Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

10.9.20

यूं चिश्तिया चराग़ की रुख़्सती...

#यूं_चिश्तिया_चराग़_की_रुख़्सती...
यार को हमने जा-ब-जा देखा,
कहीं ज़ाहिर कहीं छुपा देखा!
कहीं मुमकिन हुया कहीं वाजिब,
कहीं फ़ानी कहीं बक़ा देखा!
दीद अपनी की थी उसे ख्वाहिश,
आपको हर तरह बना देखा!
कहीं है वो बादशाहे तख़्त-ए-नशीं,
कहीं कांसा लिए गदा देखा!!
बेह्नुल अक़्वामी सतह पर क़ौमी इत्तेहाद को चिश्तिया चराग़ से रौशन-ओ-फ़रोग़ देने वाली इस बर्रे सगीर की अज़ीमोशान रूहानी शख्सियत हज़रत हसनी मियाँ नियाज़ी आज बतौर-ए-ज़ाहिर इस आरज़ी दुनियां से पर्दा फरमा गये।आपका पर्दा फरमाना चिश्तिया रंग में रंगे हर दीवाने को ग़मो अफ़सुर्दा कर गया।आपने चिश्तिया मिशन को क़ौमी इत्तेहाद की हिन्दू-मुस्लिम तस्बीह में पिरो कर 'अनल-हक़' का जो दर्स दिया है उसकी खुशबू सदा आलम-ए-जहां में महकती रहेगी।
आपसे मोहब्बत करने व् हर मज़ाहिब के मानने वाले आज ग़म आलूदा हैं।"पंजतन की मोहब्बत का म्यार तो देखिये साहब! "हसनी" का "हुसैनी" से माहे मोहर्रम में जा मिलना"...
आपका रुखसत होना बेशक़ हिन्दू-मुस्लिम इत्तेहाद में एक बड़ी ख़ला पैदा कर गया मग़र आपके रौशन चराग़ से इस मुल्क़ की पाकीज़गी और क़ौमी-एकता हमेशा बुलंद-ओ-बाला रहेगी...इन्शा अल्लाह
●इंनालिल्लाहे व् इंनालिल्लाहे राजेऊन●
"कहीं आबिद बना कहीं ज़ाहिद,
  कहीं रिंदो का पेशवा देखा"!
  "शमा होकर के परवाना,
   आपको आप मे जला देखा"!!!

अल्लाह मग़फ़ेरत फरमाए...आमीन

डॉ. सयैद एहतेशाम-उल-हुदा
वरिष्ठ सदस्य भारतीय जनता पार्टी
उत्तर-प्रदेश
9837357723

No comments: