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28.7.15

शहर में दो गर्ल्स कॉलेज हैं या सरकार के मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने सदन में मुनमुन के सवाल का गलत जवाब दिया है? 
   सिवनी के विधायक दिनेश मुनमुन राय ने नेता जी सुभाषचंद्र बोस कन्या महाविद्यालय के संबंध में विधानसभा में प्रश्न पूछा। इसका जवाब देते हुये प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने जवाब दिया कि,सिवनी के नेताजी सुभाषचंद्र बोस कन्या माविद्यालय के पास भवन नहीं हैं इस वजह से यूजीसी से राशि नहीं मिल पा रही है। जबकि बींझावाड़ा की भूमि पर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वोरा ने गर्ल्स कालेज का भूमिपूजन किया था जिसमें कालेज भवन के साथ साथ पचास पचास सीट के दो हास्टल भी बनाये गये थे। लेकिन शहर से दूरी को मुद्दा बनाकर जब विरोध पुनः हुआ तो तत्कालीन भाजपा विधायक नरेश दिवाकर की पहल पर उस अपने खुद के भवन को छोड़कर इस कालेज को एक बार फिर उसी जेल भवन में ले जाया गया।इसी दौरान शासकीय कन्या महाविद्यालय का नामकरण नेताजी सुभाषचंद्र बोस कन्या महाविद्यालय के रूप में कर दिया गया। लेकिन कालेज का स्थापना वर्ष तो एक ही है। व्यापम के विरोध में प्रदेश कांग्रेस के आव्हान पर 16 जुलाई को जिले में भी बंद का आव्हान किया गया था। कांग्रेस के इस बंद को जिल मुख्यालय लगभग सभी बड़े कस्बों में आशातीत सफलता मिलने से जिले के कांग्रेसी उत्साहित है। प्रदर्शनकारी युवा कांग्रेसी कार्यकर्त्ताओं पर पुलिस ने अश्रु गैस के गोलों के साथ जम कर लाठी भी भांजी जिसमें सिवनी जिले के बरघाट विस क्षेत्र के युवक कांग्रेस के अध्यक्ष देवेन्द्र ठाकुर भी घायल हो गये और उनके हाथ की हड्डी टूट गयी।

