पानीपत मे सुलतान इब्राहीम लोधी को पराजित करने के बाद बाबर को दिल्ली तथा आगरा पर कब्जा करने के लिए युद्ध नही करना पड़ा !हुमायूं सेना लेकर जब दिल्ली पंहुचा तो किसी ने उसका विरोध नही किया ,यहाँ तक की लोधी सल्तनत की राजधानी आगरा पर भी बाबर का युद्ध के बिना ही कब्जा हो गया !इस तरह फरगाना और बुखारा की सत्ता से बेदखल किया गया जहीरुद्दीन मोहम्मद बाबर बहुत आसानी से हिंदुस्तान का बादशाह बन गया !हिंदुस्तान की बदशाहद पूरी पाने के लिए उसे हसन खान मेवाती से घमासान युद्ध करना पड़ा !हालाकिं बीस हजार सेना के साथ हसन खा मेवाती शहीद हो गया ,लेकिन उसने बाबर की सेना के छक्के छुडा दिए थे !इसके तत्काल बाद सबसे भीषण युद्ध भरतपुर के खान्वाहा मैदान में चित्तोड़ के महाराणा संग्राम सिंह के साथ बाबर को युद्ध करना पड़ा !अपने लोगो की दगा बाजी के कारण राणा सांगा युद्ध तो हार गये लेकिन बाबर भी यह समझ गया की उसे भविष्य में किस तरह के संकटो का सामना करना पड़ सकता है !ग्वालियर की महारानी द्वारा बाबर को भेंट किय गया कोहिनूर हीरा तोमर राजाओं को कहाँ से और केसे मिला इस बारे में इतिहास मौन है !कोहिनूर की चर्चा सन १५२६ इस्वी से ही शुरू होती है !उस समय इस हीरे कीजो कीमत आकीं गयी थी वह इतनी थी की उस समय की इस्लामी दुनिया तीन दिन तक बढ़िया भोजन कर सकती थी !नवरत्नों में हीरा राजा माना जाता रहा है !लेकिन कोहिनूर हीरों का भी महाराजा था !सन १७२९ इस्वी में ब्राजील में हीरा मिलने से पहले यही माना जाता था की हीरा सिर्फ़ भारत में ही मिलता है !मध्य प्रदेश का पन्ना हीरो की खान के लिए आज भी जगप्रसिद्ध है !कोहिनूर
हीरे ने इतिहास में कई उलट पुलट कराई है !यह नेकनामी और बदनामी दोनों अपने साथ समेटे हुए है !इस नायाब हीरे पर मानब रक्त के इतने छींटे है इसकी गिनती नही की जा सकती !इसे पाने के लिए कई बार घमासान युद्ध हुए और तख्त ताज बदल गये !राजमुकुतों की शोभा बदाता हुआ कोहिनूर हीरे का एक टुकडा इस समय ब्रिटेन की महारानी के राजमुकुट पर बिराजमान है !कोहिनूर महाराजा रणजीत सिंह के शासन की बर्बादी का कारन बना तो इसने मुग़ल साम्राज्य को भी एक तरह से ध्वस्त कर दिया !(जारी )
28.6.09
कोहिनूर की ग्वालियर से लन्दन तक की यात्रा
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