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18.12.20

किसानों को आतंकी बताने वाले न्यूज चैनलों को कांग्रेसी सरकारें क्यों दे रही हैं विज्ञापन?


-सुरेशचंद्र रोहरा

भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बतौर छत्तीसगढ़ सरकार के 2 वर्ष पूर्ण हो गए हैं. ऐसे समय में परंपरा रही है सरकार अपनी नीतियों विकास और कामकाज के प्रदर्शन विज्ञापन जारी करे. यह परंपरा भूपेश बघेल सरकार भी निभा रही है. यह सब ठीक है.  मगर मुख्यमंत्री जी...! कुछ ऐसे राष्ट्रीय चैनलों में विज्ञापन चल रहे हैं जिन पर आरोप है कि वे किसानों को देशद्रोही, आतंकवादी बता रहे हैं. ऐसा करते हुए पत्रकारिता धर्म का निर्वहन नहीं किया. किसानों की जायज मांगों के खिलाफ देशभर में माहौल बनाने का काम ये चैनल करते रहे हैं. यह देखकर बहुत कष्ट हुआ. माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी, आप से मेरी करबद्ध प्रार्थना है, जनहित में मांग है कि ऐसे मीडिया संस्थान को छत्तीसगढ़ सरकार आपके मुख्यमंत्री काल में एक रुपए का भी विज्ञापन न जारी करे. 

 



जैसा कि हम सभी जानते हैं कि देशभर में  पर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय सरकार द्वारा किसानों के अहित में तीन कानून बनाए गए हैं जिनका किसान दिल्ली बॉर्डर पर पुरजोर विरोध कर रहे हैं. कितने ही किसान भीषण ठंड में ठिठुरते हुए मर गए, कितने ही आंदोलन स्थल पर बच्चे, महिलाएं बीमार हैं मगर सरकार एक ही बात नित्य प्रतिदिन सुबह-शाम कह रही है कि यह कानून किसानों के हित में है. यही नहीं सरकार इतना निचले स्तर पर आ गई है की प्रायोजित तरीके से कुछ किसानों को अपने किसान बिल के समर्थन में खड़ा करके उनसे संवाद करती है और वे  सरकार की पीठ ठोक रहे हैं. और ऐसे समाचारों से देश के ऐसे चैनल भरे पड़े हैं, जो अपने तरीके से विवेचना करते हुए बता रहे हैं कि देश के किसान तो सरकार के इस कानून से खुश हैं. हकीकत दिखाने से बहुत दूर यह चैनल इन दिनों विवादास्पद बने हुए हैं. और लगातार निंदा के पात्र बने हुए हैं. जाने कितने ही वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों देखे जा रहे हैं जो सरकार के पिट्ठू बने हुए चैनलों के सच को दिखा रहे हैं. और कटु शब्दों में निंदा कर रहे हैं.

ऐसे में भूपेश बघेल सरकार से यही आशा और अपेक्षा है कि आपके पास , आपके सलाहकारों में नवरत्नों में कुछ रत्न ऐसे हैं जो पत्रकारिता के शिखर पर रहे हैं. जिन की सलाह पर आज भी आप प्रदेश की पत्रकारिता और देश के मुड़ को समझते हैं. इसके बावजूद अगर राष्ट्रीय मीडिया के ऐसे चैनलों में अगर सरकार के विज्ञापन प्रसारित हो रहे  तो यह सीधा सीधा उन्हें प्रोत्साहित करना और खुराक देना है. क्या ना अच्छा होता कि अगर आप इन्हें कुछ इस तरह ब्रेक लगाकर अपना राजनीतिक धर्म निभाते जो देश भर के लिए नजीर बन जाती.

सुरेशचंद्र रोहरा
(गांधीवादी लेखक सुरेशचंद्र रोहरा, दैनिक लोक सदन के संपादक हैं)
07747920885

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