अंदाज ए मेरा: घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो, यूँ कर लें......: दस साल का अनिकत पुलिस की वरदी में आज बरबस ही निदा फाजली साहब के गजल की चंद पंक्तियां जेहन में आ गईं। पंक्तियां थीं, ‘’घर से मस्जिद है...
4.4.12
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
अंदाज ए मेरा: घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो, यूँ कर लें......: दस साल का अनिकत पुलिस की वरदी में आज बरबस ही निदा फाजली साहब के गजल की चंद पंक्तियां जेहन में आ गईं। पंक्तियां थीं, ‘’घर से मस्जिद है...
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