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15.10.17

.....प्रधानमंत्री के नाम पहला खुला पत्र....


आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
आदरणीय इसलिए क्योंकि आप देश के प्रधानमंत्री हैं। आपने शायद गौर नहीं किया होगा कि आजकल सोशल मीडिया पर खुला पत्र लिखा जाने लगा है। पहले पंप्लेट के रूप में ये खुले पत्र मिला करते थे। तब से लेकर अब तक मैंने कभी किसी के नाम खुला पत्र नहीं लिखा। पहली बार आपके नाम खुला पत्र लिख रहा हूं। इस लिहाज से आप देश के वैसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिनके नाम मैंने खुला पत्र लिखा। मैंने ये लाइन इसलिए लिखी क्योंकि मुझे बताया गया है कि आप ‘देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री’ वाली लाइन से खुश होते हैं। हालांकि मुझे इस बात पर विश्वास नहीं कि आप इस लाइन से खुश होते होंगे। खैर जो भी होता हो मैं तो आपकी खुशी की कामना करता हूं। इतनी भूमिका के बाद सीधे उन मुद्दों पर आता हूं जिनके लिए ये खुला पत्र लिख रहा हूं।

प्रधानमंत्री जी, आपको याद होगा कि 2014 के आम चुनाव के दौरान डॉ मुरली मनोहर जोशी द्वारा बनाए गए घोषणा पत्र में वो तमाम संशोधन किए गए जो आप और आपके सलाहकार चाहते थे। जब सबकुछ आपके हिसाब से हो गया तब आपने और आपकी टीम ने चुनाव घोषणा पत्र 2014 जारी किया। मैं उसी घोषणा पत्र और उन्हीं घोषणाओं को याद दिलाना चाहता हूं। देश के सामान्य नागरिक के तौर पर ये मेरी जिम्मेदारी भी है कि मैं लोकतांत्रिक सरकार को, जनता के नुमाइंदों को उनके वादे याद दिलाऊं।

प्रधानमंत्री जी, आपकी पार्टी के घोषणा पत्र में, जिसे आपने ही जारी किया था लिखा गया है कि 100 नए शहर बसाएंगे। आपकी सरकार गठन के तकरीबन चार साल होने को हैं और आपने देश से इन कामों के लिए महज 60 महीने मांगे थे जो अगले साल पूरे हो जाएंगे। मैं बस ये जानना चाहता हूं कि नए बसने वाले 100 शहरों में अभी तक कुल कितने शहर बसा लिए गए और उन्हें कहां बसाया गया है ? और बाकी बचे नए शहर क्या अगले एक साल बसा लिए जाएंगे ?

आपने कहा था कि देश के 100 सबसे पिछड़े जिलों को विकसित करके उन्हें अन्य विकसित जिलों के समकक्ष बनाएंगे। प्रधानमंत्री जी, वो कौन-कौन से जिले हैं जिन्हें विकसित कर लिया गया और कितने जिले बाकी बचे हैं जिन्हें अगले एक साल में आपकी सरकार विकसित कर देगी?

आपने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि देश भर के गांवों के विकास के लिए ग्रामीण हाट का जाल बिछाएंगे।
सर, देश का नागरिक होने के नाते मैं जानना चाहता हूं कि अब तक देश के कितने गांवों में ग्रामीण हाट का जाल बिछाया गया है ? मेरे गांव और आस-पास के किसी गांव में मुझे ऐसा कोई जाल दिखा नहीं इसलिए ये सवाल पूछ रहा हूं।

प्रधानमंत्री जी, आपने कहा था कि एक व्यापक राष्ट्रीय ऊर्जा नीति बनाएंगे। वो ऊर्जा नीति बन गई क्या ? उस नीति के बनने से देश को क्या मिला ये भी बताते तो अच्छा होता।

प्रधानमंत्री जी, आपने कहा था कि राष्ट्रीय वाई-फाई नेटवर्क खड़ा करेंगे। सर, मुझे तो मोबाइल नेटवर्क ही गिरे-पड़े मिल रहे हैं। ये वाई-फाई वाले खड़े नेटवर्क कहीं मिल नहीं रहे।

प्रधानमंत्री जी, आपने कहा था कृषि उत्पाद वितरण के लिए रेल नेटवर्क बनाएंगे। सर, वो वाला नेटवर्क तो आज तक नहीं मिला बदले में पहले से जो रेल नेटवर्क है वो यमदूतों का काम ज़रूर करने लगा है।

प्रधानमंत्री जी, आपने कहा था कि हर घर को नल के जरिए पानी देंगे। वो नल भी नहीं दिख रहे हैं सर।

ये पहला पत्र है इसलिए बहुत सारी बातें लिखना उचित नहीं लगा। आगे भी आपको पत्र लिखता रहूंगा। मैं जानता हूं कि आप पर काम का बहुत बोझ है। आपको जानने का दावा करने वाले बताते हैं कि आप 16 से 18 घंटे काम करते हैं। जाहिर है काम के इतने दबाव में बहुत सारी बातें याद रखना संभव नहीं होता। इसलिए मैं वक्त-वक्त पर आपको याद दिलाता रहूंगा कि आपने क्या-क्या वादे किए थे। मुझे याद है कि आपने देश से ये तमाम वादे पूरे करने के लिए 60 महीने ही मांगे थे। अब 60 महीने पूरे होने में काफी कम वक्त बचा है। उम्मीद है आप इस बचे वक्त में ही 16-18 घंटे रोज़ाना काम कर के अपने तमाम वादे पूरे करेंगे।

जल्दी ही दूसरा पत्र भी लिखूंगा।

आपके देश का नागरिक

असित नाथ तिवारी
आउटपुट हेड/एंकर
के न्यूज़
asitnath@hotmail.com

1 comment:

Taralal said...

Yeh sare prashn RTI me madhyam se poochen toh dekhte hai kya jawab milega.