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8.5.13

अन्ना और केजरीवाल एक ही हैं?


प्रत्यक्षत: भले ही देश के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल अलग-अलग हों, मगर स्थानीय स्तर पर दोनों के कार्यकर्ता एक ही हैं। आगामी 10 मई को अन्ना हजारे के अजमेर आगमन पर उनके स्वागत और आमसभा की व्यवस्था आम आदमी पार्टी की अजमेर प्रभारी श्रीमती कीर्ति पाठक के नेतृत्व में ही की जा रही है।
ज्ञातव्य है कि जनलोकपाल के एकजुट हो कर आंदोलन करने के बाद केजरीवाल और उनकी टीम ने अन्ना से अलग हो कर आम आदमी पार्टी का गठन किया और सक्रिय राजनीति में आ गए। अब तो आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारियां तक चल रही हैं। अन्ना हजारे ने केजरीवाल के अलग होने पर नए सिरे से टीम अन्ना का गठन किया, जिसमें पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह को प्रमुख रूप से शामिल किया गया। पूर्व आईपीएस किरण बेदी सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता तो उनके साथ हैं ही। टीम अन्ना में हुई इस दोफाड़ से आंदोलन कमजोर पडऩे की आशंका में कई कार्यकर्ताओं को निराशा भी हुई। कुछ कार्यकर्ता तो सीधे ही आम आदमी पार्टी में शमिल हो गए, जबकि कुछ ने अन्ना हजारे के साथ रहना ही पसंद किया और फिलहाल  वे घर बैठ गए। जहां तक श्रीमती कीर्ति पाठक का सवाल है, यह सबको पता है कि अजमेर में अन्ना आंदोलन को चलाने का श्रेय उनको व उनकी टीम को ही जाता है, मगर आम आदमी पार्टी का गठन हुआ तो वे उसमें शामिल हो गईं। आज वे अजमेर की प्रभारी हैं, मगर उन्होंने अपने आपको अन्ना हजारे के आंदोलन से अलग नहीं किया। ऐसे में जाहिर है कि जब अन्ना हजारे का अजमेर का कार्यक्रम बना तो सीधे उनसे ही संपर्क किया गया और उन्होंने सहर्ष सारी व्यवस्था करने का जिम्मेदारी ले ली। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में उनके प्रमुख सहयोगी दीपक गुप्ता, सुशील पाल, नील शर्मा, दिनेश गोयल आदि हाथ बंटा रहे हैं। दिलचस्प बात ये है कि आम आदमी पार्टी के ये सभी कार्यकर्ता अन्ना हजारे के कार्यक्रम को अंजाम देने के लिए  जनतंत्र मोर्चा के बैनर तले जुटे हुए हैं। यह जनतंत्र मोर्चा कब गठित हुआ, इसकी जानकारी तो नहीं है, मगर ताजा गतिविधि से यह स्पष्ट है कि कम से कम अजमेर में तो आम आदमी पार्टी और जनतंत्र मोर्चा एक ही हैं, उसके कार्यकर्ता भी समान हैं, बस बैनर अलग-अलग नजर आते हैं। लगता ये है कि आम आदमी पार्टी में गई श्रीमती पाठक अपने साथ पूरी टीम को एकजुट किए हुए हैं, इस कारण अन्ना हजारे को जनतंत्र मोर्चा के लिए अलग से कोई नेतृत्व करने वाला मिला ही नहीं। ऐसे में इस बात की सहज ही कल्पना की जा सकती है कि आम आदमी पार्टी की ओर से उन्हें अन्ना के कार्यक्रम को सफल बनाने की हरी झंडी दी गई होगी। बहरहाल, राष्ट्रीय स्तर पर भले ही अन्ना व केजरीवाल अलग-अलग हों, मगर अजमेर में एक ही नजर आते हैं। कदाचित और स्थानों पर भी कुछ ऐसा ही हो। इससे तनिक संदेह भी होता है कि कहीं वे किसी एजेंडे विशेष के लिए अलग-अलग होने का नाटक तो नहीं कर रहे। इस बारे में जब अन्ना कह ही चुके हैं कि वे भले ही अलग-अलग रास्ते पर हैं, मगर उनका उद्देश्य तो एक ही है। ऐसे में अगर दोनों के कार्यक्रमों को एक ही कार्यकर्ता अंजाम देते हैं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
खैर, अन्ना हजारे की सभा के लिए श्रीमती पाठक दिन-रात एक किए हुए हैं। ऐसे आयोजन में खर्च भी होता है, सो गैर राजनीतिक और उदारमना देशप्रेमियों से चंदा भी एकत्रित किया जा रहा है। आप समझ सकते हैं इस जमाने में बिना किसी लाभ के कौन चंदा देता है, हर कोई उसके एवज में कुछ न कुछ चाहता ही है, ऐसे में चंदा एकत्रित करना कितना कठिन काम होगा, इसकी सहज ही कल्पना की जा सकती है, चूंकि फिलवक्त दोनों संगठनों के पास देने को कुछ नहीं है। वैसे, कार्यकर्ताओं में जैसा उत्साह है, उम्मीद की जा रही है कि अन्ना हजारे का आकर्षण और उनकी मेहनत से सभा सफल होगी।
ज्ञातव्य है कि अन्ना हजारे 10 मई को यहां आजाद पार्क में सभा को संबोधित करेंगे। उनके साथ पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह, वल्र्ड सूफी काउंसिल के चेयरमैन सूफी जिलानी और चौथी दुनिया के प्रधान संपादक संतोष भारतीय भी होंगे। हजारे दोपहर 12 बजे अजमेर आएंगे। परबतपुरा बाइपास पर उनका स्वागत किया जाएगा। उसके बाद वाहन रैली के रूप में शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए ऋषि उद्यान पहुंचेंगे। इसके बाद हजारे पुष्कर जाएंगे। उसके बाद दरगाह जाकर जियारत करेंगे। इसके बाद शाम 6.30 बजे आजाद पार्क में सभा को संबोधित करेंगे।
-तेजवानी गिरधर

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