चिट्ठाकारों के स्वर्ण कलम 2007 पुरस्कार
पुरस्कार नहीं नैनो कार चाहिये
1 मुझे 1 किर्तीश भट्ट को दिलाइये
उन्होंने कार्टून बनाये
मैंने नहीं बनाये.
वरिष्ठों को दे रहे हैं
कोई एतराज़ नहीं
भ्रष्टों को नहीं
इसकी खुशी है.
हम भ्रष्ट भी नहीं
वरिष्ट भी नहीं
हमें सांत्वना ही दे दो.
सांत्वना स्वरुप हौसला
ही दे दो, पर कुछ तो
दे दो, जब दे रहे हो
तो नैनो कार ही दो.
23.1.08
नैनो कार 1 मुझे 1 किर्तीश भट्ट को दिलाइये
Labels: कविता, कार, चिट्ठाकारों के स्वर्ण कलम 2007 पुरस्कार, नैनो
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1 comment:
नैनो के कार्टून मैने भी नहीं बनाये हैं एक कार मेरे लिये भी.
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