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12.5.22

नवोदय टाइम्स, पंजाब केसरी जलांधर, जगवाणी, हिंद समाचार ग्रुप में पिछले चार सालों से वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं

दोस्तों नमस्कार,

हमारे देश भारत में जो चौथा स्तंभों पर खड़ा हैं

1. न्यापालिका

2. कार्यपालिका

3.विधायकी

4. मीडिया

 दोस्तों आज हम भारत सरकार के चौथे स्तंभ के बात करते है (मीडिया) जहां पर भाष्ट्रचार, अत्याचार, बेईमानी, दलाली अत्याचार है। सब कुछ भरा पड़ा है इस चौथे स्तंभ में जो अपने आप को सरकार से, न्यापालिका से, कानूने से, संविधान से,अपने आप को सबसे ऊपर समझता है हमारा चौथा स्तंभ (मीडिया) जहां पर मीडिया देश के नागरिकों को स यता कानून की बात करता है वहीं पर हकीकत कुछ और ही है। वहीं पर इस में संपादक-मालिकान इसमें काम करने वाले कर्मचारियों का खून चूसने का काम करते ह।ै देखा जाए तो ये इंसान नहीं राक्षस कहलाने लायक भी नहीं है। हैवान है ये अखबार के संपादक और मालिक देखा जाए। तो यही सबसे ज्यादा बेईमान, रिश्वतखोर, भष्ट्राचारी यही नजर आते है। दलाल है ये मालिक/संपादक अखबार के

जहां पर अखबार में काम करने वाले कार्मचारियों से 9-9 घंटे काम लिया करते है वहीं पर जिन कार्मचारियों का 9 घंटे पूरे नहीं होते है उनकी सैलरी(वेतन) में से पैसे काट लेते है। और कार्मचारी कुछ बोले भी नहीं सकता है । बोलने वालों को तुरंत द तार से बाहर निकाल देते है। ये संपादक और मालिक।

नवोदय टाइ स दिल्ली:  अखबार के नाम पर एक भी डाक्यूमेंट (दास्तवोज)े भी नहीं है जो प्रूफ कर सकें की आप इस नवोदय टाइम्स अखबार में काम करते हैं।

1. अखबार को नौ साल होनें को आए और कर्मचारियों के पास ज्वाइंनिग लेटर तक नहीं है

2. अखबार को नौ साल होनें को आए और कर्मचारियों के पास ऑफर लेटर तक नहीं है

3. अखबार को नौ साल होनें को आए और कर्मचारियों के पाससैलरी स्लिप तक नहीं देते हैं

4. अखबार को नौ साल होनें को आए और कर्मचारियों को एक भी बार सही समय पर वेतन भुगतान नही कि इन्होंने हर माह के एक तारीख के बदले आठारह से पच्चीस तारीख तक देते है वेतन का भूगतान वो भी प्रूफ है हमारे पस हर माह का

5. अखबार को नौ साल होनें को आए और कर्मचारियों का एरियर भी नहीं दी इन्होंने।

6. अखबार को नौ साल होनें को आए और कर्मचारियों का  आई-कार्ड भी सही नहीं है हर साल एक नए नाम से आई कार्ड इसू करतें है ये संपादक और मालिक।

पूरे अखबार गु्रप जो इन्होने वेतन कटौती का धंधा चला रखा है उससे तो इनको वेतन कटौती के लिए नेशनल ऑवर्ड देनी चाहिए इन जालिम संपादक और मालिक को। बोरे में भर भर के पैसे जाते है इनके नवोदय टाइम्स सेें साथ नोट गिनने की कई सारी मशीन लगी हई है नवोदय टाइम्स के ऑफिस में और इनको सही समय पर वेतन नहीं दे सकतें है अखबार के यह मालिक और संपादक नवोदय टाइम्स दिल्ली के कार्मचारियों को और तो और बिना बताए सूचना दिए हर साल एक न्यू कंपनी बना दी जाती है और उसमें सि ट कर दी जाती है साथ जिन कार्मचारियों का जिस न बा से पीएफ कट रहा है उसको यह हर साल न्यू न बर से चालू कर देते है। जैसे अभी  नवोदय टाइ स का नाम  (2021-2022) में अखबर का नाम नवोदय टाइ स. द्बठ्ठञ्च ष्ठद्गद्यद्धद्ब हैं और अगली बार कुछ और कर देंगे। पंजाब केसरी (जलांधर), जगवणी, हिंद समाचार, नवोदय टाइ स सब एक गु्रप अखबार है यहां पर काम करने वाले कार्मचारियों  का वेतन सबसे नीचले स्तर का ह ै(लेबर से नीचे की वेतन देते है ये सब) आखिर यह सब संपादक और मालिक के सहमति से चल रहा है यह सब खेल अखबार पंजाब केसरी (जलांधर), जगवणी, हिंद समाचार, नवोदय टाइ स सब एक गु्रप में ं।

