फोटो- ज्ञापन देते उपजा के लोग
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर केंद्रीय प्रशासनिक उत्पीड़न के संबंध में पत्रकारों में आक्रोश
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के कुत्सित प्रयास से आक्रोशित उपजा
राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को गया सौंपा
25.7.21
समाचार पत्र व न्यूज़ चैनल पर छापे से कई जिलों के पत्रकार आक्रोशित-आंदोलित
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yashwant
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19.7.21
पवार के मोदी से मिलने के मायने
-निरंजन परिहार
वैसे तो देश के दो बड़े नेताओं का मिलना कोई बड़ी खबर नहीं बनता, लेकिन नेता अगर शरद पवार हो, मुलाकात अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हो और मामला महाराष्ट्र का हो, तो सचमुच बड़ी खबर तो बन ही जाता है। क्योंकि महाराष्ट्र में तीन दलों की खिचड़ी सरकार के गठबंधन की गांठ पवार ही है, और बीजेपी उस सरकार के कभी भी गिरने के सपनपाले बैठी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात प्रधानमंत्री आवास पर हुई। दोनों नेताओं की करीब एक घंटा मीटिंग चली। इससे एक दिन पहले शरद पवार ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल से मुलाकात की थी। अब इन मुलाकातों के कई मायने निकाले जा रहे हैं। और सबसे बड़ी चर्चा यही है कि बीजेपी-एनसीपी मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना सकते हैं, जो कि बीजेपी चाहती भी है।
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शोषण की पनाहगार सहारा मीडिया: आप वहां अपना खून दे दो, मर जाओ लेकिन आपका पैसा नहीं देंगे...
Prakash Sharma
एक मार्मिक व्यथा...
महोदय प्रणाम,
मेरे सहारा मीडिया के सफर को सुनकर आप लोगों की आंखे भर आयेगी। मैंने सहारा टाइम्स इंग्लिश मैग्जिन में एक ले-आउट डिजाइनर के रूप में जून 2008 में ज्वाइन किया था। जहां पहले से कार्य से खुश होकर मैनेजमेंट ने 5000 रूपये का एक्सीलेंस प्रदान किया। लेकिन 2013 में मैग्जिन बंद होने के बाद मेरा ट्रांसफर सहारा टीवी के स्टोर में कर दिया और 5000 रूपये एक्सीलेंसी काट दी गई। लेकिन मैं पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करता रहा क्योंकि टैक्निकल स्ट्रोंग होने के कारण मैंने बहुत जल्दी कार्य संभाल लिया। लेकिन वहां के मैनेजर दिनेश शर्मा जो कि फेडरल ऑटो वर्क्स के नाम से अपनी निजी कंपनी चलाता है अपने निजि कार्य भी धमकी स्वरूप करवाने लगा।
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एक्सिस बैंक वाले मेरा लगातार पैसा काटे जा रहे हैं...
Shubham singh
shubhamsinghhcs@gmail.com
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12.7.21
पत्रकारों की खंड स्तर के साथ साथ जिला व राज्य स्तर की एक्रीडेशन भी रदद् करे सरकार
Bijender Sharma-
शिमला : सुना है हिमाचल प्रदेश ने पत्रकारों से सुविधाओं कम करने की योजना तैयार की है और इस कड़ी में राज्य के खंड स्तर के पत्रकारों पर सबसे पहले गाज गिरी है, जिनसे सरकार द्वारा खंड स्तर पर दी जाने वाली एक्रीडेशन (मान्यता) को रद्द किया जा रहा है। जैसे जैसे इसकी जानकारी पत्रकारों व उनके संगठनों को मिली है, वैसे ही उनमें कोहराम मच गया है, सरकार पर दबाव बनाने की कोशिशें शुरू हो गयी हैं।
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हम केवल ख़बर, वीडियो नहीं बनाते, जान भी बचाते हैं... क्योंकि हम पत्रकार हैं
Yogesh Mishra-
जब भी हमारे, आपके आसपास किसी तरह की घटना होती है और पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर, रिस्क लेकर लोगों को बचाने का प्रयास करते हैं, तो विरोध करने वाले कई लोग बड़ी आसानी से कहते हैं कि 'पत्रकार हो इसका मतलब क्या? छोटी बात को बड़ा क्यों बना रहे हो भाई? पत्रकार है, मतलब मदद नहीं करेगा, देखना वीडियो बनाएगा? मजलूमों पर अत्याचार करते, गलत काम करते कई असामाजिक लोग धमकाकर कहते हैं, क्यों बीच में आ रहे हो? क्या तुमने ही क्या ठेका लिया है? यह सवाल बिल्कुल सही है, पर जवाब ये है कि 'हां हमने ठेका लिया है। हाँ हम पत्रकार हैं, औरों की तरह तमाशा नहीं देखेंगे, कमज़ोरों को बचाएंगे।'
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11.7.21
न्यू मीडिया के बेहतर इस्तेमाल से समाज को बदला जा सकता है : नरेंद्र नाहटा
सामाजिक समरसता को बचाये रखने के लिए मीडिया साक्षरता की ज़रूरत : प्रोफेसर पुष्पेंद्र पाल सिंह
मंदसौर विश्वविद्यालय में न्यू मीडिया एंड पॉलिटिक्स ऑफ ट्रुथ विषय पर आयोजित हुआ राष्ट्रीय वेबिनार
मंदसौर विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा न्यू मीडिया और पॉलिटिक्स ऑफ ट्रुथ विषय पर 8 जुलाई को राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया । इस वेबिनार में मंदसौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और प्रसिद्ध शिक्षाविद नरेंद्र नाहटा तथा मध्य प्रदेश सरकार के पत्र रोजगार एवं निर्माण के मुख्य संपादक और पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया,भोपाल चैप्टर के चेयरमैन प्रोफेसर पुष्पेंद्र पाल सिंह बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित रहे।
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डिजिटल मीडिया आचार संहिता का उदेश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखना - विक्रम सहाय
पटना : केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा डिजिटल मीडिया आचार संहिता 2021 का उद्देश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखते हुए ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रसारित होने वाली सामग्री के गुणवत्ता को बनाये रखना है। पत्र सूचना कार्यालय (पटना, लखनऊ, रांची एवं देहरादून) द्वारा डिजीटल मीडिया आचार संहिता 2021 पर एक विशेष ई-बैठक को संबोधित करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विक्रम सहाय ने यह बात कही। इस ई-बैठक में आचार संहिता के भाग-3 से जुड़े प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए श्री सहाय ने बताया कि आचार संहिता का उद्देश्य किसी को दंडित करना नहीं है। उन्होंंने बताया कि पिछले कुछ वर्षो में डिजिटल मीडिया की भूमिका काफी बढ़ी है और पिछले 6 वर्षो में इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल 43 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। उन्होंने बताया कि ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रसारित की जाने वाली सामग्री को लेकर शिकायतें मिल रही थीं, जिसके मद्देनजर डिजिटल मीडिया आचार संहिता बनायी गयी है। इसके तहत न्यूज पोर्टल या ओटीटी प्लेटफार्म पर काम कर रहे लोगों के बारे में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सामान्य जानकारी एकत्रित करेगा।
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सत्ता की दुर्गति का आधार है सुख सुविधाओं की अति
सरकार/सत्ता में चेहरा बदलता हैं चाल और चरित्र नहीं। सारे नेताओं का चाल और चरित्र सत्ता मिलते ही वैसा ही हो जाता है जैसा पूर्ववर्ती सत्ता पक्ष के लोगों का होता है। नेता जब तक सत्ता में नहीं होता तब तक शालीन होता है। शालीनता, मानवता का प्रतीक है। सत्ता मिलते ही नेता अभिनेता हो जाता है। कहने का तात्पर्य जिस प्रकार अभिनेता, अभिनय करके किसी भी चरित्र का निर्माण करता हैं। उसी प्रकार नेता सत्ता मिलते ही अभिनय की भूमिका में आ जाता है। अभिनय नाटक का एक अंग है। नेताओ को गौर से देंखे और समझें तो आप पाएंगे कि सत्ता पाते ही नेताओं के बोलने का ढंग,चलने का ढंग,बैठने का ढंग,खान-पान का ढंग,लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करने का ढंग सब कुछ बेढंगा हो जाता है। सत्ता मिलते ही सुख सुविधाओं की अति नेताओं की दुर्गति का कारण बनती है। सुख सुविधा उतनी ही होनी चाहिए जितनी आवश्यक हो।
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8.7.21
शिमला (आंचलिक) यात्रा वृतांत : वो शिमला जिसे शायद आप नहीं जानते!
