इटावा । हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आज प्रेस क्लब इटावा के तत्वाधान मे प्रेस क्लब भवन मे वरिष्ठ पत्रकारों, साहित्यकारो का सम्मान किया गया। प्रेस क्लब भवन, इटावा मे संपन हुए हिंदी पत्रकारिता दिवस के आयोजन मे जिला सूचना अधिकारी मातादीन मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
प्रेस क्लब इटावा के अध्यक्ष दिनेश शाक्य की अध्यक्षता मे आयोजित हिंदी पत्रकारिता दिवस के मौके पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद चंद पांडे, महादेव बर्मन, सुधर सिंह यादव, कहानीकार साहित्यकार प्रो.दिनेश पालीवाल, प्रेस क्लब के कानूनी सलाहकार एडवोकेट, पूर्व पत्रकार, बहुभाषिया मोहिसन अली को माल्यार्पण करके, शॉल उडाकर, प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस के अलावा के.के.डिग्री कालेज के अध्यक्ष विजय शंकर वर्मा, लोकप्रिय कवि मनोज कुमार, फिल्मकार सौरभ पालीवाल को भी सम्मानित किया गया।
प्रेस क्लब के महामंत्री विशुन कुमार ने संचालन करते हुए हिंदी पत्रकारिता दिवस का महत्व बताते हुए कहा कि 30 मई देश में हिंदी पत्रकारिता के लिहाज से सबसे अहम दिन माना जाता है क्योंकि इसी दिन 1826 में हिंदी भाषा का पहला समाचार पत्र ‘उदंत मार्तंड’ आया था, जिसने भारत में हिंदी पत्रकारिता की नींव रखी। इसलिए हर वर्ष की 30 मई को ‘हिंदी पत्रकारिता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। पत्रकारिता आज दुनिया का अभिन्न अंग बन चुकी है। लोकतंत्र में तो मीडिया को ‘चौथा स्तंभ’ का दर्जा प्राप्त है। उस समय जब देश में अंग्रेजी, फारसी और बांग्ला भाषा में कई संचार पत्र थे। ऐसे में पहले हिंदी संचार पत्र का आना हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम था।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार विनोद चंद पांडे ने अपने संबोधन में पत्रकारिता के बीच आनी वाली तमाम दुश्वरियों का ज्रिक करते हुए कहा कि प्रेस क्लब, इटावा के अध्यक्ष समेत सभी पदाधिकारी पत्रकारों के न्यायोचित मुददों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में काम करेंगे, ऐसी आशा है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के क्रम में अधिकारियो के आगे पीछे रहने की परपंरा निश्चित ही कहीं ना कहीं मुसीबत खड़ी करने वाली होती है। इससे बचने की बेहद जरूरत है।
पुरानी बातों का ज्रिक करते हुए उन्होंने कहा कि कई बार पत्रकारों पर मुसीबत आई है लेकिन एकजुटता की वजह से उन संकटों से उबरने में कामयाब रहे। उन्होंने आगे कहा कि पत्रकारो में वैचारिक मतभेद होने चाहिए लेकिन व्यक्तिगत मतभेदो से एक दूसरे को दूर रहना चाहिए। जो पत्रकार व्यक्तिगत मतभेद मानते हैं उन्हें पत्रकारिता छोड़ कर राजनीति में आ जाना चाहिए।
कहानीकार साहित्यकार प्रो.दिनेश पालीवाल ने पत्रकारों को नसीहत देते हुए कहा कि पत्रकारिता में कई विधाये होती हैं। किसी एक विधा की पत्रकारिता ना करते हुए सभी विधाओं और विषयों में लिखना चाहिए। सिर्फ राजनीत या अधिकारियों के पीछे पत्रकारिता करने के बजाय सामाजिक मुददों को भी प्रमुखता से उठाना चाहिए। तभी सही मायने में पत्रकारिता के प्रति न्याय होगा।
प्रेस क्लब इटावा के अध्यक्ष दिनेश शाक्य ने कहा कि पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं है एक मिशन है जिसमें पत्रकार अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को एक बेहतर आईना दिखाने का काम कर सकते हैं। सभी पत्रकारों को चाहिए अपनी लेखनी के जरिये ऐसा काम करें ताकि किसी को ना तो अपमानित करें और खुद भी अपमानित होने से बचें।
प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष सोहम प्रकाश यादव, महेंद्र सिंह चौहान, मंत्री संजय सक्सैना, रामनाथ सिंह, बृजेश सक्सैना, रमेश यादव, वी.पी.राजन, सुशील सम्राट, रामवीर सिंह के अलावा इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधि अमित मिश्रा, मोहम्मद फारिक ने भी हिंदी पत्रकारिता दिवस पर अपने विचार प्रकट किये।
इस मौके पर उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार वेदव्रत गुप्ता, मोहम्मद वारिस, वी.पी.सिंह यादव, प्रेमशंकर शाक्य, यशवंत चतुर्वेदी, ओमप्रकाश बाथम, राजेंद्र सिंह भदौरिया, कुलदीप सिंह, रविंद्र शर्मा, सफात उल्ला बेग, बहाज अली खान निहाल, प्रमोद दीक्षित, नितिन गुप्ता, राजेश जैन, गुलशन कुमार, रजत सिंह, अमित वर्मा, सुनील पारसर, आकिब एजाज, प्रेस फोटोग्राफर दिलीप सिंह छोटू, आंनद, रवि बघेल, प्रचार मंत्री नील कमल आदि उपस्थित रहे।
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