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17.1.08

हिंदी में लिखने का मेरा औजार

अभी थोड़ी देर पहले मैंने भड़ास पर एक पोस्ट देखी जिसमें पूछा गया था की अगर आप कोई और तरीके से हिंदी में लिखते हैं तो अपना ज्ञान यहां बांटे। और मैं लेकर आ गया अपना तरीका। जिसका प्रयोग करके मैं पिछले 2-3 सालों से हिंदी में लिख रहा हूं।

आप इस पते पर जायें। http://www.classifieds.co.in/hindi.html यहां आपको ये टूल मिल जायेगा। मैनें ये पहली बार और्कुट के एक कम्यूनिटी, जिसका नाम हिंदी कविता है, उस पर पाया था।

मुझे ये अत्याधिक पसंद है और मेरे लगभग हर पोस्ट में कहीं ना कहीं से मैंने इसका प्रयोग कर रखा है। और वो भी तब जबकि मैं गूगल का, डायरेक्ट फोनेटिक टूल का और हिंदी यूनीकोड फोनेटिक टूलकिट का प्रयोग करना अच्छे से जानता हूं।

इसके कई कारण हो सकते हैं, पहला तो ये कि जब कोई भी टूल उपलब्ध नहीं था लगभग तभी से मैं इसका प्रयोग कर रहा हूं और मुझे इसकी आदत पर चुकी है और मैं परिवर्तन नहीं चाहता हूं।
दूसरा कारण ये है कि हम आनलाईन रहें या आफ़लाईन इससे कोई फर्क नहीं परता है और ये बिलकुल सही-सही काम करता है। गूगल जैसा नहीं जो सिर्फ आनलाईन रहने पर ही काम करता है।
तीसरा कारण ये कि गूगल की ही तरह आप रोमण में लिखते हैं और ये हिंदी में उसे बदल देता है और इसमें लिखने का तरीका भी बहुत आसान है। और ये जिस समय का टूल है उस समय ऐसे टूल बहुत ही कम उपलब्ध थे।

मेरी आप लोगों से सलाह है कि अगर आपने कभी इसे नहीं आजमाया है तो एक बार आप भी इसे आजमा कर देख लें।

ये मेरा भड़ास के लिये लिखा हुआ पहला पोस्ट है, शुरूवात में मैंने इसकी सदस्यता बस यूं ले ली थी। कुछ लिखने की इच्छा भी थी। पर देखता था कि यहां पत्रकारिता जगत के धुरंधर लोग ही लिखते हैं। सो लिखने से थोड़ा घबराता था। देखिये शायद ये संकोच धीरे-धीरे दूर हो जाये।

2 comments:

यशवंत सिंह yashwant singh said...

पीडी भाई, हम देसज देहाती लोगों से क्या घबराना। यहां कोई धुरंधर नहीं, सब सरल लोग हैं। सच्ची सच्ची खरी खरी। और आपने जो जानकारी दी है, वो वाकई भड़ास के साथियों के लिए काम की चीज है। शुक्रिया, और अनुरोध की कभी कभार भड़ासी भी बन जाया करिये...जैसे आज बन गए :)
यशवंत

PD said...

जी हां बिलकुल.. मैं भी यदा-कदा अपना भड़ास निकालने यहां अब पहूंच ही जाया करूंगा.. :)