ग्वालियर। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान भूमाफियों और अपराधियों पर कार्रवाई की भले ही डींगे हांकते हो लेकिन पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लागू मजीटिया वेतनमान की वसूली करने में हाथ खड़े कर दिए हैं। ताजा मामला जागरण के नईदुनिया अखबार से जुड़ा है। मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ग्वालियर श्रम न्यायालय क्रमांक 01 में कर्मचारियों के प्रकरण में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने कर्मचारियों के पक्ष में अवार्ड पारित कर वेतन अंतर की राशि की वसूली के लिए प्रकरण राज्य शासन को भेज दिया।
वसूली का मामला एक साल से ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के यहां लम्बित है। कलेक्टर ने वसूली की जिम्मेदारी तहसीलदार को दी थी लेकिन तहसीलदार भी एक साल से वसूली नहीं कर पाए हैं। इस मामले को लेकर जब पीड़ित कर्मचारियों ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की तो यहाँ भी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया गया। कुल मिलाकर सीएम शिवराज सिंह भले ही कितनी डींगे हांक लें, लेकिन शासन, प्रशासन का अब इतना भी इकबाल नहीं है कि वे अखबार मालिकों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वसूली कर पाए।
Sandeep Pathak
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