मुनमुन के सवाल से उठे कई सवाल-सिवनी के विधायक दिनेश मुनमुन राय ने नेता जी सुभाषचंद्र बोस कन्या महाविद्यालय के संबंध में विधानसभा में प्रश्न पूछा। इसका जवाब देते हुये प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने जवाब दिया कि,सिवनी के नेताजी सुभाषचंद्र बोस कन्या माविद्यालय के पास भवन नहीं हैं इस वजह से यूजीसी से राशि नहीं मिल पा रही है। जेल भवन की भूमि को महाविद्यालय को देने के लिये उच्च शिक्षा विभाग ने अर्धशासकीय पत्र लिखकर इस संबंध में कार्यवाही करने को लिखा है। विधायक के प्रश्न और मंत्री के द्वारा दिये गये जवाब से यह सवाल पैदा हो गया है कि क्या शहर के दो गर्ल्स कॉलेज है? ऐसा सवाल इसलिये उठ खड़ा हुआ क्योंकि सन 1980 के दशक में जिले में छात्राओं को उच्च शिक्षा मिले इसकी मांग उठने लगी थी। प्रदेश की तत्कालीन दबंग कांग्रेस सरकार की मंत्री कु. विमला वर्मा की पहल पर जिले के सिवनी मुख्यालय में शासकीय कन्या महाविद्यालय खोला गया था जो अपने शुरुआती दिनों में एमएलबी स्कूल में लगा था। फिर कुछ समय बाद इसे जेल के भवन में स्थानान्तरित कर दिया गया था। जब प्रदेश के मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा थे तब प्रदेश के उच्चशिक्षा मंत्री चित्रकांत जैसवाल जिले के प्रभारी मंत्री थे। उसी समय इस कालेज के भवन के लिये राशि स्वीकृत हुयी और जिले की प्रथ महिला कलेक्टर श्रीमती आभा अस्थाना ने निकटवर्ती ग्रात बींझावाड़ा की लगभग 40 एकड़ शासकीय भूमि चिन्हित की जिसमें से 15 एकड़ जमीन गर्ल्स कालेज के लिये आवंटित की गयी एवं शेष जमीन कलेक्टरेट सहित ऐसे शासकीय कार्यालयों को आवंटित कर दी थी जिनके स्वयं के भवन नहीं थे। इसी भूमि पर प्रदेश के मुख्यमंत्री वोरा ने गर्ल्स कालेज का भूमिपूजन किया था जिसमें कालेज भवन के साथ साथ पचास पचास सीट के दो हास्टल भी बनाये गये थे। छुट पुट स्थानीय विरोध के बाद भी गर्ल्स कॉलेज नये भवन में ले जाया गया एवं आवागमन की दिक्कत को देखते हुये एक कालेज बस भी सरकार ने दिलायी थी।लेकिन शहर से दूरी को मुद्दा बनाकर जब विरोध पुनः हुआ तो तत्कालीन भाजपा विधायक नरेश दिवाकर की पहल पर उस अपने खुद के भवन को छोड़कर इस कालेज को एक बार फिर उसी जेल भवन में ले जाया गया। और कालेज के उस भवन का तो कुछ उपयोग हो भी रहा है लेकिन हास्टल के दोनों भवन बिना चालू हुये ही खंडहर में तबदील होते जा रहे है। तात्कालिक राजनैतिक लाभ के लिये गये इस निर्णय से कालेज का कितना नुकसान हुआ इसका अंदाज तो सदन में दिये गये उच्च शिक्षा मंत्री के बयान से ही लग रहा है खुद का भवन ना होने के कारण यूजीसी के अनुदान प्राप्त नहीं हो सकते है। इससे कालेज का पूरा विस्तार ही थम गया है। इसी दौरान शासकीय कन्या महाविद्यालय का नामकरण नेताजी सुभाषचंद्र बोस कन्या महाविद्यालय के रूप में कर दिया गया। लेकिन कालेज का स्थापना वर्ष तो एक ही है। सदन में उच्च शिक्षा मंत्री गुप्ता द्वारा दिये गये बयान से प्रतीत होता है कि शहर में या तो दो गर्ल्स कॉलेज हैं या फिर उन्होंने सदन में गलत बयानी की है कि जिले के कन्या महाविद्यालय के पास अपना खुद का भवन नहीं हैं क्योंकि नेता जी सुभाषचंद्र बोस कन्या महाविद्यालय के रूप में जिले के शासकीय कन्या महाविद्यालय का ही नामकरण किया गया था। अब यह एक शोध का विषय बन गया है कि जिस कालेज का एक भवन हो और वह अपने भवन में नहीं लग रहा है तो क्या यूजीसी उसी कालेज के लिये दूसरा भवन बनाने के लिये राशि देगी? और क्या जिले की छात्राओं को दिखाये जा रहे सपने पूरे होंगें? इनके जवाब भविष्य की गर्त में छिपे हुये हैं।
व्यापम के विरोध में कांग्रेस का बंद रहा सफल-व्यापम के विरोध में प्रदेश कांग्रेस के आव्हान पर 16 जुलाई को जिले में भी बंद का आव्हान किया गया था। कांग्रेस के इस बंद में जिले भर में व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रखने का आव्हान कांग्रेस ने किया था। कांग्रेस के इस बंद को जिला मुख्यालय लगभग सभी बड़े कस्बों में आशातीत सफलता मिलने से जिले के कांग्रेसी उत्साहित है। जिस तरह से भाजपा के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर बंद का विरोध किया था उससे ऐसा लगता था कि भाजपा के लोग सड़क पर उतरकर शायद बंद का विरोध करें। कुछ जानकारों का ऐसा मानना है कि भाजपा के कुछ नेताओं की ऐसी तैयारी भी थी लेकिन शहर में कांग्रेस के सभी गुट के लोगों के एक साथ सड़क पर उतर कर बंद में सहयोग देने के लिये की गयी अपील अधिक कारगर साबित हुयी और लोगों ने स्वयं ही अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। प्रदेश के युवाओं की योग्यता के साथ किये गये शिवराज सरकार के व्यापम के खूनी खिलवाड़ के खिल
ाफ लोगों में आक्रोश था और इसी के चलते कांग्रेस को अपने बंद में सफलता मिली। राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर पर कांग्रेस जिस आक्रामक तरीके से इस मामले को उठा रही है उससे प्रदेश में पहली बार भाजपा और शिवराज सिंह बेकपुट पर दिखायी दे रहे हैं। इस मामले में भाजपा आला कमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्तीफे को लेकर चाहे जो भी निर्णय ले लेकिन इस मामले से प्रदेश में भाजपा की साख को जरूर धक्का लगा है।  
घेराव के दौरान देवेन्द्र ठाकुर की हड्डी टूटी-व्यापम के विरोध की श्रृंखला में प्रदेश युवक कांग्रेस ने मुख्यमंत्री निवास के घेराव की घोषणा की थी। इसमें जिले से कई युवा कांग्रेसी शरीक हुये थे। प्रदर्शनकारी युवा कांग्रेसी कार्यकर्त्ताओं पर पुलिस ने अश्रु गैस के गोलों के साथ जम कर लाठी भी भांजी जिसमें सिवनी जिले के बरघाट विस क्षेत्र के युवक कांग्रेस के अध्यक्ष देवेन्द्र ठाकुर भी घायल हो गये और उनके हाथ की हड्डी टूट गयी। कांग्रेस शासनकाल में कभी ये ही भाजपा के कार्यकर्त्ता गला फाड़ फाड़ कर नारे लगाते थे कि लाठी गोली की सरकार नहीं चलेगी चलेगी और आज भाजपा की सरकार ही अपने मुख्यमंत्री के निवास तक लोग ना पहुंच पाये इसके लिये लाठियां भांज रही है। “मुसाफिर” 
दर्पण झूठ ना बोले सिवनी
28 जुलाई 2015 से साभार 







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