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9.1.08

बताइए, कितने भड़ासी हुए?

आज फिर गिनती करने पहुंचा। देखा तो सिर चकरा गया। बाप रे, इत्ते सारे भड़ासी हो गए। पूरी शिव जी की बारात। और शिव जी के बारात के प्रधान सेनापति भी आ पहुंचे। विनीत कुमार। नाम से विनम्र, शक्ल से एकदम चाकलेटी और लेखन से भविष्य का गढ़ा जा रहा सबसे बड़ा बकबकिया। अपने गुरु पचौरी जी की तरह। क्या लिखता है बंदा, इसी उमर में। अभी तो हास्टल में रहता है, सरकारी दामाद की तरह फायदे उठाते हुए ब्लागिंग कर रहा है। हास्टल का कंपूटर, विवि का वजीफा और हिंदी में शोध। इतना सब हो तो बच्चा तो बरबाद हो ही जाएगा। सो हो गया। ब्लागर बन गया। अब बन ही गया तो उसमें नाखून भी आएंगे और दांत साफ करने के लिए मांस लगी हड्डियां भी चाहिए सो वह ब्लागिंग में शिकार करने लगा है। कभी निशाने पर किसी को लेता है तो कभी किसी को। ब्लागिंग के बाहर के लोगों को निशाने पर ले तो भी उतनी ही चर्चा होती है जितनी ब्लागिंग के भीतर के लोगों को। कभी कोई टीवी चैनल इसके हत्थे चढ़ जाता है तो कभी कोई ब्लागर। आज तो पीएम की खैर नहीं। भड़ासी बनते ही विनीत ने भड़ास पर पीएम की ले ली। आओ चलें पीएम हाउस शीर्षक से। इतना सब बताने के पीछे मकसद था नए नवेले भड़ासी विनीत का स्वागत करना।

और हां, बाकी सभी भड़ासियों से भी अनुरोध है कि वे अगर उचित समझें तो एक बार अपनी अपनी प्रोफाइल भड़ास पर डाल दें ताकि बाकी भड़ासी उनसे परिचित हो सकें। इससे फायदा ही मिलेगा, नुकसान नहीं होगा। इस दौर में जितने नये लोगों से परिचय बढ़ाएंगे, मिलेंगे जुलेंगे, उतने ही आगे बढ़ने के रास्ते खुलते हैं।

तो चलिए वो संख्या बता ही देते हैं जो इस समय भड़ासियों की है, और वो 143 है। मैं तो यह मानकर चल रहा था कि जनवरी में डेढ़ सौ हो जाएं तो बहुत है लेकिन यहां तो आधी जनवरी बीतने से पहले ही डेढ़ सौ भड़ासी हो गए दिक्खे हैं।

...लेकिन डेढ़ सौ होने में अभी सात कम हैं। देखते हैं, ये सात भड़ासी कितने दिनों में बन जाते हैं। सभी भड़ासियों से अनुरोध है कि वे अपने अगल बगल के साथियों को भी भड़ास का मेंबर बनना सिखायें फिर पोस्ट लिखना और उसे पब्लिश करना भी बतायें। अगर किसी को इसमें दिक्कत हो रही हो तो वो मुझे सीधे फोन करके पूछ सकता है...

फिलहाल इतना ही...
जय भड़ास
यशवंत

2 comments:

Manjit Thakur said...

भड़ास का सदस्य कैसे बनूं?
मंजीत गुस्ताख

यशवंत सिंह yashwant singh said...

सबसे उपर बाईं ओर न्योता और बनिए भड़ासी लिखा होगा। उसे क्लिक करें। ईमेल आईडी डालें व पासवर्ड। बस हो गया। काम। उसी कालम में नीचे भड़ास क्या है। उसमें भी लिंक है बनिए भड़ासी का। अगर फिर भी न बन पा रहे हों तो मुझे रिंग कर सकते हैं या मेल कर सकते हैं।
यशवंत