है।
शायद इसे रिपोर्टर ने गलत लिखा होगा लेकिन बरिष्ठों ने तक इसे नहीं देखा या फिर उन्हें भी इस कविता के लेखक का नाम नहीं मालूम। अखबार की इस गलती से जिले के साहित्यप्रेमी भी अमर उजाला के साहित्यिक ज्ञान से अचंभित हैं। लोगों का कहना है कि अमर उजाला बदायूं के लोग इस समय चुनावी डग्गा लेने में मशगूल हैं और उन्हें अखबार की साख का भी ध्यान नहीं रहा है।
बदायूं से एक क्षुब्ध साहित्य प्रेमी
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