पंजाब केसरी (जलांधर), जगवणी, हिंद समाचार, नवोदय टाइ स के अखबार के मालिक को साठ साल के कार्यकाल के चक्र में सरकार के तरफ से विभिन्न प्रकार के 19 ऑवर्ड स े( ईमानदादी )के लिए नवाजा गया है। लेकिन सरकार जो मालिक  को इतने ऑवर्ड दे चूकी है साठ सालों से क्या कभी सरकार ने उनके संस्थान में काम करने वाले कर्मचारियों  की सुध नही ली। की कैसे काम करते है इनके कर्मचारी क्या मिलता है क्या नहीं मिलता है इनको क्या क्या सुविधाएं दी जा रही अखबार के मालिकानों की तरफ से सरकार आंख मूंदे कैसे इतने प्रतिष्ठि ऑवर्ड देती है सरकार आखिर कैसे?

इसके पीछे की सच्चाई कुछ और है जो ये लोग 60 सालों से ईमानदारी का चोला ओढ़ रखा है जबकि सच्चाई बहुत ही दैनिय, और खतरनाक है इनकी साजिश कर्मचारियों के साथ शोषण, अत्याचार करना और अखबार के नाम पर सबकी निगाहो में दयालू ईमानदार बनना है  

इनके अखबार में यूज प्रयोग आने वाला सॉफ्टवेयर चोरी के /उसमें यूज प्रयोग आने वाले फॉट चोरी के वो भी भास्कार अखबार के जिस अखबार ने 2019,2020,2021,2022 हो चुका और पंजाब केसरी (जलांधर), जगवणी, हिंद समाचार, नवोदय टाइ स गु्रप अखबार में वेतन बढ़ोतरी अभी तक नही हुई और अपने आप को गरीबों का मसीहा भगवान आपने आप को बताते है ये लोग। खुद के अखबार में बड़े-बड़े विज्ञापन होर्डि? छाप कर खुद अपने को सबसे श्रेष्ठ, ईमानदार, और समाजिक कार्यकत्र्ता समझते है ये सब और वहीं पंजाब केसरी (जलांधर), जगवणी, हिंद समाचार, नवोदय टाइ स काम करने वाले लोग की स्थिती बहुत ही खबर है। करोना काल में तो इन्होंने अखबार में काम करने वाले कार्मचारियों की जमकर शोषण किया। यह इतने कमीने/हरामी/बदमीज/खुदकर्ज/बेइमान/मक्कार/जलील/ है की इनकी व्यख्यान की जाए तो शब्द छोटे पड़ जाएगें  


नोट: पंजाब केसरी (जलांधर), जगवणी, हिंद समाचार, नवोदय टाइम्स अखबार चलाने वाले मालिक/संपादक की जांच होनी चाहिए तब यह कितने देश/जनता के मसीहा है खुद पे खुद मालूम हो जाएगा अपने अखबार में बड़े/बड़े लेख-विचार-चिंतन करने ये देश में परिवर्तन लाना चाहते है और इनके खुद के अखबार में काम करने वाले कार्मचारियों की स्थिती खराब कर रखी है। तो आखिर इन सब साजिश करने के बाद यह ईमानदार कैसे हो गए।

 इनके पास दो स्कीम है...

1. शहदी रिलीफ फंड

2.जम्मू कश्मीर सहायता योजना

इनके पास करोड़ा-अरबों रूपए दान में देने के लिए है पर इनके अखबार में काम करने वाले कार्मचारियों को सही समय पर वेतन देने के लिए पैसे नहीं है ये कैसा समाज सेवा है।ं पेजाब केसरी (जलांधर), जगवणी, हिंद समाचार, नवोदय टाइ स अखबार  का अरबों रूपय का होटल बनवाने , सोलर पावर प्लांट लगवाने के इनके पास करोड़ अरबो रूपए है और इनके पास कार्मचारियों के सुविधा के लिए इनके पास कुछ नही है । जांच होनी चाहिए इनकी कि अखबार को कैसे चलाते हैं और कार्मचारियों के लिए क्या सुविधा क्या व्यावस्था कर रखी है। इसकी जांच हो तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

हे प्रभू इनको संपति तो दी है पर इनको शांति कभी नही हो/ इनको सुख सुविधा दी पर इनकी सेहत कभी अच्छी ना हो बिस्तर पर सड़ सड़ के मरे संपादक और मालिक/ इनको अपनों के बीच में सबसे वरिष्ठ सामझे पर परंतु इनको हमेशा गाली मिलती रहें। जो अपने कर्मचारियों को इतना शोषण करता है उसको नर्क में भी जगह ना मिले। हे राम हे भगवान

एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित

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