राष्ट्रचंडिका/ सिवनी। मीडियाकर्मियों को अधिमान्य पत्रकार का दर्जा दिया जाने को लेकर जो खेल चल रहा है वह किसी से छिपा नहीं है। लोग 30 वर्षो से कार्य करने के बाद भी अपने आपको अधिमान्य पत्रकार का दर्जा नहीं दिला पाये और कुछ स्थानों पर स्थिति है एक समाचार पत्र से ही अनेक लोग जो अधिमान्य पत्रकार के मानक मापदंडो के विरूद्ध अधिमान्य होकर शासन की योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।
अधिमान्य पत्रकार के लिए भेजे जाने वाले नामों के चयन के लिए एक समिति गठित की जाती है जो सारे दस्तावेजों का अध्ययन के उपरांत अपनी रिपोर्ट जनसंपर्क संचालनालय भोपाल भेजती है इसके पश्चात वहां से इन नामों का चयन कर अधिमान्य पत्रकार होने की अनुमति प्रदान की जाती है लेकिन इस सारी प्रक्रिया के दौरान भाई भतीजावाद का जो खेल चल रहा है उससे वास्तव में इस योग्य पत्रकारो के साथ छल किया जा रहा है
प्रशासन से अपील
अत: जिला पुलिस प्रशासन से अनुरोध है कि पुलिस वेरिफिकेशन के दौरान इनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का सूक्ष्मता से जांच के उपरांत ही बिना किसी मीडियाकर्मी के खिलाफ कार्यवाही करें जिससे इस परम्परा पर अंकुश लग सके।
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