
सलाम ज़िन्दगी पर इस बार अशोक जी के सन्दर्भ में निशांत चतुर्वेदी की जुबानी .......मिस यू अशोक सर
THIS IS NOT A END......IT CAN NEVER BEEN A END ...

to continue........
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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