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24.12.19

नागरिकता कानून तो एक बहाना है असल मुद्दों से ध्यान भटकाना है

देश में इस वक्त हालात बद से बदतर होते नजर आ रहे हैं ऐसा कोई भी फैसला बीजेपी सरकार ने लिया हो और उस पर विरोध प्रदर्शन ना हुआ हो, यह तो कभी हो ही नहीं सकता है. बीजेपी सरकार ने अपने पिछले शासनकाल में नोटबंदी और जीएसटी का ऐतिहासिक फैसला लेकर लोगों को इस तरह उलझाया...पता ही नहीं चला कि बीजेपी के 5 साल कैसे गुजर गए. लोगों को लगा कि सरकार को अभी और वक्त चाहिए  भारत को न्यू इंडिया बनाने के लिए.... अब सरकार ने अपने अगले 5 साल गुजारने के लिए नागरिकता संशोधन कानून के जाल में लोगों को इस कदर उलझा दिया है कि लोग आपस में ही उलझे रह जाएं और देश के जो असली मुद्दे हैं उनसे ध्यान बिल्कुल ही हट जाए. साथ ही देखते ही देखते सरकार के 5 साल फिर से ऐसे ही गुजर जाए.

बीजेपी सरकार द्वारा लाए गए नागरिक संशोधन कानून को लेकर देश के हर राज्य में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं हालांकि प्रधानमंत्री का कहना है कि यह एक किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं है सभी धर्मों को एक समान समझा गया है.
देश में बेरोजगारी,भुखमरी,गिरती अर्थव्यवस्था,महंगाई,डीजल पेट्रोल के आसमान छूते दाम, इन सब से सरकार को कोई मतलब नहीं है. पहले नोटबंदी फिर, जीएसटी फिर , तीन तलाक, फिर धारा 370, उसके बाद राम जन्मभूमि और अब सरकार का नया खेल नागरिक संशोधन कानून.... आखिरकार सरकार चाहती क्या है? क्या लोग हमेशा उलझे रहे... तो कया जनता ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार को इसलिए चुना ताकि अब वह इतनी कपकपाती ठंड में सड़कों पर आकर विरोध प्रदर्शन करें ?

यहां पर नरेंद्र मोदी के दोहरे रवैए को समझना बहुत जरूरी है

बीते हफ्ते झारखंड में हुई एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि 'यह जो लोग आग लगा रहे हैं', यह कौन है? उनके कपड़ों से ही पता चलता है. आप समझ सकते हैं कि जिस इंसान पर 130 करोड़ भारतवासियों की डोर है वह इस तरह का बयान देकर आखिर क्या संदेश देना चाहता है. नरेंद्र मोदी का यह बयान सिर्फ मुस्लिमों के प्रति नफरत की भावना को दर्शाता है. शायद इसलिए भी नागरिक संशोधन कानून में मुस्लिम समुदाय को इस कानून से बाहर रखा गया है ऐसा मेरा कहना नही है. मोदी जी का बयान और उनकी मंशा साफ बता रही है.

नरेंद्र मोदी की बात को उनके कार्यकर्ता भी पूरे करते नजर आ रहे हैं पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ता द्वारा लूंगी और टोपी पहन कर कुछ लड़कों के साथ रेलवे के इंजन को पत्थरों से नुकसान पहुंचाते हुए मुर्शिदाबाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था. पुलिस पूछताछ में पता चला कि इनमें से एक भाजपा कार्यकर्ता है जो इन सभी लड़कों को लेकर मुस्लिमों की वेशभूषा धारण किए तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है अपना बचाव करते हुए भाजपा अध्यक्ष गौरीशंकर घोष ने उसे पार्टी का कार्यकर्ता मानने से इनकार कर दिया हालांकि वह भाजपा का ही कार्यकर्ता था इस बात की पुष्टि हो गई है.


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिना इस घटना का जिक्र करते कहा था कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के लिए टोपियां खरीद रही है जिससे वे इसे पहनकर हिंसा करें और इल्जाम विशेष समुदाय पर आए.उन्होंने कहा था, ‘भाजपा के जाल में मत फंसना. वे इसे पूरी तरह से हिंदू-मुस्लिम की लड़ाई में बदलने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं है… हमें यह सूचना मिली है कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के लिए टोपी खरीद रही है. वे… एक समुदाय को बदनाम करने के लिए… इसे पहनकर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हुए तस्वीरें खिंचवा रहे हैं, वीडियो बनवा रहे हैं.

सबसे बुरा हाल उत्तर प्रदेश का है जहां पर 16 मौतें हो चुकी हैं

एनकाउंटर करने में मशहूर यूपी की पुलिस के कारनामो  से तो आप भली-भांति परिचित है. यूपी पुलिस को लोगों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में अपने हाथ खोलने का मौका भी मिल गया है. प्रदर्शन हो रहा हो और यूपी पुलिस फायरिंग ना करें ऐसा हो सकता है क्या?

नागरिकता कानून को लेकर प्रदर्शन करने के दौरान यूपी में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है और 263 पुलिसकर्मियों घायल हुए हैं. देश में हो रहे विरोध प्रदर्शन में अभी तक सभी राज्य में से केवल यूपी में ही 16 मौतें हो चुकी हैं जो कि यह बहुत बड़ी बात है

उत्तर प्रदेश पुलिस भले ही लगातार हिंसा के दौरान फ़ायरिंग की बात से इनकार कर रही है. लेकिन कानपुर का एक ऐसा वीडियो आया है कि जिसमें यूपी पुलिस फ़ायरिंग करती दिख रही है.उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा में अब तक 16 लोगों की मौत हुई है. जिसमें ज़्यादातर मौतें बुलेट इंजरी से हुई है. इस पर डीजीपी ओपी सिंह का दावा है कि पुलिस ने फ़ायरिंग नहीं की है लिहाज़ा उसमें किसी की मौत नहीं हुई है. उनका ये भी कहना है कि जो भी मौतें हुई हैं वो प्रदर्शनकारियों के बीच हुई क्रॉस फ़ायरिंग में हुई हैं. आपको बता दें कि कल कानपुर में हुई हिंसा में चौकी को फूंक दिया गया था. पुलिस पर पथराव भी हुआ. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और कई लोगों पर लाठीचार्ज किया.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि नागरिकता कानून भारत के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारंटी देता है. केन्द्र और प्रदेश की सरकार हर नागरिक की सरकार है. सरकार और कानून-व्यवस्था पर भरोसा रखें. किसी के बहकावे में न आएं. कानून को अपने हाथ में न लें. यदि नागरिकता कानून को लेकर मन में कोई आशंका भी है, तो कानून को हाथ में लेने के स्थान पर प्रधानमंत्री के उस कथन पर भरोसा रखें, जो उन्होंने नागरिकता बिल के सन्दर्भ में कहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' की नीति के आधार पर कार्य कर रही है.

अब योगी आदित्यनाथ से यह अपील करने जरूरी है कि अपने प्रदेश की कानून व्यवस्था तो खुद आपकी पुलिस हाथ में ले रही है वह भी लोगों को मौत के घाट उतार कर| यहां पर लोगों की जिंदगी छीनी जा रही है  सबका साथ कहां से मिलेगा जब आपकी पुलिस द्वारा लोग ही नहीं बचेंगे तो विश्वास कहां से बनेगा. 16 लोगों की मौत पर योगी आदित्यनाथ ने एकदम चुप्पी साधी हुई है यानी कि 16 मौतें उनके लिए कुछ भी नहीं है.

जानकारों का कहना है कि सरकार द्वारा ऐसे समय में इस बिल को लाया गया जिस समय हमारे देश मे बेरोजगारी, भुखमरी और महंगाई अपने चरम सीमा पर पहुंच चुकी है. अर्थव्यवस्था के हालात तो आप देख ही रहे हैं पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छूते नजर आ रहे हैं. जानकारों का यह भी मानना है कि लोगों का ध्यान मुद्दों से भटकाया जाए ताकि लोग आपस में ही उलझ कर इन सभी मुद्दों पर बात ही ना करें और ना ही सरकार से कोई सवाल पूछे. लोगों को आपस में उलझाने के लिए ही इस बिल को लाया गया जोकि अब विवादित बिल बन गया है अब यही नागरिकता कानून हिंदू और मुस्लिम का रूप धारण कर चुका है. जानकारों ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे हालातों में जिसमें देश पहले से ही बुरे हालातों से गुजर रहा था उस वक्त इस तरह के कानून को लाना केवल सरकार मुद्दों से भटका ना चाहती है हिंदू मुस्लिम तो सिर्फ एक बहाना है सिर्फ जनता को मुद्दों से भटक आना है

प्रवेश चौहान (जर्नलिज्म छात्र), दिल्ली यूनिवर्सिटी

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