Saksham Dwivedi-
शिमला का नाम सुनते ही चर्च, मॉल रोड और सैलानियों की भीड़ के दृश्य सामने घूमने लगते हैं . वास्तव में समुद्र तल से 2,206 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस जिले के आँचल में 2 -3 किलोमीटर की भीड़-भाड़ के व शोर के अतिरिक्त पहाड़ की समृद्ध संस्कृति व छिपा हुआ प्राकृतिक सौंदर्य तथा पर्यावरण के क्षरण की चिंता भी बसती है.
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टीम के कैप्टन होने के नाते खुद इस्तीफा देते प्रधानमंत्री!
CHARAN SINGH RAJPUT-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. डॉ हर्षवर्धन, अश्विनी चौबे समेत 11 मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी कर ज्योतिरादित्य सिंधिया, नारायणे राणे, वीरेंद्र कुमार, अश्विनी वैष्णव और भूपेंद्र सिंह समेत 15 मंत्रियों को कैबिनेट में लेकर 43 नये मंत्री भी बना दिये हैं। मोदी सरकार के लिए काम करने वाला गोदी मीडिया मंत्रियों के फेरबदल को पिछड़ों की सरकार की संज्ञा भी देने लगा है। मतलब पिछड़े समाज से अधिक मंत्री बनाने पर मोदी सरकार पिछड़ों की सरकार बन गई है। वह बात दूसरी है कि मोदी के लिए अगड़े पिछड़े सभी अडानी और अंबानी ही हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि इतने बड़े स्तर पर मंत्रियों को हटाकर नये मंत्री क्यों बनाये गये हैं?
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दिलीप कुमार अब कोई नहीं जन्मेगा!
-निरंजन परिहार
बार बार जन्म नहीं लेते दिलीप कुमार !
कहते हैं कि दिलीप कुमार ऐसी शख्सियत थे कि एक बार उनसे जो कोई मिल लेता, वह उनका मुरीद हुए बिना नहीं रहता। परंतु सिनेमा के संसार के चमकते सितारों के बीच काफी समय से रहते हुए भी अपन दिलीप कुमार से कभी नहीं मिले। देवआनंद से अकसर अपन मिलने जाते थे, और उन्होंने कहा भी था कि मुझसे तो रोज मिलते हो और इतना प्यार भी करते हो, पर कभी दिलीप साहब से भी मिलो, तो समझ में आएगा कि मिलना क्या होता है, कोई कैसे किसी से जुड़ता है और कैसे अनजाने को भी अपना बना लेता है। मगर, इसे संयोग कहें, या समय का शिलालेख कि सिनेमाई लेखन से निकल जाने और देव साहब के संसार से चले जाने के साथ ही सिनेमा के लोगों से अपना रिश्ता भी धीरे धीरे रिसता गया। वैसे कभी कोई काम भी नहीं पड़ा दिलीप कुमार से मिलने का। बिना काम किसी से भी मिलने का अपने लिए कोई मतलब भी अपन नहीं मानते। फिर भी मिलते तो, जैसा कि सभी कहते है, शायद अपन भी उनके मुरीद हो जाते। लेकिन मिले ही नहीं तो मुरीद कैसे बनते! फिर भी दिलीप कुमार के दुनिया से विदा लेने के दिन उनकी श्रद्धांजलियों में जितना कुछ उनके बारे में पढ़ पाए, वह अपने आप में उनको जानने, समझने और मुरीद हो जाने के लिए काफी है। उनके निधन पर अमिताभ बच्चन की आकुलता, धर्मेंद्र की आंखों में छलके आंसू और सायरा बानो के पहलू में बैठे शाहरुख खान की सांत्वना से दिलीप कुमार के प्रति दुनिया के मन में बसे सम्मान समझा जा सकता है।
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सभी संप्रदायों में परस्पर प्रेम और सौहार्द्र के पक्षधर हैं RSS प्रमुख
कृष्णमोहन झा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हाल में ही गाज़ियाबाद में आयोजित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एक समारोह में जो व्याख्यान दिया उसकी देश भर में बहुत चर्चा हो रही है। सरसंघचालक ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से अपने संबोधन में कहा था कि भारत में रहने वाले सभी लोगों का डीएनए 40 हजार साल पूर्व से एक ही है और हम समान पूर्वजों के वंशज हैं । इसके साथ ही भागवत ने यह भी कहा था कि आज हिंदू मुस्लिम एकता की बात की जाती है परन्तु यह सवाल तो तब उठता है जब कि दोनों अलग अलग हों। केवल पूजा पद्धति अलग अलग अलग होने से उनमें भेद करना ग़लत है । भागवत ने इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में