कर्नाटक चुनाव नतीजों पर एक राष्ट्रीय
समाचार चैनल पर चर्चा जारी थ। पैनल में कांग्रेस की तरफ से केन्द्रीय मंत्री हरीश
रावत थे तो दूसरी ओर थे भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी। कर्नाटक में रुझान
कांग्रेस के पक्ष में जाते दिखाई दे रहे थे। ऐसे में हरीश रावत का इतराना लाजिमी
था। आखिर केन्द्र सरकार के एक के बाद एक कभी न खत्म होने वाले घोटालों की फेरहिस्त
से कांग्रेस की हो रही फजीहत के बाद कर्नाटक चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए राहत
की खबर लेकर आ रहे थे।
कांग्रेस की सरकार बनने की स्थिति में
कर्नाटक में मुख्यमंत्री कौन बनेगा इस पर जब एंकर ने हरीश रावत से सवाल किया तो
रावत साहब के जख्म एक बार फिर से हरे हो गए..! ये वही जख्म थे जो उत्तराखंड विधानसभा
चुनाव के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी न मिलने पर हरीश रावत को मिले थे..! हालांकि हरीश रावत ने इसको अपने चेहरे पर जाहिर नहीं होने दिया और रावत साहब
ने बड़ी ही सहजता से जवाब दिया कि मुख्यमंत्री
को लेकर फैसला शीर्ष नेतृत्व करेगा और जिसके नेता के नाम पर कांग्रेस आलाकमान हरी
झंडी दिखा देगा वही कर्नाटक का मुख्यमंत्री
बनेगा।
हरीश रावत साहब ने इस सवाल का जवाब तो दे
दिया लेकिन इस जवाब को देने में रावत साहब को दर्द भी खूब हुआ होगा क्योंकि इसी सवाल
के केन्द्र में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद वे खुद थे। जब
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री की कुर्सी के
हरीश रावत प्रबल दावेदार थे लेकिन कुर्सी मिल गयी थी दूर दूर तक दौड़ में शामिल न
रहने वाले तत्कालीन टिहरी सांसद विजय बहुगुणा को..!
आज हरीश रावत कर्नाटक के संबंध में सीना
ठोक कर कह रहे हैं कि आलाकमान का फैसला आखिरी होगा और उसे सबको मंजूर करना होगा
लेकिन उत्तराखंड में जब हरीश रावत को दरकिनार कर विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री
बनाने का ऐलान कांग्रेस आलाकमान ने किया तो हरीश रावत के साथ ही उनके समर्थक विधायकों के बगावती तेवर तो आपको याद ही
होंगे..!
अगर नहीं तो चलिए एक बार फिर से आपकी
याददाश्त ताजा कर देते हैं। जैसे ही विजय बहुगुणा के नाम का ऐलान उत्तराखंड के
मुख्यमंत्री के रुप में हुआ तो हरीश रावत के पैरों के नीचे से मानो जमनी खिसक गयी
थी। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लेकर दिल्ली में हरीश रावत के निवास पर हरीश
गुट के विधायकों ने जमकर बवाल मचाया था। कई दिनों तक बवाल मचा लेकिन आखिर में हरीश
रावत को मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं मिली।
ऐसा भी नहीं है कि इसके बदले में हरीश
रावत को कुछ नहीं मिला। हरीश समर्थित महेन्द्र सिंह माहरा को राज्यसभा भेजा गया तो
खुद हरीश रावत को केन्द्र में राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाकर कांग्रेस
आलाकमान ने रावत की नाराजगी को दूर करने की कोशिश की..!
समाचार चैनल पर चर्चा जारी थी...अब इसी
सवाल पर जब एंकर ने भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी से उनका पक्ष लेना चाहा तो
पहले तो मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे कांग्रेस का मसला बताकर टिप्पणी करने से इंकार
कर दिया लेकिन जाते जाते नकवी हरीश रावत के जख्मों पर नमक छिड़कना नहीं भूले..!
नकवी साहब बोले कि ये कांग्रेस का मसला है
और वैसे भी जब उत्तराखंड विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद सबसे योग्य व्यक्ति होने के
बाद भी कांग्रेस आलाकमान ने जब हरीश रावत को मुख्यमंत्री नहीं बनाया तो अब वे
कर्नाटक के संबंध में क्या कह सकते हैं..!
भाजपा नेता मुख्तार अब्बस नकवी के इस टिप्पणी
पर हरीश रावत का चेहरा देखने लायक था जबकि मुख्तार अब्बास नकवी के साथ ही टीवी एंकर
मंद मंद मुस्कुरा रहे थे..!
deepaktiwari555@gmail.com
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