आते-जाते रहेंगे । (गीत)
http://mktvfilms.blogspot.in/2014/04/blog-post.html
ग़मों का क्या है, वो तो आते-जाते रहेंगे..!
और जालिम ? बस, यूँ ही मुस्कुराते रहेंगे ।
अन्तरा-१.
वास्ता हो जिन्हें वो, जानते हैं, मज़ा उसका..!
हैं ग़मखोर, गज़ब हम भी आज़माते रहेंगे..!
ग़मों का क्या है, वो तो आते - जाते रहेंगे..!
http://mktvfilms.blogspot.in/2014/04/blog-post.html
ग़मों का क्या है, वो तो आते-जाते रहेंगे..!
और जालिम ? बस, यूँ ही मुस्कुराते रहेंगे ।
अन्तरा-१.
वास्ता हो जिन्हें वो, जानते हैं, मज़ा उसका..!
हैं ग़मखोर, गज़ब हम भी आज़माते रहेंगे..!
ग़मों का क्या है, वो तो आते - जाते रहेंगे..!
ग़मखोर = सहनशील ।
अन्तरा-२.
गर है , तबाह करना, मकसद उनका, यारों..!
कमज़ोर नहीं हम भी, दर्द सहते रहेंगे ।
ग़मों का क्या है, वो तो आते - जाते रहेंगे..!
अन्तरा-३.
दमदार ग़म परखना, पाला है शौक हमने..!
ताउम्र क़र्ज़ उनका, चुकाते रहेंगे ।
ग़मों का क्या है, वो तो आते-जाते रहेंगे..!
अन्तरा-४.
थामा है, कब से हमने, प्याला ज़हर का..!
फरहत के, गीत अक्सर, गुनगुनाते रहेंगे ।
ग़मों का क्या है, वो तो आते-जाते रहेंगे..!
फरहत = खुशी.
मार्कंड दवे । दिनांकः ०७-/०४/२०१४.
अन्तरा-२.
गर है , तबाह करना, मकसद उनका, यारों..!
कमज़ोर नहीं हम भी, दर्द सहते रहेंगे ।
ग़मों का क्या है, वो तो आते - जाते रहेंगे..!
अन्तरा-३.
दमदार ग़म परखना, पाला है शौक हमने..!
ताउम्र क़र्ज़ उनका, चुकाते रहेंगे ।
ग़मों का क्या है, वो तो आते-जाते रहेंगे..!
अन्तरा-४.
थामा है, कब से हमने, प्याला ज़हर का..!
फरहत के, गीत अक्सर, गुनगुनाते रहेंगे ।
ग़मों का क्या है, वो तो आते-जाते रहेंगे..!
फरहत = खुशी.
मार्कंड दवे । दिनांकः ०७-/०४/२०१४.
--
No comments:
Post a Comment