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26.3.14

धुर्त राजनीतिज्ञों से बच के रहना हिन्दुस्तानियों

धुर्त राजनीतिज्ञों से बच के रहना हिन्दुस्तानियों 

हर पाँच साल बाद भारत में चुनावी महाभारत खेला जाता है और गरीब भारतीय
शास्त्री और वाजपेयी के समय को छोड़ हर बार धुर्त राजनीति में फँस जाता है ।
हिन्दुस्थान अपनी असल पहचान को तरस गया। राजनीतिज्ञों ने बुरी तरह से
भारतीयता को घिस दिया ,मानव -मानव के बीच विद्वेष का जहर घोल दिया।
हिन्दू धर्म के लोगों को आपस में लड़ाया और बाँटा। मुस्लिम समाज को मुख्य
धारा से अलग रखा। भारतीयों को आपस में धर्म ,जाति और संस्कृति के बहाने
लड़ाया ,आपस में भय और शंका के माहौल में रहने को विवश किया। इससे देश
पिछड़ गया मगर धुर्त राजनीतिज्ञ कुबेर बन गये।

अब से आने वाले हर पाँच साल का चुनाव भारी परिवर्तन लाता जायेगा क्योंकि
आने वाला वक्त शिक्षित भारतीयों का आ रहा है जिसके पास ज्ञान है ,श्रम है ,
तथ्य को परखने की ताकत है। लोक लुभावन योजनाओं की घोषणाएँ करने
वाले राजनीतिज्ञ हासिये पर आते जायेंगे मगर शिक्षित भारतीयों को हर पल
जागरूक रहना होगा क्योंकि अभी से कुछ शिक्षित लोग धुर्त राजनीतिज्ञों के
चरण चाटने लग गये है ,समाजसेवियों की छवि का सहारा लेकर उत्पात के
मार्ग पर देश को ले जाना चाहते हैं ।

इस बार परिवर्तन हो रहा है ,स्पष्ट दिखता है और उसके पीछे जो ऊर्जा लगी
है वह युवा भारत है जो काम चाहता है ,विकास चाहता है ,रोजगार के अवसर
चाहता है। युवा भारत माला ,टोपी या क्रॉस के नाम पर झगड़ नहीं रहा है और
ना ही इस अंक गणित पर वोट करता है,युवा भारत अब अपने भविष्य को
उज्जवल देखना चाहता है इसलिए वह भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ लड़ भी रहा है और
विकास का साथ दे रहा है। युवा भारत एक बार विश्वास करके धोखा खा सकता
है पर मौका मिलते ही, तुरंत, बिना लाग लपेट के धुर्त नेताओं को मुख्य राजनीति
के पथ से बाहर धकेल देता है ,बराबर झाड़ पोंछ के साफ कर देता है।

बड़े -बड़े महारथी इस बार चुनावी मैदान से भाग कर चोर दरवाजे को खटखटा
रहे हैं ,बड़े -बड़ों की नींद हराम हो रखी है,यह सब मोदी के कारण नहीं हुआ है ,
मोदी ने तो सिर्फ युवाओं को जखजोरा है ,जागृत किया है ,स्वाभिमानी भारत
का सपना मोदी ने दिखाया और युवा उसे साकार करने में जुटा है। अब वादे
नहीं चलने वाले,नारे नहीं चलने वाले ,छद्मवाद या धुर्तता नहीं चलने वाली,यह
चुनाव युवा भारत संचालित कर रहा है जिसे ताकतवर नेता का चयन करना
आता है ,झूठे समाचार ,सडी-गली अफवाहें,भ्रम और मायाजाल का तिस्लिम
ख़त्म हो चूका है। भारत इस बार से ठोस इरादों वाले ऊर्जा सम्पन्न लोगों को
चुनेगा ,इस बार उनकी हार तय है जो केवल नारे देते हैं या कर्त्तव्य छोड़ भाग
खड़े होते हैं। युवा भारत धुर्त नेताओं के जाल से बचा रहे, यही अहम है।            

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