बहुत दिनो से मैंने
अपना फोन को स्विच आफ नही किया
इस डर से कंही उसी वक्त तुम मुझे फोन करके
यह बताना चाह रही हो कि
मै अब उतना ही आउटडेटड हूं
तुम्हारे जीवन मे
जितना कि
तुम्हारे कम्पयूटर का कभी न डिलीट होने वाला
एंटी वायरस
हर एसएमएस पर चौकना अभी तक जारी है
इस उम्मीद पे कि तुम मेरी घटिया शायरी और
फारवर्ड किए गये संदेशो पर आदतन
वाह-वाह के दो शब्द भेज रही होगी
दवा के माफिक
बहुत दिनो से मुझे एक आदत और
हो गयी है मै बिना बात ही लोगो से बातचीत मे
तुम्हारा जिक्र ले आता हूं
चाहे बात वफा की हो या बेवफाई की
सुनो ! मैने अभी-अभी सोचा है कि मैं
अपना सिम बदल लूं
ताकि जब कभी हम मिले तो
तुमसे औपचारिक रुप से
यह सुन सकूं कि
बिना बताए नम्बर क्यों बदल लिया
तुम्हे बिना बताए किए जाने वाले
कामों की एक लम्बी लिस्ट है
मेरे पास
और तुम्हारे पास इतना भी वक्त नही
कि मुझसे बोल के जा सको
अलविदा....
डॉ.अजीत
http://www.shesh-fir.blogspot.com/
23.2.10
अलविदा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment