नवभारत टाइम्स में 'हिंदी का कच्चा चिट्ठा' शीर्षक से एक आलेख ब्लागिंग पर कंचन श्रीवास्तव ने लिखा है। इस आलेख में कुछ त्रुटियां हैं- 'जैसे अमेरिका में रहने वाले फुरसतिया' की जगह 'अमेरिका में रहने वाले उड़न तश्तरी' होना चाहिए था, बावजूद इसके बेहद कम शब्दों और नपे-तुले स्पेश में हिंदी ब्लागिंग के पूरे परिदृश्य को समेटने की कोशिश की गई है। आप भी पढ़िए, क्लिक आर्टिकल पर क्लिक करिए....
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5 comments:
उड़न तश्तरी में बैठे समीरलालजी कनाडा में विराजमान हैं - अमेरिका में नहीं:)
अरे सरकार क्या बात है सभी गलतियो मे गलतिया किए जा रहे हो।
कभी फुरसतिया जी कानपुर से अमेरिका चले जाते है तो कभी समिरजी कनाडा से अमेरिका पहुच जाते है। आखिर यह चक्कर क्या है भाई?
भाई नवभारत कि यह पुरी रपट मे गलतिया बहुत है, जैसे वर्तमान मे २५००० हिन्दि ब्लोगर्स का बताया जाना। हिन्दि ब्लोगर्सो कि लाखो कि कमाई बता कर इन्कमटॅक्स वालो के ऑख, कान नाक खोल देना वगेहरा वगेहरा। अगर कचनजी श्रीवास्तव मेरा यह खत पढ रही हो तो निवेदन है कि मुम्बई टाईगर पर आकर दुनिया भर से आऐ हिन्दी ब्लोगरस के मत देखे।
आभार
मुम्बई टाईगर
हे प्रभु यह तेरापन्थ
acchha hai yashwant ji. hum bathe hain ganga kinre kabhi to lehar aayegi.
यशवंत भाई,.
आपको बहुत बहुत बधाई। यह तो होना ही था। भड़ास फार मीडिया की सफलता की यह शुरूआत भर है। आसमान की ऊंचाई छूनी है इसे। (स्काई इज द लिमिट)।
यशवंत भाई आपको और भड़ास परिवार के सभी सदस्यों को बधाई !
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