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12.5.22

मानवाधिकार मीडिया में पत्रकार बनाने का बढ़ रहा धंधा

देश का चौथा स्तंभ कहा जाने वाला मीडिया संस्थान अब मार्केट में दीपावली व होली की तरह ऑफर देने लगा है। जिससे युवाओं को बेरोजगार करने का ही रास्ता बनता जा रहा है। क्योंकि युवा पत्रकार बनने की होड़ में इन्हें 3 हजार रुपये से लेकर 2 हजार रुपये तक दे देते हैं। और वह पत्रकार बनकर समाज के अधिकारियों व सामाजिक लोगों को परेशान करने लगते हैं। जिससे कहीं कहीं पर इन मीडिया से जुड़े पत्रकारों को भी शोषित होना पड़ता है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित मानवाधिकार मीडिया के नाम से एक संस्थान पिछले कई वर्षों से चल रहा है। 



इस संस्थान के द्वारा हजारों की संख्या में रोजाना आई कार्ड बनाए जाते हैं। यह संस्थान मात्र आई कार्ड बनाने का धंधा कर चुका है। इस संस्थान में बैठे अपने आपको संपादक बताने वाले कामरान असद युवाओं को ठगने का काम करते हैं। रोजाना लोगों के व्हाट्सएप पर पत्रकार बनने का सुनहरा मौका जैसे ऑफर देते हैं। जिसमें व्हाट्सएप पर स्क्रीन शॉट वायरल हो रही है। इसमें राज मोहन सिंह जो कि इस संस्थान के कार्यकारी संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। 

उनके द्वारा लगातार पिछले कई वर्षों से अब तक लाखों युवाओं को ठगा जा चुका है। इस तरह के मीडिया संस्थान लगातार देश के चौथे स्तंभ को बदनाम करने में जुटे हैं। युवाओं के द्वारा ठगे गए पैसे से ऐसो आराम करते हैं। लोगों का कार्ड बना देते हैं और फिर उन्हें मैदान में उतार देते हैं। उन लोगों को यदि आप पर दिया जाता है कि 10 लोगों को लेकर आओ तुम्हारा कार्ड फ्री बनेगा। इस तरह युवाओं को लालच देकर उन्हें इस बेरोजगारी की ओर धकेला जा रहा है। इस पर सरकार को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। मानवाधिकार मीडिया संस्थान में टेंपो वाला, हर रेडी, वाला जेल से निकला किसी भी आरोप का कैदी आज के दौर में पत्रकार है। जो कि आए दिन पुलिस वालों व व्यापारियों पर रोक झाड़ता हुआ देखा जाता है।


Dileep tiwari 

dileeptiwari190@gmail.com

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