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20.12.12

ओ ! हिन्द की बेटी दामिनी

सुधीर मौर्य 'सुधीर'
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सलाम करता हूँ 
में तेरी हिम्मत को
ओ! हिन्द की बेटी
'दामिनी'
तुझे लड़ना है
मौत से 
और देना है उसे 
शिकस्त
उठ 
और बिजली की तरह 
चमक कर
सार्थक कर दे 
अपना नाम 
और लिख दे 
उन दरिंदो के
खून से
आसमान के
केनवास पर 
तूँ अबला नहीं  
जो दम तोड़ दे
घबरा के जहाँ के
 सितम से
तूँ तो वो सबला है
जो मिटा देती है
जुर्म करने वालो 
का नामोनिशान...

Sudheer Maurya 'Sudheer'
sudheermaurya1979@rediffmail.com
+91 9582844580

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