नान कोविड मरीज इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं, उनके लिए भी अस्पताल निर्धारित करने की मांग, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
लखनऊ : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने मुख्यमंत्री जी के अधिकारिक ई मेल आईडी पर एक पत्र प्रेषित करते हुए नॉन कोविड मरीजों के इलाज की व्यवस्था के बारे में चिंता व्यक्त किया है। उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि राजधानी में स्थित सभी बड़े अस्पताल एसजीपीजीआई लखनऊ ,केजीएमयू लखनऊ, आर एम एल आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ बलरामपुर अस्पताल लखनऊ, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय लखनऊ, दीनबंधु चिकित्सालय लखनऊ डेडीकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित कर दिए गए हैं । इन अस्पतालों में कोविड पॉजिटिव वाले मरीजों की भर्ती हो रही है ।जो मरीज कोविड नेगेटिव है उनको डेडीकेटेड अस्पतालों में देखा नहीं जा रहा है।
साधारण पेट दर्द, उल्टी,खांसी, जुकाम ,बुखार के लक्षणों से युक्त रोगियों के लिए कोई चिकित्सा व्यवस्था नहीं रह गई है ।गली मोहल्लों के डॉक्टर भी साधारण मरीजों को देख नहीं रहे हैं। हृदय रोग, किडनी, कैंसर , लिवर ट्रांसप्लांट जैसे जटिल रोगों के मरीजों को भी आपातकालीन में असुविधा हो रही है। इनके लिए भी कोई ऐसा अस्पताल या इमरजेंसी सुविधा नहीं है जहां पर ऐसे मरीज अपना इलाज करा सकें।
जे एन तिवारी ने मुख्य मंत्री जी के संज्ञान में यह प्रकरण लाते हुए नॉन कोविड मरीजों एवं साधारण बीमारी से ग्रसित मरीजों तथा गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों के इलाज के लिए भी अस्पताल चिन्हित करने का अनुरोध किया है ।
उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि अस्पतालों में कोविड नेगेटिव मरीजों के चेकअप एवं इलाज के लिए ओपीडी में व्यवस्था होनी चाहिए ताकि साधारण लक्षणों वाले मरीजों का इलाज ओपीडी से संभव हो सके ।
जे एन तिवारी ने कोविड संक्रमण से संबंधित सारी सुविधाओं से युक्त 1 हजार शैय्या का सरकारी अस्पताल शहर से बाहर खोलने का सुझाव भी दिया है ताकि शहरवासियों को कोविड के संक्रमण से बचाया जा सके ।
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