लिंचिंग को भी ग़लत ठहराया था। भागवत ने उक्त कार्यक्रम में जो सारगर्भित विचार व्यक्त किए उसके लिए वे निःसंदेह साधुवाद पाने हकदार हैं परन्तु आश्चर्य की बात तो यह है कि भागवत के धीर गंभीर संबोधन में भी छिद्रान्वेषण का सिलसिला शुरू हो गया है। अनेक विपक्षी राजनीतिक दलों के नेता भागवत के इस संबोधन को उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनावों में भाजपा की जीत की संभावनाओं को बलवती बनाने के लिए सोची समझी रणनीति के रूप में देख रहे हैं लेकिन उन विपक्षी नेताओं को शायद यह स्मरण नहीं है कि भागवत ने गाज़ियाबाद के कार्यक्रम में जो बातें कही हैं उनमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो उन्होंने पहली बार कहा हो भागवत के उक्त संबोधन को उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनावों से जोड़ कर देखना भी उचित नहीं होगा। यहां यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि उन्होंने 2015 में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान आरक्षण को लेकर लेकर एक ऐसा बयान दिया था जिसके कारण भाजपा को असहज स्थिति का सामना करने के लिए विवश होना पड़ा था । इसलिए मैं भागवत के ताजे बयान को भी राजनीतिक नफा-नुकसान की दृष्टि से देखने का पक्षधर नहीं हूं। स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक पद की बागडोर संभालने के बाद से ही भागवत पूरी बेबाकी से ज्वलंत मुद्दों पर अपनी राय देते रहे हैं और एक बार वे जो कुछ कह देते हैं उस पर हमेशा अडिग रहते हैं। उनके बयानों को लेकर उन पर निशाना साधने वाले नेताओं पर पलटवार करते हुए भी उन्हें कभी नहीं सुना गया है।
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मिशन यूपी : पहला कदम मोदी का, दूसरा योगी बढ़ाएंगे
अजय कुमार, लखनऊ
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने ‘मिशन यूपी- 2022‘ पर काम शुरू कर दिया है। सामजिक और क्षेत्रीय समीकरण साधे, सहयोगी दलों को खुश किया जा रहा है। पार्टी के भीतर की नाराजगी को भी ‘ठंडा‘ किए जाने का प्रयास चल रहा है। इसी लिए छोटे नेताओं को ब्लाक प्रमुख चुनाव में अपने परिवार के सदस्यों को चुनाव लड़ाने की छूट दे दी गई है,तो बड़े नेताओं की नाराजगी दूर करने के लिए मोदी-योगी मोर्चा संभाले हुए हैं। इसी लिए ‘मिशन यूपी-2022 को पूरा करने के लिए पहला कदम उठाते हुए मोदी मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश का कोटा अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दिया गया है। अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित उनकी कैबिनेट में यूपी से आठ मंत्री हुआ करते थे,अब यह संख्या 15 पर पहुंच जाना,यह बताने और समझने के लिए काफी है कि बीजेपी और मोदी के लिए ‘मिशन यूपी-2022‘ कितना महत्व रखता है। इसी के साथ मोदी मंत्रिमंडल में यूपी का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व हो गया है। यही नहीं लखनऊ के तो दोनों ही सांसद (राजनाथ सिंह और कौशल किशोर) मंत्रिमंडल में शामिल हो गए हैं। मिशन यूपी-2022 ‘ को अमली जामना पहनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला कदम उठाया है तो जल्द ही दूसरा कदम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करके उठाने जा रहे हैं। ताकि जिन नेताओं के अरमान ‘दिल्ली‘ में नहीं पूरे हो पाए हैं उनके अरमान ‘लखनऊ‘ में पूरे करके मिशन यूपी-2022 के लिए सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरण को और मजबूती प्रदान की जा सके। योगी भी मोदी की तर्ज पर कुछ मंत्रियों की छुटटी तो कुछ का कद बढ़ा सकते हैं। माना जा रहा है कि ब्लॉेक प्रमुख चुनाव के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। इसमें ओबीसी जातियों में से निषाद समाज को समायोजित किया जा सकता है। कांग्रेस से भाजपा में आए जितिन प्रसाद को भी योगी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। वहीं मनोनीत किए जाने वाले चार विधान परिषद सदस्यों में भी निषाद समाज को प्रतिनिधित्व दिए जाने की अटकलें है। चर्चा है कि मोदी कैबिनेट में जगह बनाने में असफल रहे निषाद समाज के नेता को यूपी में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिल सकती है या फिर पार्टी मनोनीत किए जाने वाले चार विधान परिषद सदस्यों के नामों में से एक डा. संजय निषाद हो सकते हैं। पार्टी का मानना है कि पूर्वांचल में ओबीसी की प्रमुख जातियां में से एक निषाद समाज को पार्टी अपने साथ रखना चाहती है।
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5.7.21
सिलेब्रिटी आमिर खान का है विवादों से गहरा नाता
अजय कुमार, लखनऊ
56 वर्षीय फिल्म अभिनेता आमिर खान ने 2002 में अपनी पहली पत्नी रीना दत्त के बाद 2021 में अपनी दूसरी पत्नी किरण राव को भी तलाक दे दिया है। तलाक दोनों की सहमति से हुआ है इसलिए इस पर किसी को ‘नुक्ताचीनी’ नहीं करना चाहिए। आमिर खान कोई पहले ऐसे शख्स भी नहीं हैं जिन्होंने अपनी पत्नी को तलाक दिया हो। 135 करोड़ की आबादी वाले देश में तलाक जैसी समाजिक बुराई जगह-जगह जन्म लेती रहती है। अगर कोई नई बात है तो वह यह है कि संभवता पहली बार ऐसा तलाक हुआ है जिसमें पति-पत्नी में से कोई अपने संबंधों को लेकर दुखी या परेशान भी नहीं था और साथ रह भी नहीं सकता था। यहां तक की तलाक पेपर पर हस्ताक्षर करते समय तक इनके बीच कोई मतभेद या रिश्तों में ‘दरार’ जैसी बात सामने नहीं आई। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि स्वयं इस जोड़े ने तलाक के बाद कही है।
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सरकार के लिए बड़ी चुनौती बने कोरोना के साइड इफेक्ट
CHARAN SINGH RAJPUT
इसे जीत कहा जाए या पराजय, इसे जिंदगी कहा जाए य मौत, कोरोना महामारी की चपेट में आने वाला व्यक्ति तरह-तरह के साइड इफेक्ट से जूझ रहा है। ये साइड इफेक्ट घर पर इलाज करने वालों से ज्यादा अस्पताल में गये व्यक्तियों ेमं ज्यादा देखे जा रहे हैं। कोरोना महामारी को परास्त करने वाले लोगों में तरह-तरह की बीमारियां होने की खबरें सामने आ रही हैं। यह कोरोना का साइड इफेक्ट है या फिर उनको दी जाने वाले दवाओं का आये दिन कोरोना से सही हुए लोगों में तरह-तरह की बीमारियां होने की खबरें आ रहे हैं। इन लोगों में ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस नाम की बीमारी तो जगजाहिर हो ही चुकी है। गत दिनों कई राज्यों में इसे महामारी भी घोषित किया था, अब इसी कड़ी में एक नई बीमारी और जुड़ गई है, जिसका नाम है अवैस्क्यूलर नैक्रोसिस यानी बोन डेथ है। इस बीमारी ने मुंबई के डॉक्टरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मुंबई में इस बीमारी के 3 मरीज सामने आए हैं। इस बीमारी की सबसे खास और डराने वाली बात यह है कि इसमें मरीजों की हड्डियां गलने लगती है।
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3.7.21
जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ महाराष्ट्र द्वारा आयोजित पत्रकार मार्गदर्शन शिविर सफलता पूर्वक संपन्न
"पत्रकार एक सच्चा सामाजिक कार्यकर्ता है।"- मेयर ज्योत्सना हसनाले
मीरा भायंदर( ठाणे/ मुंबई) : जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ महाराष्ट्र द्वारा आयोजित पत्रकार मार्गदर्शन शिविर का आयोजन शुक्रवार २ जुलाई २०२१ को अम्बर प्लाजा हॉल, मीरा रोड, थाणे में किया गया था, जोकि सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। जहाँ पर मुख्य अतिथि मीरा-भायंदर नगर निगम मेयर ज्योत्सना हसनाले थी, जिनके हाथों दीप प्रज्ज्वलित कर पत्रकार मार्गदर्शन शिविर का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर पत्रकारों को आरोग्य कार्ड, रेनकोट,छतरी व भारत के संविधान की बुक वितरित किया गया।
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अडानी के हिसाब से बनता है भाजपा का मैनिफेस्टो!
CHARAN SINGH RAJPUT-
वैसे तो मौजूदा हालात में लगभग सभी दल कॉरपोरेट घरानों के लिए राजनीति कर रहे हैं। पर भाजपा ने इन सबके रिकार्ड तोड़ दिये हैं। भाजपा का तो मैनिफेस्टो भी पूंजपीतियों के हिसाब बनता है। तभी तो देश की जनता की स्थिति बद से बदतर होती जा ही है और प्रधानमंत्री मोदी के करीबी अडानी और अंबानी ग्रुप मालामाल होते जा रहे हैं।
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बहराइच कोऑर्डिनेटर द्वारा ₹5000 की अवैध मांग
आदरणीय यशवंत जी नमस्कार
मैं शुभम मिश्रा जो पयागपुर तहसील से पब्लिक्वाइब में पिछले एक माह से कार्य कर रहा था. मगर बहराइच कोऑर्डिनेटर महेश गुप्ता द्वारा₹5000 की अवैध मांग की गई. जिसके बाद मुझे पयागपुर तहसील से संवाददाता के रूप में रखा गया था. मगर दोबारा से मुझसे ₹5000 की मांग की गई. मेरे द्वारा न दे पाने पर 30 तारीख की देर रात मुझे ग्रुप से रिमूव कर दिया गया. मेरी आईडी को भी डीएक्टिवेट कर दिया गया है.
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पिछड़ों की सियासत करने वाले क्यों ‘पिछड़ा वर्ग आयोग’ को लेकर गंभीर नहीं
अजय कुमार,लखनऊ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव की आहट सुनाई देते ही सियासतदारों ने पिछड़ा वोट बैंक को लुभाने के लिए हाथ-पैर मारना शुरू कर दिया है। सभी दलों में पिछड़ा समाज के नेताओं को अपने पाले में खींचने के लिए ‘रस्साकशी’ का दौर चल रहा है। इसी के चलते पिछड़ा समाज के नेताओं और दलों की बन आई है। यूपी में पिछड़ा वोट बैंक को काफी सशक्त माना जाता है। किसी भी चुनाव में पिछड़ा वर्ग वोट की महत्ता से इंकार नहीं किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में पिछड़ा समाज की करीब 54 फीसदी की भागीदारी है। यह समाज जिस दल के साथ खड़ा हो जाता हैं, उसकी किस्मत का ताला खुलने के साथ ही जीत करीब-करीब सुनिश्चित हो जाती है,लेकिन पिछले कुछ वर्षो में पिछड़ा समाज का सियासी माहौल काफी बदल चुका है। पिछड़ा वर्ग की राजनीति में पिछले कुछ वर्षो में काफी बदलाव देखने को मिला है,जिसके चलते किसी भी दल के लिए एक मुस्त पिछड़ा वोट हासिल कर लेना असंभव हो गया है।
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शराब दुकान के सामने मारपीट के आरोपों पर न्यूज18 के बांदा के पत्रकार अंकित का पक्ष पढ़ें
ANKIT TRIPATHI-
सही वीडियो और सही डिटेल ये है शराब की दुकान के बाहर सहजाद के कुछ पत्रकार मौजूद हैं जो बता रहे है हम सहजाद के साथ काम करते है पत्रकार हैं लेकिन अवैध और महंगे दाम मे शराब बेचेंगे क्योंकि हम पत्रकार हैं देर रात 12 बजे के आस पास अवैध तरीके से हो रही थी बिक्री वहां से अरबाज के दो सहयोगी पत्रकार वहां से निकल रहे थे देखा कि कालूकुआ के मॉडल साप के बाहर जबरदस्त भीड़ लगी हुई है लोग शराब खरीद रहे हैं जिसका वीडियो भी बनाया वीडियो बनाने के बाद तुरंत वीडियो अरबाज खान को भेजा गया अरबाज खान ने मुझे वीडियो भेजा है इसके बाद मैंने पूरे मामले में आबकारी विभाग और पुलिस को सूचना दी है आबकारी विभाग से 30 मिनट बात भी की है आबकारी आयुक्त संतोष कुमार से बात हुई है संतोष कुमार आबकारी आयुक्त के अलावा