अगर कंगारू खेल में स्लेजिंग करने से बाज नहीं आते तो क्या हुआ हमारे नेता भी अपनी एक अदा के लिए पूरे विश्व में फेमस हैं, वो है 'जो कहो उस पर कभी न टिको' वही हुआ। किसी चुनावी सभा में जनता को अपनी तरफ मोड़ने के लिए बीसीसीआई के नेताओं ने भज्जी पर से नस्लभेदी आरोप न हटाने के स्थिति में दौरा रद्द करने का चुनावी वादा कर डाला। हालांकि अपने पवार साहब जिन्होंने पहले ही सोच लिया था कि दौरा तो किसी भी हालत में रद्द नहीं होगा लेकिन बीच में अपने भारत के क्रिकेट के 'भगवान' सचिन के कहने पर थोडे घडियाली आसूं बहाए और कहा भज्जी का अपमान देश का अपमान, हम नहीं सहेंगे। अभी उस बात को कुछ घंटे ही नही हुए कि पवार साहब को दोनो देशों के क्रिकेट संबंध ही टूटते नज़र आने लगे और अपने 3 दिन पहले किये गए वादे से ऐसे मुकरे कि जैसे वो आईसीसी के प्रेसिडेंट बन ही गए हों। क्या हुआ जो सचिन की बात पूरी नहीं हुई.....टीम इंडिया खेलेगी! क्या हुआ जो भज्जी नस्लवादी है...! सचिन की बेईज्ज़ती जब 'घर' ही वाले कर रहें है तो क्या हुआ जो 6 घंटे चली मीटिंग में उनकी बात माइक प्रोक्टर ने नहीं मानी....अब तो कोई शिकवा नहीं है तुमसे प्रोक्टर।
13.1.08
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment