अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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22.4.12
आओ प्यारे एक सिखाएँ तुमको असली मंतर
प्यार कभी मत करना वरना खुशियां सब छु-मंतर
प्रेम का अक्षर ढाई भैया तौबा इस से रखना
प्रेमरोग से राम बचाए, इसका जाल भयंकर
-कुँवर प्रीतम
21-4-2012
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