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13.12.09

नैनो प्रकरण-३

ममता और बुद्धदेव दोनों को धत्ता बता कर टाटा चले गये गुजरात.
२-३ हजार करोङ का नुक्सान हुआ बताते हैं. सब पैसे का खेल! टाटा
को तो कोई फ़र्क नहीं पङा, परकिसान दोनों तरफ़ से गये. अब
अधिगृहित जमीन भी वापस नहीं मिल सकती. कानून की कोई
बाध्यता बताई. वैसे मिल भी जाती जमीन तो क्या फ़ायदा? अब
खेतीलायक तो रही नहीं . सीमेंट-लोहे ने सब चौपट कर दिया. अब
रोते रहो. वर्षों चलेगा रोना. पीढीयों चलेंगी कहानियाँ!

टाटा चले गये सिंगुर से, रोते रह गये लोग.
क्या कर लेगी राजनीती ,और क्या कर लेंगे लोग.
क्या कर लेंगे लोग, विवश बैठे हैं सारे.
बेढंगा है तंत्र ,मरेंगे सब बेचारे .
कह साधक कविराय जब तलक चले तंत्र ये ,
सिंगुर छोङ के अन्य जगह को टाटा चले. १


टाटा ने दिखलाई है , नेता को औकात .
दोनों ताकते रह गये ,नैनो की बारात .
नैनो की बारात ,ना जाने कहाँ रुकेगी .
कृषकों को झांसा देकर के पुनः ठगेगी .
कह साधक कवि , कार –कृषक में मची लङाई .
कृषि हारेगी,नैनो टाटा ने दिखलाई . ३.

नेताओं के हाथ ही खतरे में है देश ,
सिंगुर ने है दे दिया , साफ-साफ संदेश.
साफ-साफ संदेश,लुट रहे किसान बेबस .
जमीं गई-टाटा भी गये,तो किसका है बस ?
कह साधक कवि ,नहीं दर्द कुछ नेताओं के .
अच्छा है अब ,जूते मारो नेताओं के . ९.

जो होती सद्भावना,जनता से हो प्रेम .
धर्म कभी ना त्यागते,स्वयं निभाते नेम .
स्वयं निभाते नेम,तो जनता सिर-आँखों पर,
नेताओं की बात मानती आगे होकर.
कह साधक कविराय,नहीं हो स्वार्थ-साधना,
जनता से हो प्रेम,जो होती सद्भावना .१६.


औरत के कारण घटे,महाभारत कई बार.
दोहराई है बात ये सिंगुर में इसबार .
सिंगुर में इसबार,भिङ गये वाम-पंथी .
ममता से टकराये,बुद्धू वाम-पंथी .
कह साधक राजा-बालक-तिरिया की शोहरत.
समय साक्षी नहीं हारती कब्भी औरत . १७.

वाम-पंथ ने कर लिया , पूँजी से गठ-जोङ ,
टाटा को बुलवा लिया,ली किसान से होङ .
ली किसान से होङ ,कृषि के बदले गाङी .
नीति और सिद्धान्त ,जमीं में गहरी गाङी .
कह साधक माया ना मिली ना राम पंथ को,
सत्ता की ममता ने घेरा वाम-पंथ को . १०.

खूब कहावत बन गई, बाप बङा ना भैया,
वाम-पंथ से पूछ लो सबसे बङा रूप्पैया .
सबसे बङा रुप्पैया ,टाटा ने बतला दी ,
दोनों दलों को एकसाथ औकात दिखा दी.
कह साधक, जनता हाथी है,टाटा महावत.
उठा सूँड से,पटक-पछाङे-खूब कहावत. ११.

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