मनीष मेरे मित्र तब बने जब वे बीएचयू में पढ़ने आए थे। उन दिनों हास्टल की दिक्कत हुआ करती थी। आइसा के नेता के बतौर हम लोगों ने नए छात्रों की इस दिक्कत को समझा और विश्वविद्यालय प्रशासन से बातचीत की पर जब समस्या का हल होता न दिखा तो क्रांतिकारी तेवर अख्तियार कर लिए। विश्वविद्यालय के कई कमरों वाले गेस्ट हाउस पर कब्जा करने की रणनीति बना ली गई। नए छात्र इस अभियान में शामिल होने को पूरी तरह राजी हो गए।
बस क्या था, एक शाम सभी नए छात्रों को साथ लेकर नारेबाजी करते हुए आइसा के नेतृत्व में गेस्ट हाउस का ताला तोड़ दिया गया और गेस्ट हाउस का नाम शहीद भगत सिंह छात्रावास कर दिया गया। रात में क्रांतिकारी गीत, गोष्ठी, बहस आदि के दौर शुरू हुए। यह प्रक्रिया कई दिन तक चली। विश्वविद्यालय प्रशासन भी इतने ज्यादा छात्रों की भागीदारी वाले इस आंदोलन से निपटने में खुद का लाचार पा रहा था। इस क्रांतिकारी अभियान के दौरान जो कई दिन रात आपसी बातचीत और मेल-मिलाप का दौर चला, उसमें कई छात्र आइसा के सक्रिय सदस्य बनने को तैयार हो गए। वजह सिर्फ एक- एक नए जीवन दर्शन और सामाजिक चेतना को समझ पाने में ये छात्र कामयाब हुए। उन्हीं नए छात्रों में मनीष पांडेय भी थे जो आइसा के सक्रिय कार्यकर्ता फिर नेता बने।
विश्वविद्यालयी जीवन के बाद मनीष ने बजाय नौकरी कर अपना पेट पालने और पैसा बटोरने के अभियान में लगने को, उन्होंने समाज और देश के लिए कुछ करना बेहतर समझा। वे फिलहाल एक जिले में गरीब बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा देने के अभियान में लगे हैं। कम बजट और सीमित संसाधनों के बावजूद मनीष के पास एक दृढ़ इच्छाशक्ति है, जिसके बूते वे बिना प्रचार पाये और बिना हो हल्ला किये, अपना काम कर रहे हैं। इस काम में मनीष की पत्नी मीनू भी शामिल हैं। ये पति-पत्नी अपने जीवन को समाज का भला करने और कल के भावी नागरिकों को संवारने सजाने में होम करने पर अड़े हैं। अपने घर-गांव को छोड़कर राजस्थान के एक बेहद पिछड़े जिले के गरीब बच्चों के बीच काम करने वाले इस दंपति ने भड़ासियों और अन्य साथियों को एक कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भेजा है। यह कार्यक्रम 18-19 को है, और निमंत्रण इसी पोस्ट में नीचे पड़ा हुआ है।
बाजार और भौतिकतावाद के इस दौर में मनीष जैसे लोग रोशनी की किरण हैं जिनके बूते हम उम्मीद करते हैं कि अपन का समाज और लोकतंत्र बाजार की चकाचौंध से उबरते हुए अपनी जड़ों को दुरुस्त करने में जुटेगा।
मनीष को भड़ास की तरफ से ढेरों शुभकामनाएं।
मनीष से आप संपर्क उनके मोबाइल नंबर पर कर सकते हैं और अगर आप उनके यहां स्कूल के कार्यक्रम में जाएंगे तो उन्हें अच्छा लगेगा, उनके काम को देखेंगे और उन्हें सराहेंगे तो उनके सपने को समर्थन मिलेगा।
मनीष एक एनजीओ के जरिये ये काम कर रहे हैं लेकिन आज के दौर में ईमानदारी से अपने मिशन पर डटे रहने वालों की कितनी दुर्गति होती है, इसका अंदाजा हम सभी को है।
मैं निजी तौर पर मनीष को पहले से जानता हूं और इन दिनों में जब उनसे बहुत दिनों बाद आरकुट और ब्लाग के जरिये फिर संपर्क कायम हुआ है, कई राउंड उनसे फोन पर बातचीत हुई। इस बातचीत के दौरान मैंने महसूस किया कि मनीष में देश व समाज के लिए कुछ करने का वो जज्बा आज भी बचा हुआ है जो बीएचयू में पढ़ाई के दौरान विकसित हुई। उनकी आंखों में सपने सिर्फ अपने व अपने कुनबे के लिए नहीं है बल्कि उनके सपने में हर पीड़ित, हर परेशान, हर गरीब के लिए प्यार और दुलार है।
ऐसे साथियों को भड़ास सलाम करता है और उनके सपने को सच करने में भड़ास किसी भी प्रकार की कोई हिस्सेदारी निभा पाए, तो ये हम लोगों के लिए गौरव की बात होगी।
ये सब जो लिख रहा हूं, वो मनीष को पता नहीं है लेकिन जब अच्छे लोग नहीं चाहते कि उनका प्रचार हो तो हम सभी मीडियाकर्मियों का फर्ज बनता है कि ऐसे लोगों के कामों को समझ-बूझ कर उन्हें उचित सम्मान जरूर दिलाएं ताकि वे कभी होत्साहित न हों।
निमंत्रण पत्र इस प्रकार है----
Dear Friends,
New Year Greetings from Gramin Shiksha Kendra
It gives me immense pleasure to invite you all again on the behalf of Gramin Shiksha Kendra for participating in the annual function of UDAY Samudayik Pathshala- "KILOL". "KILOL"- 2008 is being held on 18th -19th January 2008 at UDAY Pathshala, Jaganpura, village Khawa (Ranwal Panchayat). The function will start at 10:00 AM on 18th January 2008, and we request you to kindly grace the occasion with your presence. We hope that you will be able to take some time out for the children and community of UDAY Pathshalas.
This year children and communities of the three UDAY Pathshalas i.e UDAY Pathshala - Jaganpura, UDAY Pathshala Bodal and UDAY- Sawai Madhopur will participate in the function. The annual function is the occasion where UDAY Pathshalas demonstrate their pedagogy to all its stakeholders and it also covers a glimpse of the educational activities being done in the school in the preceding year. Educational activities also include Drawing, Games, Theatre, Dance, Song, Pottery, carpentry etc. The theme of "KILOL" 2008 is "THEATER". Gramin Shiksha Kendra had introduced theater as a subject is the UDAY Pathshalas last year. Children, teachers and community members will perform on stage on the occasion.
The local communities, district education department, representatives of panchayati raj institutions, NGOs and other organizations, government schools of the area and the communities from the neighboring villages will be participating.
We take the occasion to extend our sincere gratitude towards your efforts to support Gramin Shiksha Kendra in its endeavor to improve the quality of School Education in Sawai Madhopur.
In anticipation
Maneesh Pandey
Secretary
Gramin Shiksha Kendra
41, Bal Mandir Colony
Bazaria
Sawai Madhopur
Contact: 09413380681, 07462-223449
------------------
जय भड़ास
यशवंत
12.1.08
आइए, मनीष के सपने को सच बनाने में हाथ बटाएं
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1 comment:
मनीष जी साधुवाद के पात्र हैं । पेड़ कबहु न फल भखैं , नदी न संचै नीर ; परमारथ के कारने साधुन धरा शरीर ।
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