तकनीक ने हमारी ज़िंदगी को बहुत आसान बना दिया है, लेकिन इसके दुरुपयोग ने मानो जीना मुहाल कर दिया है। अब उदाहरण तो ढेरों पड़े हैं, आपने भी इसे अक्सर महसूस किया होगा। अब कुछ दिनों पहले की ही बात है... मुझे पता चला कि किसी ने मेरे अजीज की क्रेडिट कार्ड से हजारों की हेराफेरी कर दी। अब बात यहीं तो ख़त्म होती नहीं। एक तो अचानक रुपए गायब हो जाएं तो बजट और सारी योजनाएं ही गड़बड़ हो जाती है उपर से बैंक इसके भुगतान का भी दबाव डालता है, यानी दोहरी मार झेलनी पड़ती है। फिर पुलिस... शिकायत.. दौड़धूप... मानसिक और शारीरिक परेशानी सो अलग। ख़ैर... मेरे हिसाब से किसी फ़र्ज़ीवाड़े से बचने का सबसे अच्छा तरीका है उसके तरीके को समझना और खामियों को जानना। तो लीजिए मैं आपको बताता हूं कि आप अपने क्रेडिट कार्ड कैसे हिफाजत से रखे ताकि कोई आपके इलेक्ट्रॉनिक पॉकेट में हाईटेक सेंधमारी न कर सके। इस फ़र्जीवाड़े का सबसे आसान तरीका है आपके पहचान की चोरी करने के बाद उसका इस्तेमाल। मसलन कार्ड धारक का नाम, अकाउंट नंबर, कार्ड की वैधता या ऐसी ही कुछ और जानकारी के जरिए फ़र्जीवाड़ा। इससे बचने के लिए न तो अपने कार्ड की जानकारी किसी को बताएं और न ही किसी ऐरेगैरे वेबसाइट पर इसे दें। क्रेडिट कार्ड फ़र्जीवाड़े का एक और तरीका है स्किमिंग। इसमें शातिर लोग खरीदारी के वक्त आपके कार्ड को स्वैप करते समय एक छोटे से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण(स्किमर) में कार्ड के मैगनेटिक डैटा को चुरा लेता है। इसके बाद आपके कार्ड का हमशक्ल तैयार किया जाता है और फिर आप तो समझ ही रहे होंगे। इस धोखाधडी़ से बचने के लिए हमेशा प्रमाणित दुकानों से ही खरीदारी करें और अपने सामने ही कार्ड स्वैप कराएं। और कभी भी थोड़ी सी भी हेरफेर या संदेह होने पर बैंक और पुलिस को जरूर बताएं। यानी कुल मिलाकर यही है कि साहब सावधानी गई और दुर्घटना हुई इसलिए तो कह रहा हूं कि क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तो जमकर करें लेकिन बाबू जरा संभल के।
10.11.09
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