मस्त हरिणी सी,चली जा रही थी,
सुनसान राह में,अक्टूम्बर माह में,
खा-म-खां छेड़ बैठा ,उस ने पलट कर देखा ,
मैंने पूछा मेम-साब एयरपोर्ट का रास्ता किधर से है ?
20.4.11
मस्त हरिणी
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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