क्योंकि
1- वह हमेशा प्रसन्न, आज्ञाकारी, पतिव्रता और समर्पित रहती है। वह न कभी क्रोध करती है, न कभी शिकायत करती है, न कभी आलस्य करती है, न कभी बहाने करती है और न कभी सास ननद की निंदा करती है।
2- वह आकर्षक, सुंदर और रूपवती होती है। उसके केश लंबे और रेशमी होते हैं। उसकी त्वचा उज्वल, नम, कोमल और मखमली होती है। वह सुडौल और सम्मोहक देह की स्वामिनी होती है।
3- वह पति के प्यार में पागल रहती है व सदैव पति से मिलने को आतुर रहती है। वह जल्दी ही गर्भ धारण करती है। उसके शरीर में पर्याप्त ओम-3 वसा अम्ल होते हैं जो उसके गर्भ में पल रहे भ्रूण के मस्तिष्क, कान और आंखों के समुचित विकास के लिए अति आवश्यक होते हैं। शरीर में पर्याप्त ओम-3 वसा अम्ल होने से वह स्वस्थ, सुंदर और बुद्धिमान शिशु को जन्म देती है।
4- उसकी रजोनिवृत्ति सरल, सहज और स्निग्ध होती है और जीवन के आखिरी पड़ाव में भी वह पति से अंतरंग घनिष्टता बनाये रखती है। उसे न अवसाद, अनिद्रा, हॉट फ्लेशेज व ऑस्टियोपोरोसिस होते हैं और न कभी कैंसर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अस्थिसंधशोथ जैसे रोग होते हैं।
5- वह पूजाकक्ष में आध्यात्मिक, भोजनकक्ष में परिश्रमी, जीवनकक्ष में शांत और सौम्य व शयनकक्ष में उष्ण और कामातुर रहती है।
25.2.10
आज के कुंवर अलसी बाला की ही कामना करते हैं ???
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