"इश्क का रंग सफेद'' के लीड रोल में नज़र आएंगी ईशा



अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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Shri Sitaram Rasoi
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ब्रजकिशोर सिंह
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यशवंत सिंह yashwant singh
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Dr Dwijendra vallabh sharma
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कोण्डागांव । हिन्दोस्तान के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद की मंश के अनुरूप 1959 में आयुर्वेद को बढावा देने के लिये किया गया था। आयुर्वेद को विश्व स्तर पर स्थापित करने के लिये भारत के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद का यह प्रयास तब से अब तक पू विश्व में अपनी अर्थपूर्ण महत्ता का निर्वहन करता रहा है । इस संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बस्तर के कोण्डागांव जिले के एक औषधि कृषक डॉ राजाराम त्रिपाठी का चयन पू छग प्रदेश के लिये गर्व का विषय है । जिले के आयुर्वेद प्रेमियों ने इस नियुक्ति पर हर्षित हो कर कहा है कि यह प्रसन्नता की बात है कि आयुर्वेद विश्व परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हमा जिले के निवासी है।
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यशवंत सिंह yashwant singh
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- मंजुल भारद्वाज
रंगकर्म और साधन सम्पन्नता – बड़ी आकर्षक और दिल को छूने वाली बात है हर रंगकर्मी का ख्वाब होता है की उसके रंगकर्म के लिए सभी संसाधन मौजूद हों चाहे वो “राज्य व्यवस्था” उपलब्ध कराए या समाज व्यवस्था उपलब्ध कराए... बड़ी अच्छी बात है ..और दिल की बात है और दिल की बात हर व्यक्ति को पसंद आती है ... पर क्या रंगकर्म केवल लोक लुभावन दिल को छूने भर की कला है .. नहीं रंगकर्म दिल को छूते हुए दिमाग को झक झोरने और चिंतन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने वाली , मानसिक रूढ़ियों को तोड़ने वाली कला है .. यानी इंसान को इंसान बनाये रखने वाली विधा है ..एक ऐसे “व्यक्ति और समाज” का निर्माण करने वाली विधा जो न्याय संगत और शोषण मुक्त हो, जो मानवीय मूल्यों , शांति, सौहार्द और समानता वाली व्यवस्था का निर्माण करे .
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यशवंत सिंह yashwant singh
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सब लोग किसी न किसी उद्देश्य को लेकर तत्परमान है, चिन्तित है। हमारी जाति, हमारा धर्म, ये वो से लेकर पंथ, वाद, विवाद तक के मामले चलायमान है सोशल मीडिया पर। सब परेशान है। दूसरे को लेकर तीसरे और चाौथे को लेकर पहले वाले सब परेशान है कि वही सही हैं और बाकी सब गलत। सब अपनी सोच, विचार और अपने मंतव्य को लेकर एक तरह से गतिमान है कि उनका सोचना ही सही है बाकी सब मुर्ख है। अभी मिसाईल मैन का निधन हुआ है और इसपर सेकुलर से लेकर बहुतायत लोगों के पोस्ट और कमेन्ट आये हैं। किसी भी समाज में कटेगेरिशन का बहुत महत्व है। जितना ही गहन विचार किसी विषय विशेष पर होगा उतने ही अधिक उसके विभाग होंगे। आज हम वैश्विक वैचारिक जनसंचार के राहों में हैं। सोशाल मीडिया ने विश्व को वह प्लेटफार्म दिया है जिसपर अनेक समाज, जाति, पाति और पंथ आदि सहित बहुतायत लोग अपने विचार और उसपर प्रतिपुष्टिीकरण कर एकतरह मनःस्थिति के प्रति बदलाव की क्रान्ति कर सकते हैं। हमारा देश, हमारा समाज हमेशा ही से एक तरह से रूढ़ीवादिता का पोषक रहा है।
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यशवंत सिंह yashwant singh
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यशवंत सिंह yashwant singh
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डॉ. वेदप्रताप वैदिक
इससे अच्छा महाप्रयाण क्या हो सकता है? डॉ. अब्दुल कलाम को वह सौभाग्य मिला, जो आज तक भारत के किसी भी राष्ट्रपति को नहीं मिला। वे अंतिम क्षण तक कार्यरत रहे। राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद भी वे जितने सक्रिय रहे, कोई और राष्ट्रपति नहीं रहा। वे राष्ट्रपति नहीं बनते तो भी वे बड़े आदमी थे। वे भारत के ऐसे पहले राष्ट्रपति थे, जो राजनीति से किसी भी तरह जुड़े नहीं थे। वैसे कोई व्यक्ति अक्सर राष्ट्रपति तो कई निजी विशेषताओं के कारण बनता है लेकिन राष्ट्रपति बनने के लिए अनेक राजनीतिक परिस्थितियां ही जिम्मेदार होती हैं। अब्दुल कलाम शुद्ध अपने गुणों के कारण राष्ट्रपति बने। मिसाइलमेन की तौर पर विख्यात होकर वे भारत रत्न तो बन ही चुके थे। उनके निधन पर सारे देश में जैसा शोक का माहौल बना है, वही बताता है कि वे कितने लोकप्रिय थे।
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यशवंत सिंह yashwant singh
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हिमालय नीति अभियान
गाँव खुंदन, डाक बंजार, जिला कुल्लू , हिमाचल प्रदेश।
Note on NGT order on Manali Rohtang Tourism to Press for publication and public debate
दिनांक: 12-7-2015
नेशनल ग्रीन ट्रिवूनल (एनजीटी) के 6 जुलाई 2015 के आदेशानुसार अब घोड़ों, वर्फ के स्कूटर, ATV, पेराग्लाइडिंग इत्यादि के चलाने पर भी रोक लगा दी है। इस से पहले मनाली रोहतांग सड़क पर दस बर्ष पुराने व डीजल वाहनों के चलाने पर पाँच मई से रोक लगा दी गई थी तथा इस सड़क पर दिन में केवल छ: सौ पेट्रोल व चार सौ डीजल के पर्यटन वाहन को चलाने की अनुमति दी थी। 2008 से चल रहे इस केस में कई अलग –अलग आदेशों में एन जी टी ने सोलंग नाला व इस सड़क के अन्य स्थलों पर से सभी खोखों व ढ़ावों को हटाने तथा लघु पर्यटन से जुड़ी बहुत सी सेवाओं पर भी रोक का फर्मान जारी किया है।
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यशवंत सिंह yashwant singh
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डॅा राजाराम त्रिपाठी
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यशवंत सिंह yashwant singh
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Shriman Sampadak Mhodya ji,
Mera naam Sanjeev Sharma hai me Haryana Ke Yamunanagar Distt. Ke Chote se village Machhrouli ka rahnewala hu. Shriman ji dinak 19 April 2015 ko me apni wife ke sath Bilaspur me Satsang me gye the, meri wife ko thoda temperature tha to jab hum satsang se nikle to mene socha ki Dr. se medicine le lete hai, jiske liye hum Bilaspur me hi Arogya Clinic me Dr. Jagmal ke pass chle gye. Dr. Jagmal ne temperature check kiya to 99 digri tha. Uske bad Dr. Jagmal bole ki blood test karwalo hume blood test karwaliya jisme thoda tifid ki compliant thi. Dr. Jagmal ne tifid ke liye injection laga diya jiske turent bad meri wife ki condition bout khrab ho gayi. Jab iske bare me Dr. Jagmal ko batya to usne nazerandaj kar diya. Sirf 15 minute me meri wife ki death ho gyi hume chod kar dr. Jagmal bag gya.
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यशवंत सिंह yashwant singh
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Shri Sitaram Rasoi
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- ललित गर्ग-
मिसाइलमैन के नाम से प्रसिद्ध एवं बच्चों के चेहते डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अब हमारे बीच नहीं रहे। एक सच्चा देशभक्त हमसे जुदा हो गया। देह से विदेह होने के क्षणों को भी इस महापुरुष ने कर्ममय रहते हुए बिताया। वे जन-जन के प्रेरणास्रोत थे, विजनरी थे। उन्होंने राष्ट्र को शक्तिशाली बनाने के लिये अस्त्र-शस्त्र की शक्ति को संगठित करने पर जोर दिया वही अमन एवं शांति के लिये अहिंसा को भी तेजस्वी बनाया। वे समय-समय पर अहिंसा को भी संगठित करने के लिये संतों एवं अध्यात्मपुरुषों से मिलते रहे। वे दुनिया को अणुबम से अणुव्रत ( अहिंसा ) की ओर ले जाने वाले विरल महामानव थे। अहिंसा की प्रेरणा उन्हें आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने दी थी और उससे वे इतने अधिक प्रभावित थे कि अपना हर जन्म दिन आचार्य महाप्रज्ञ की सन्निधि में ही मनाते थे। जहां भी आचार्य महाप्रज्ञ होते वे वहां पहुंचा जाते थे।
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यशवंत सिंह yashwant singh
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डाॅ. चंचलमल चोरडिया
अच्छे स्वास्थ्य हेतु निम्नतम आवश्यकताएँ-
स्वस्थ जीवन जीने के लिए शरीर, मन और आत्मा, तीनों की स्वस्थता आवश्यक होती है। तीनों एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। तीनों के विकारों को दूर कर तथा सन्तुलित रख आपसी तालमेल द्वारा ही स्थायी स्वास्थ्य को प्राप्त किया जा सकता है। अतः स्वास्थ्य की चर्चा करते समय जहाँ एक-तरफ हमें यह समझना आवश्यक है कि शरीर, मन और आत्मा का सम्बन्ध क्या है? किसका कितना महत्त्व है? दूसरी तरफ जीवन की मूलभूत आवश्यक ऊर्जा स्रोतों का सम्यक् उपयोग करना होता है तथा दुरुपयोग अथवा अपव्यय रोकना पड़ता है।
