प्रदेश की राम भक्त भाजपा सरकार को जगाने और बीमार अस्पताल को सुधारने के लिये गौगपा बजरंगबली को सौंपेगी ज्ञापन
बालाघाट जिले के दौरे पर आये प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा द्वारा सांसद के.डी.देशमुख को वारासिवनी से विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत दे डाले हैं। आखिर इतने समय पहले ऐसा संकेत देकर प्रभात झा आखिर क्या राजनैतिक संदेश देना चाहते है और किसको ं? यह भी चर्चा हैं कि ऐसा संकेत देकर प्रभात झा कहीं गौरी भाऊ को नियंत्रित रखने का प्रयास तो नहीं कर रहें हैं? जिले का केवलारी विस क्षेत्र बहुत भाग्यशाली क्षेत्र हैं। सन 67 से 90 तक विमला वर्मा फिर 93 से 2003 तक हरवंश सिंह और अब डॉ. बिसेन और हरवंश सिंह दोनो ही लाल बत्ती पर सवार हैं। ऐसे उदाहरण भी इतिहास में बिरले ही मिलते हैं कि एक ही क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले सत्ता पक्ष और विपक्ष के प्रत्याशी एक ही साथ और एक ही समय में एक ही क्षेत्र में लाल बत्ती लेकर धूमें। अस्पताल को भाजपा नेताओं के परिजनों से मुक्त कराने की अनोखी पहल गौगपा ने की हैं। राम नाम जप कर सत्ता के पायदानों पर पहुंचने वाली भाजपा को सबक सिखाने के लिये गौगपा ने नयाब तरीका खोजा है। उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनने के बाद जिले में भी सपा की गतिविधियां बढ़ गयीं हैं।सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रदेश के एक मुस्लिम नेता को यू.पी. से राज्यसभा में भेजे जाने से काफी उत्साह का माहौल दिख रहा हैं। अब इस राजनैतिक समीकरण का कब,कितना और कैसा असर पड़ेगा? यह तो वक्त ही बतायेगा।
प्रभात का के.डी. को दिया गया संकेत चर्चित-बालाघाट जिले के दौरे पर आये प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा द्वारा सांसद के.डी.देशमुख को वारासिवनी से विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत देने के समाचार अखबारों में प्रकाशित हुये हैं। इन समाचारों ने जिले के राजनैतिक हल्कों में भी तूफान ला दिया हैं। वैसे भी जहां तक सिवनी जिले के का सवाल हैं तो सांसद ने इसके साथ सौतेला व्यवहार किया हैं। इसके अलावा मंत्री के रूप में गौरीशंकर बिसेन के जल्वे देख कर मन ही मन वे भी यही चाह रहे थे कि काश वे भी विधायक रहते तो उन्हें भी लालबत्ती का सुख मिल जाता। लेकिन वे पिछला विस चुनाव कटंगी विस क्षेत्र से हार गये थे और सांसद रहते हुये गौरी भाऊ चुनाव जीत कर मंत्री बन गये थे। इसके बाद भाजपा ने के.डी. भाऊ को लोकसभा की टिकिट दे दी थ और वे बालाघाट क्षेत्र से सांसद बन गये थे। एक सांसद के रूप में उनका कार्यकाल उल्लेखनीय नहीं रहा। सिवन के साथ तो उन्होंने ऐसा सौतेला व्यवहार किया कि सदन में उन्होंने ना तो फोर लेन का और ना ही रामटेक गोटेगांव और छिंदवाड़ा सिवनी नैनपुर रेल लाइन का ही मुद्दा उठाया। सांसद निधि बांटने में भी उन्होंने कोई खास दिलचस्पी नहीं ली और इसीलिये कोई भी बड़ा काम जिले में उनके नाम से कहीं नहीं हैं। जबकि उनके क्षेत्र के दोनों विधायक भाजपा के ही थे। लेकिन भाजपायी हल्कों में इस बात को लेकर भारी उत्सुकता हैं कि आखिर इतने समय पहले ऐसा संकेत देकर प्रभात झा आखिर क्या राजनैतिक संदेश देना चाहते है और किसको ं? यह भी चर्चा हैं कि ऐसा संकेत देकर प्रभात झा कहीं गौरी भाऊ को नियंत्रित रखने का प्रयास तो नहीं कर रहें हैं?
लालबत्ती के मामले में भग्यशाली रहा है केवलारी क्षेत्र-जिले का केवलारी विस क्षेत्र बहुत भाग्यशाली क्षेत्र हैं। सन 1967 से लेकर 1990 तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व जिले की वरिष्ठ इंका नेत्री कु. विमला वर्मा ने किया। इस दौरान अधिकांश समय तक वे प्रदेश के मंत्रीमंड़ल की तमाम महत्वपूर्ण विभागों की मंत्री रहीं। उसके बाद 1993 में पहला चुनाव जीतने वाले हरवंश सिंह को कांग्रेस सरकार में कबीना मंत्री बनाया गया औद चंद महीने छोड़कर लगभग दस साल तक वे भी मंत्री रहे। केवलारी से वे चार चुनाव जीत चुके हैं। पिछले चुनाव में शिवराजसिंह की दूसरी पारी में भी इस क्षेत्र को विपक्ष का विधायक रहते हुये भी लालबत्ती मिल गयी। हालांकि दस साल तक केबिनेट मंत्री रहने वाले हरवंश सिंह को विधानसभा के उपाध्यक्ष के रूप में राज्य मंत्री का ही दर्जा मिला हैं लेकिन क्षेत्र को तो लाल बत्ती मिल ही गयी थी। यहां यह भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हरवंश सिंह को मुख्यमंत्री के डंपर कांड़ के लिये बनायी गयी जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया था फिर भी वे सर्वसम्मति से विस उपाध्यक्ष चुन लिये गये थे हालांकि यह पद विपक्ष के पास रहता है फिर भी उनके लिये ये विशेष उपलब्धि ही कही जा सकती हैं। लेकिन इस बार तो अब ऐसा हो गया कि इस क्षेत्र से पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे डॉ. ढ़ालसिंह बिसेन को भी मध्यप्रदेश वित्त आयोग का अध्यक्ष बना कर केबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ लाल बत्ती मिल गयी है। ऐसे उदाहरण भी इतिहास में बिरले ही मिलते हैं कि एक ही क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले सत्ता पक्ष और विपक्ष के प्रत्याशी एक ही साथ और एक ही समय में एक ही क्षेत्र में लाल बत्ती लेकर धूमें। इसे केवलारी विधानसभा का सौभग्य ही माना जायेगा कि यह क्षेत्र लाल बत्तियों से कभी महरूम नहीं रहा इसलिये इसका विकास भी तेजी से हो रहा हैं।
राम भक्त हनुमान को ज्ञापन सौपेगी गौगपा -जिले के बीमार अस्पताल को भाजपा नेताओं के परिजनों से मुक्त कराने की अनोखी पहल गौगपा ने की हैं। जिला गौगपा के प्रवक्ता विवेक डहेरिया द्वारा जारी विज्ञप्ति के माध्यम से यह समाचार सुर्खियों में आया हैं।पार्टी ने जिला अस्पताल को खुद गंभीर रूप से बीमार बताया हैं। पार्टी ने यह भी कहा है कि जिले के बीमार लोगों को ठीक करने की जवाबदारी जिले के भाजपा नेताओं के परिजनों के हवाले हैं। सरकार कोई सुनवायी करने को तैयार नहीं हैं। भाजपा को उसी तर्ज पर जवाब देते हुये गौगपा ने एक अनोखी पहल की हैं। राम नाम जप कर सत्ता के पायदानों पर पहुंचने वाली भाजपा को सबक सिखाने के लिये गौगपा ने नयाब तरीका खोजा है। उन्होंने बीमार अस्पताल को भाजपा नेताओं के परिजनों से मुक्त कराने के लिये आंदोलन की घोषणा की है वह कम रोचक नहीं हैं। पार्टी पहले पूजन पाठ करेगी फिर ज्ञापन सौंगी। ज्ञापन भी किसी प्रशासनिक अधिकारी को नहीं वरन कथित राम भक्तों की सरकार को अपनी बात राम भक्त हनुमान के माध्यम से भेजेगी। गौगपा हनुमान जी को ज्ञापन देकर यह उम्मीद करेगी कि शायद वे ही इस राम भक्त सरकार को ऐसी सदबुद्धि दे कि जनता को राहत मिल सके। अब यह तो वक्त ही बतायेगा कि गौगपा की यह पहल भी लोगों को राहत दिला पायेगी या नहीं? हालांकि इस आंदोलन की अभी कोई तारीख तय नहीं हैं कि यह कब होगा?
सपा की सक्रियता चर्चिित हुयी सियासी हल्कों में-उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनने के बाद जिले में भी सपा की गतिविधियां बढ़ गयीं हैं। सपा की सक्रियता फिलहाल नगरीय क्षेत्र में अधिक दिखायी दे रही हैं और उन्होंने नपा को अपना लक्ष्य बनाया हुआ हैं। उनके बयान आजकल अक्सर जारी होते रहते हैं। अभी हाल ही में सपा के जिला महासचिव याहया कुरैशी ने नगरीय क्षेत्र में हस्ताक्षर अभियान चलाया हुआ हैं। सपा ने बढ़ी हुयी जलकर की दरें वापस करने हेतु भी मांग की है। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रदेश के एक मुस्लिम नेता को यू.पी. से राज्यसभा में भेजे जाने से काफी उत्साह का माहौल दिख रहा हैं। उन्हें प्रदेश में विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों के लिये माकूल माहोल की उम्मीद नजर आने लगी हैं। सपा के इस उत्साह से भाजपा का एक वर्ग भी उत्साहित है। ऐसे नेताओं का मानना हैं कि यू.पी. की तर्ज पर यदि सपा मुस्लिम वर्ग को अपनी ओर आर्कषित कर लेती हैंतो भाजपा को तीसरी पारी खेलने में आसानी हो सकती हैं।कुरेशी ने भी कांग्रेस द्वारा विद्युत दरों की वृद्धि के विरोध में किये गये आंदोलन पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि काँग्रेस पार्टी को इस तरह के विरोध का कोई नैतिक अधिकार नहींहै, क्योंकि काँग्रेस की तत्कालीन सरकार ने ही यह जनघाती विद्युत कानून एवं नीति बनाई थीजिसका अनुसरण अब भाजपा सरकार कर रही है और जिससे प्रदेश का आम आदमी परेशान हो रहा है। अब इस राजनैतिक समीकरण का कब,कितना और कैसा असर पड़ेगा? यह तो वक्त ही बतायेगा। “मुसाफिर”
साप. दर्पण झूठ ना बोले से साभार
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