सोते रहिये ................जागने का दिखावा कीजिये .......
हम पापियों के शमन की बात करते हैं ,मगर सोते रहते हैं
हम भ्रष्टाचार के विरुद्ध खड़े होने का साहस नहीं करते क्योंकि हम सोते हैं
हम भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ने वालो का साथ नहीं दे पाते क्योंकि हम सोते हैं
हम राक्षशी प्रवृति को फलने फूलने देते हैं क्योंकि हम सोते हैं
हम सच का साथ देने का साहस नहीं करते क्योंकि हम सोते हैं
हम अत्याचारियों की अधीनता स्वीकार कर लेते हैं क्योंकि हम सोते हैं
हम रावन नीति को स्वीकार कर जी लेना चाहते हैं क्योंकि हम सोते हैं
हम सोते हैं क्योंकि अत्याचारी दुसरे को सता रहा हैं ,हमको नहीं।
हम सोते हैं क्योंकि भ्रष्टाचार लोकिक रिवाज के रूप में स्वीकार कर चुके हैं
हम सोते हैं क्योंकि हम अन्याय को सहने में समर्थ हो चुके हैं
हम सोते हैं क्योंकि हम मान बैठे हैं की भ्रष्ट्र शासको के खिलाफ कहने का मतलब
परेशानी मौल लेना है
हम सोते हैं क्योंकि हम सत्य को स्थापित करने का माद्दा खो चुके हैं
हम सोते हैं क्योंकि हम संघर्ष में खुद को अकेले मानने के भ्रम में जीते हैं
हम सोते हैं क्योंकि परिवर्तन की आशा हम में नहीं है
हम सोते हैं क्योंकि देश में फेल चुकी भ्रष्ट व्यवस्था के परोक्ष रूप से पोषक बनते जा रहे हैं
हम सोते हैं क्योंकि हम पद लोलुप सत्ता से तालमेल बैठाकर जीना सीख चुके हैं
हम सोते हैं क्योंकि हम जागे ही ही कब थे ,जागने का दिखावा करते हैं
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