भड़ासियों ने अब अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। रोज कई नए लोग लिख रहे हैं। कुछ लोग नियमित रूप से लिखने लगे हैं। ये अच्छी बात है। क्योंकि दरअसल जब लिखते हैं तो न सिर्फ लिखते हैं, बल्कि बहुत कुछ नया सीखते हैं, अपने एकाकी व्यक्तित्व को एक्सपोजर देते हैं, खुद की भड़ास से दुनिया को रूबरू कराते हैं।
कुछ साथियों ने साहस करते हुए इंग्लिश में ही लिखना शुरू कर दिया है। इनका तो मैं खासतौर पर स्वागत करूंगा क्योंकि अगर ये कुछ लिखेंगे ही नहीं तो आगे फिर सीखेंगे कैसे? एक साथी पिस्सू लखनवी जी अपनी चार लाइनों की धारधार कविता दो दिनों से भड़ास पर पोस्ट कर रहे हैं, लेकिन अंग्रेजी में।
मैं इन साथी को जानता तो नहीं पर उनको मैंने मेल करके कहा है कि आप हिंदी किस तरह लिख सकते हैं। मैं हालांकि तकनीक का जानकार तो नहीं हूं लेकिन मुझे जितना ज्ञान था वो सब उनके सामने उगल दिया, ताकि दिमाग हलका रहे:)
पर अगर आपमें से किसी साथी को नीचे हिंदी लिखने के तीन फंडों के अलावा कोई फंडा आता हो तो प्लीज उसे हम लोगों को भी बताएं, ताकि साथी लोग अपना हाथ आजमा सकें। उम्मीद है सीखने सिखाने का यह दौर चल पड़ेगा और जिन भी साथियों को कोई दिक्कत हो वे भड़ास पर पोस्ट डालकर सवाल पूछ सकते हैं।
हिंदी में लिखने के वास्त मैं आपको तीन तरीके बता रहा हूं, इन्हें पढ़ें और क्लिक करें तो शायद समस्या का हल हो सके....
1--पहला तो गूगल वाला है, जिसमें आप रोमन इंग्लिश में लिखेंगे तो वो अपने आप हिंदी में कर देगा। इस पर लिखने के बाद इसे कापी करके भड़ास के नये पोस्ट पर पेस्ट कर दीजिए। नीचे के लिंक पर क्लिक करें....
गूगल का रोमन से हिंदी कनवर्टर
2--और ये दूसरा डायरेक्ट फोनेटिक हिंदी में है। इस पर लिखकर कापी करके भड़ास के नये पोस्ट पर पेस्ट कर दीजिए। क्लिक करें..
डायरेक्ट फोनेटिक में लिखें
3--उपरोक्त के अलावा हिंदी यूनीकोड टूलकिट फोनेटिक को अपने कंप्यूटर में ही इंस्टाल कर दें ताकि रोज-रोज के झंझट से मुक्ति मिले। इसे डाउनलोड करने के बाद अपने कंप्यूटर में इंस्टाल करने के बाद आप उसी तरह लिख सकते हैं जैसे अपने आफिस में अखबार या मैग्जीन या टीवी या नेट के लिए हिंदी में लिखते हैं। इसके लिए यहां क्लिक करें...
हिंदी यूनीकोड फोनेटिक टूलकिट
इन तीनों को आजमाए, मदद न मिलें तो बताएं, कुछ और तोड़ सोचते हैं। इन तीनों के अलावा अन्य ढेरों तरीके भी हिंदी लिखने के हैं पर मुझे उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। अगर दूसरे ब्लागर साथियों या तकनीकी रूप से मझे हुए मित्रों के पास हिंदी लिखने के अन्य फंडे हों तो कृपया उसे भड़ास पर कमेंट के रूप में या फिर पोस्ट के रूप में डालें ताकि आनलाइन माध्यम में हिंदी लिखने वालों की संख्या बढ़ाई जा सके और नए ब्लागर भी पैदा किए जा सकें।
और हां, इस मौके पर मैं रवि रतलामी जी और अविनाश जी को याद करना नहीं भुलूंगा जिनकी बदौलत मैं आनलाइन माध्यम में हिंदी लिखने और ब्लागिंग करने को और भड़ास शुरू करने को प्रेरित हुआ। अच्छा शिष्य कभी अपने गुरुओं को नहीं भूलता, और मैं यह परंपरा निभा रहा हूं, उम्मीद है गुरु लोग आगे भी गाइडलाइन देते रहेंगे ताकि उनकी गाइडलाइन के आधार पर मैं अपने बाकी भड़ासियों साथी को कुछ नई जानकारी दे सकूं।
जय हो हिंदी की
जय भड़ास
यशवंत
17.1.08
भड़ासियों, अंग्रेजी को लात मारो, हिंदी को प्यार करो, हिंदी में लिखो, ऐसे...
Posted by यशवंत सिंह yashwant singh
Labels: आनलाइन, जय हो हिंदी की, सिखायें, सीखें, हिंदी
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