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यशवंत सिंह yashwant singh
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‘‘जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग। चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग।’’ रहीमदास के इस सूक्ति-परक दोहे को प्रयोग कर नीतीश कुमार चन्दन और विषधर भुजंग के प्रतीकात्मक पात्रों की खोज की जिज्ञासा जगाई, जब खुद (नीतीश कुमार) को चन्दन और सहयोगी (लालू यादव) को भुजंग के रूप में समीक्षा-पंडितों ने शिनाख्त की, जो सर्वथा यर्थार्थ यानी नीतीश कुमार का प्रकट मन्तव्य था। तो कथित बिहारी-गठजोड़ पर नकारात्मक प्रभाव को भांपते ही बिहारी सीएम नीतीश कुमार तत्काल बोले भुजंग लालू को नहीं बीजीपी को कहा है। यानी अपने ही मन्तव्य को वाणी में पलट देने वाली ‘‘उत्तम प्रकृति’’ का परिचय दे दिया। इस सन्दर्भ में रहीमदास के उक्त दोहे के भाष्य की आवश्यकता महसूस हुई, जो प्रस्तुत है।
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यशवंत सिंह yashwant singh
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: पत्रकारिता विश्वविद्यालय के सत्रारम्भ कार्यक्रम में आज दूसरे दिन प्रख्यात विद्वानों के हुए व्याख्यान : भोपाल । विश्व में यदि हमें अग्रिम पंक्ति में स्थान पाना है तो ज्ञान आधारित क्षेत्रों में अपना योगदान बढ़ाना होगा। इसके लिए आवश्यक है कि हम अपने खुद के उत्पाद एवं ब्राण्ड विकसित करें। तकनीकी क्षेत्रों में भारतीय मानव संसाधन दुनिया में पहचाना जाता है परंतु इनके द्वारा तैयार किए गए तकनीकी उत्पाद का फायदा वैश्विक मल्टीनेशनल कंपनियाँ उठाती हैं। इससे भारतीय ज्ञान एवं प्रतिभा से प्राप्त मुनाफा विदेशी कंपनियों को प्राप्त होता है। इसे रोकने के लिए भारत को तकनीकी राष्ट्रवाद एवं आर्थिक राष्ट्रनिष्ठा की ओर जाना होगा। यह विचार आज प्रख्यात अर्थशास्त्री एवं पैसिफिक विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा ने टी.टी.नगर स्थित समन्वय भवन में चल रहे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के सत्रारम्भ कार्यक्रम के दूसरे दिन व्यक्त किए।
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यशवंत सिंह yashwant singh
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By Asees Bhasin
In a map of a survey released last year by The Washington Post, India was ranked as one of the most racist countries in the world. Through the course of this article, I have tried inspecting the reasons which many have caused a deep rooted xenophobia in the minds of the Indian populace.
Racism as an ego defence mechanism
After two hundred years of colonial domination and being labelled as barbarians, the Indian identity faced a major setback. The belief that India needed saving from itself and the initiation of an entire ‘civilizing mission’ for the populace reiterated a sense of Indian inferiority time and again. Some regressive Indian cultural practices were questioned at a global level, and many were changed. The attempt to get the Indians to emulate the Western ways of living infuriated the Indians, while making them question their own identity time and again. Post independence, in order to counter the existing mindset, a strong patriotic identity was forged. This identity led to an exaltation of Indian culture and practices, and portrayed these to be superior to British or Western tradition.
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यशवंत सिंह yashwant singh
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हिंदू धर्म में सावन का महीना काफी पवित्र माना जाता है। इसे धर्म-कर्म का माह भी कहा जाता है। सावन महीने का धार्मिक महत्व काफी ज्यादा है। बारह महीनों में से सावन का महीना विशेष पहचान रखता है। इस दौरान व्रत, दान व पूजा-पाठ करना अति उत्तम माना जाता है व इससे कई गुणा फल भी प्राप्त होता है। इस बार का सावन अपने आप में अनूठा होगा। इस बार 144 साल बाद सावन महीने में सौभाग्य योग बनेगा। श्रद्धालुओं में इसे लेकर खासा उत्साह है।
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यशवंत सिंह yashwant singh
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ASHUTOSH VERMA
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