शहर कोतवाल से दो बार बात हुई है कि मौके पर पुलिस को भेजकर कार्यवाही करावे लेकिन ना तो आबकारी विभाग पहुंचा तो पुलिस के कोई अधिकारी पहुंचे लेकिन संतोष कुमार ने आश्वासन दिया की सुधांशु चौधरी 8 आबकारी इंस्पेक्टर पहुंच रहे है कुछ कथित पत्रकार शराब बेच रहे थे खबर करने पहुचे सही पत्रकारों ने खबर की उस दौरान उनके साथ शराब माफियाओं ने गाली गलौच और मारपीट पर आमादा हो गए पत्रकारों ने खबर भी प्रकाशित की जिसके बाद यह लोग तथाकथित पत्रकार हैं वह फसाने की कोशिश कर रहे हैं
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News 18 राजस्थान ने लाखों के गबन के आरोपी को स्ट्रिंगर बनाया
बांसवाड़ा में चार साल पहले ATM में पैसा डालने वाली निजी कम्पनी में काम करने वाले व्यक्ति आकाश सेठिया जिस पर लाखों रुपए का गबन करने के आरोप में गिरफ्तार हुए व्यक्ति को न्यूज़ 18 राजस्थान ने बांसवाडा का नया स्ट्रिंगर नियुक्त किया है।
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धर्मांतरण में लगा है हवाला का पैसा, एनजीओ और विदेशी ताकतें
संजय सेक्सना, लखनऊ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता(एटीएस) ने यह खुलासा करके चैका दिया है कि धर्मांतरण कराने वाले गैंग के तार हवाला रैकेट से जुड़े हुए हैं। अहमदाबाद में पकड़े गए मोहम्मद उमर गौतम के सहयोगी सलाउदीन के जरिए एसटीएफ इस गैंग के विदेश में मिल रही फंडिग के बारे में जल्द ही बड़ा खुलासा कर सकती है।यूपी एटीएस 21 जून को जब से अवैध धर्मांतरण मामले का खुलासा किया है, तब से अब तक कुल 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमें उमर गौतम और जहांगीर के अलावा मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, इरफान शेख, राहुल भोला, सलाउद्दीन शामिल हैं लेकिन, बड़ी बात ये है कि धर्मांतरण का ये जाल यूपी ही नहीं दिल्ली, महाराष्ट,जम्मू-कश्मीर,बिहार और गुजरात समेत देश के 24 राज्यों तक फैला हुआ हैं। धर्मांतरण का खेल हवाला के जरिए विदेशी धन से किया जा रहा था।
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ABP Network celebrated Doctors’ Day with special programming initiatives
Noida, 02nd July 2021: On the occasion of Doctors’ Day, ABP Network saluted Indian medical professionals for their meaningful contributions towards the fight against Covid-19 through special programming initiatives on ABP News, ABP Majha, ABP Ananda, and ABP Ganga.
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डॉक्टर की जगह फोर्थ क्लास कर्मी दुआरा उपचार दिए जाने का गॉववासियो ने लगाया आरोप
रिपोर्ट तेजेन्द्र सिंह 9760313579
हॉस्पिटल के ग्राउंड में नही देखने को मिली कोई साफ सफाई
हॉस्पिटल न खुलने में फोर्थ क्लास कर्मी दुआरा बताया गया कि चाबी नही मिल पाई है
आसपास के मरीज आते है उपचार लेने के लिए किन्तु हताश होकर जाना पड़ रहा है वापस
जनपद के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया मामला
डॉक्टर की तैनाती न होने का भी किया गॉववासियो ने दावा
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