भाष्कर गुहा नियोगी-
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विधि संकाय के नेत्रहीन छात्र संतोष त्रिपाठी ने शहर के सांसद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय मांगा है। पत्र में लिखा है कि संकाय प्रमुख प्रो. अजय कुमार छात्रों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाते हैं। सारे नियमों के परे जाकर कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय की बेटी श्रद्धा राय की उपस्थिति को मैनेज कर उसे परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देते हैं इसके विरोध में जब संकाय के छात्र- छात्राएं आंदोलन करते हैं तो उन्हें धमकाते हैं। मुझे और मेरे साथ के छात्र विवेक कुमार तिवारी को निलंबित कर देते है। लेकिन निलंबन का कोई ठोस कारण मुझे बताते हैं।
निलंबन के बाद मुझे हास्टल के कमरे से भी बाहर कर दिया जाता है। ऐसे हाल में जब मैं पूर्ण रूप से नेत्रहीन हूं। प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में संतोष ने लिखा है मेरे निलंबन को 15 दिन बीतने के बाद भी जांच के लिए किसी कमेटी का गठन न किया जाना बताता है कि जो कुछ भी मेरे साथ हो रहा है वो ठीक नहीं।
संतोष ने कुलपति प्रो. सुधीर जैन, शिक्षा मंत्री, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग सहित दिव्यांग सशक्तिकरण मंत्रालय को भी पत्र लिखकर पूरे मामले में हस्तक्षेप की मांग किया है।
गौरतलब हो कि दिव्यांग छात्र संतोष मिश्रा ने विधि संकाय प्रमुख पर भेदभाव और दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए अपने निष्कासन को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती भी दी है साथ ही छात्र कल्याण अधिष्ठाता व मुख्य आरक्षाधिकारी को पत्र सौंपकर संकाय में लगी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया है। संतोष ने निष्कासन की कार्रवाई को एक पक्षीय बताते हुए कहा कि उनका पक्ष सुना ही नहीं गया। धरने पर बैठे छात्रों का आरोप था कि संकाय प्रमुख अजय कुमार कांग्रेस के पूर्व विधायक के सुपुत्री की कम उपस्थिति को मैनेज करते हैं तो दूसरी तरफ़ अन्य छात्र- छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़।
जानकारी के अनुसार पूर्व विधायक की पुत्री की उपस्थिति को मैनेज करने और जिन छात्रों को उपस्थिति पर तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा देने से रोका गया इसे लेकर विगत 13 मार्च को विधि संकाय के छात्र धरने पर बैठे थे। आरोप था कि किस फार्मूले के तहत विधायक पुत्री की उपस्थिति एक महीने में 40 फीसदी बढ़ा दी जाती है।
जानकारी के अनुसार संकाय प्रमुख ने धरना पर बैठे छात्रों में संतोष त्रिपाठी और विवेक कुमार तिवारी निष्कासित कर विधि संकाय में उनके प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है।
वहीं निष्कासित छात्र संतोष ने कहा कि संकाय प्रमुख साधरण छात्रों से आए दिन दुर्व्यवहार करते हैं।
संतोष का कहना है पूर्ण रूप से नेत्रहीन होने के चलते मुझे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन पूरे मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन असंवेदनशीलता बना हुआ है।
भाष्कर गुहा नियोगी
बनारस
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