नव वर्ष नव कल्पना
नित नवीन सृजन करे ।
खिले फूल,महके गुलशन
सरस किरणों का स्वागत करे.............!
गुंजित भंवरे,गुनगुन गान
रिमझिम फूहार की कामना करें
जीवन हो सरल
दिशायें दिप्तमान नवीन प्रहर का इन्तजार करे.....................!
नव वर्ष नव कल्पना
नित नवीन सृजन करे।
भ्रम दुख किचिंत न हो
सुखों की एक रागिनी
एक नवगीत को साज आवाज़ दे...................!
नव वर्ष नव कल्पना
नित नवीन सृजन करे।
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sunita sharma
freelancer journalist
uttarakhand
31.12.09
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1 comment:
इस सुंदर सृजन .. रचना के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
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