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19.9.20

अमिताभ जी, आप बोलिए......


 
अमिताभ जी आप बोलिए.... क्युकी सब ही तो बोल रहे हैं....आप कैसे नहीं बोलेंगे.....बोलिए, क्युकी ध्रतराष्ट्रवादी चाहते हैं, कि आप भी बोले.....देश की सबसे बड़ी समस्या पर आप कैसे नहीं बोलेंगे.......रिया, कंगना पर कुछ तो बोलिए, जिससे कुछ ध्रत राष्ट्रवादी योद्धाओं की टीआरपी बनी रहे..... नहीं तो वे इसी में टीआरपी बना लेंगे कि आप बोल नहीं रहे......अब ये मत सोचिए कि लोग इतना बोल चुके हैं, सब ऊब गए हैं, अब बोलकर क्या तूल देना..... तूल दीजिए, यही तो साहब के वफादार चाहते हैं, आप बोलिए......और सुनिए, क्या बोलिएगा...?



वहीं बोलिए जो ध्रत राष्ट्रवादी चाहते हैं.... अपने मन की मत बोलने लग जाना....ओरों के लिए गुनाह है......अपने विवेक को साइड में रखकर उनके शब्दों को अपने मुंह में भर लीजिए, और एक छोटा सा वीडियो बनाकर सोशल कढ़ैया में छोड़ दीजिए.......उस पर  घंटे भर के कार्यक्रम नए योद्धा अपने आप बना लेंगे......फेसबुक देखिए, राजनीति के कई बुजुर्ग विश्लेषक और हातिमताई जैसी ट्रोल मंडली चाहते हैं कि आप बोले, अपनी आलोचनाएं पढ़ लीजिए, उनमें लिखा है कि आप क्या क्या बोल सकते हैं, क्या क्या कर सकते हैं.....जो आपने बोला नहीं, किया नहीं..... इसलिए वही बोलिए, जो ये कामगार लोग चाहते हैं.....

बेरोजगारों को छोड़िए, वो अपनी खुद बोल रहे हैं......लेकिन कोई सुन नहीं रहा, तो उनकी बोलना बेकार है.... आप बोलिए रिया पर कंगना पर, ड्रग्स पर, बॉलीवुड पर.....क्युकी यही सबसे सही समय है, इन पर बोलने का.... टीवी का ये मसाला खत्म हुआ तो बेरोजगार, किसान, अर्थव्यवस्था, महंगाई जैसे फालतू मुद्दों से कैसे मुंह चुराएंगे..... रिया, कंगना अच्छी चली हैं, आप बोल दोगे तो आप भी चलने लगोगे..... वैसे चल तो अब भी रहे हो, लेकिन तब ताने नहीं मिलेंगे, ध्रत राष्ट्रवादी लोग मान लेंगे कि आप अब भी महानायक हैं.... वरना आपकी शहनशाही तो गई.....

इस लिए कृपया बोलिए.... जया जी को भी समझाइए कि बोलें....लेकिन वही बोलें जो, डायरेक्टर साहब चाहते हैं....टीवी और फेसबुक पर कई डायरेक्टर साहब फ़्री में बता रहे हैं.....उनसे स्क्रिप्ट मंगवा लीजिए......तभी आप सही सही बोल पाएंगे..... वरना जया मैडम को देखा नहीं..... इतना सच बोलता है कोई भला..... सबको मालूम है कि बॉलीवुड में पहले से बहुत कुछ उल्टा सीधा चलता है.....लेकिन अभी थोड़े ना बोलना है.......वो भी सबके सामने..... हो गईं ना ट्रोल... अभी बोलना है कि वो कार सही है, ये कार खराब है..... सारा दोष कार का है.....बस, इतना ही बोलना है.....फिर आप आराम से बैठिए..... कोई नहीं कहेगा कि आप बोलिए.....लेकिन फिलहाल आप बोलिए.....

ध्रतराष्ट्रवादी दिल से चाहते हैं कि आप बोलें.....अमिताभ जी, आप बोलिए......।


- जगदीश वर्मा ' समंदर '

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