Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

2.10.15

वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त बने देशबंधु अखबार के कार्यकारी संपादक


वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त ने आज औपचारिक रूप से पत्रकारिता में अपनी नई पारी, छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश एवं दिल्ली से प्रकाशित प्रतीष्ठित हिंदी दैनिक  'देशबंधु' के साथ इसके दिल्ली स्थित कार्यकारी संपादक के रूप में शुरू कर दी है। कुछ दिनों पूर्व लोकमत को अलविदा कहनेवाले जयशंकर गुप्त अपने 35-36 वर्षों के पत्रकार जीवन में इससे पहले दैनिक हिन्दुस्तान, इंडिया टुडे, नवभारत टाइम्स, रविवार, श्रीवर्षा, असलीभारत, राजस्थान पत्रिका और अमृतप्रभात जैसे पत्र पत्रिकाओं के साथ जुडे रहे हैं।


सक्रिय और पूर्णकालिक पत्रकारिता के साथ जुडने से पहले दिनमान, धर्मयुग और रविवार के साथ स्वतंत्र लेखन करते रहे गुप्त छात्र जीवन में गांधी, लोहिया और जयप्रकाश नारायण के विचारों से प्रभावित होकर समाजवादी आंदोलन में सक्रिय रहे और आपातकाल के विरुद्ध जेल भी जा चुके हैं। अपनी तथ्यपरक एवं बेबाक टिप्णियों के साथ वह राजनीतिक विश्लेषक के रूप में कई प्रमुख खबरिया टीवी चैनलों पर भी अक्सर नजर आते हैं। हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें दिल्ली सरकार की हिंदी अकादमी का 'साहित्यकार सम्मान' तथा सांप्रदायिक दंगों और उनसे जुडे सवालों की बेबाक और तटस्थ रिपोर्टों और विश्लेषणात्मक लेखों के लिए प्रतिष्ठित 'सद्भावना पुरस्कार' भी मिल चुका है।

अपनी नई पारी के बारे में Jaishankar Gupta ने अपने फेसबुक वॉल पर जो लिखा है, वह इस प्रकार है : ''लोकमत को अलविदा कहने के बाद आज औपचारिक तौर पर छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और दिल्ली से प्रकाशित प्रतिष्ठित दैनिक 'देशबंधु' के साथ इसके दिल्ली - नोएडा कार्यालय में कार्यकारी संपादक के रूप में जुड़ गया. पहले की तरह मित्रों, परिचितों और शुभचिंतकों का सहयोग और समर्थन ही मेरी ताकत है जिसके दम पर मैं इस तरह के फैसले ले पाता हूं । पूज्य मायाराम सुरजन की विरासत और उनके सुपुत्र ललित सुरजन के प्रयासों से अलग तरह की पहिचान बनाने में सफल रहे देशबंधु परिवार का हिस्सा बनकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। ललित जी और समूह संपादक राजीवरंजन श्रीवास्तव के प्रयासों में कुछ योगदान कर सकूं, यही मेरी कोशिश होगी। इस काम में भी मित्रों और शुभचिंतकों का पूर्ववत स्नेह, समर्थन और सहयोग अपेक्षित है।''

No comments: