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3.11.16

मीडिया घराने क्यों कर रहे आंतकियों की वकालत

सोच बदलो देश बदलो 

विवेक तिवारी भोपाल मध्यप्रदेश में सिमी आतंकियो पर हुए एनकाउंटर पर मीडिया का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर उमड़ता प्रेम कई सवाल पैदा करता है...सवाल ये कि मीडिया की नैतिकता क्या है क्या मीडिया के अलग अलग समूहो की सोच देश हित में अलग अलग हो सकती है और देश का हित किसमे है ये कौन तय करेगा...क्या ये भी प्रयोजित और पेड न्यूज कही जाऐगी जहां मध्यप्रदेश पुलिस खूंखार आतंकियो का सफाया कर दिया...सवाल जब देश हित का हो तो ये विचार नही किया जाता कि क्या किया और क्या नही किया....लेकिन मीडिया सिमी के वकीलो की तरह काम कर रही है...


देश का नंबर वन चैनल कहे जाने वाला चैनल आज तक की पूरी रिपोर्ट जिस तरह से प्रसारित किया जा रही है उसको देख कर शर्म आती है कि हम किसकी वकालत यहां कर रहे है....जेल से आतंकी कैसे भागे ये जांच का विषय है पर वो जिस अपराध में जेल में बंद थे उसको क्यो नही दिखाया जाता ....किसी मां की कोख उजाड़ने वाले लाखो युवको के मन में जहर घोलने वाले आतंकियो पर नरमी कहा तक जायज है.....मीडिया जनता की आवाज है और देश की जनता मीडिया पर भरोसा करती है...ऐसे में जब जनता सरकार के साथ खड़ी है तो मीडिया जनता की आवाज ना दिखा आंतकी की वकालत कर रही है....पत्रकारिता सरोकारो पर होनी चाहिए ना कि किसी राजनीतिक दल की आवाज बन कर....एक कहावत है कि डायन भी एक घर छोड़ देती है पर यहां देश हित में कई मीडिया समूह इस कहावत को भी नही मान रहे .....

मैं मानता हूं कि देश हित से बढ़कर कुछ नही होता ...और भारत का संविधान आतंकी को भी अपना प़क्ष रखने का मौका देता है ऐसे में मीडिया के कुछ घराने क्यों आतंकी के वकील बन रहे है ये खेदनजक है....भोपाल के पत्रकार प्रवीण दुबे सवाल उठाते हुए अपने फेसबुक पर पोस्ट करते है कि मैने एनकाउंटर के वक्त देखा कि कुछ पुलिस कर्मी एनकांउटर के वक्त हवाई फायर करते नजर आए कि ताकि इसे सही साबित किया जाए और भी कुछ ऐसी बाते लिखी गई जो देश हित मे तो कतई समझ नही आती है...क्या हम टीआरपी की रेस की दौड़ में अपने पत्रकारिता के मापदंड भी भूल बैठे है... बात कई है पर मन व्यथित है...लेकिन मध्यप्रदेश पुलिस के इस एनकाउंटर को सलाम...अब मीडिया घराने सोचे पर लिखे उनकी इस पर क्या सोच है    

भवदीय
विवेक तिवारी
स्टेट हेड मध्यप्रदेश
फस्ट आई नेशनल न्यूज मैग्जीन                        

1 comment:

Anonymous said...

Enter your comment...Mujhe to apke andar journalist wali koi bat hi nazar nahi ayi.aap to police bhakat ho gye.Adalat abi tk unko accused maan rhi h or aap ne terrorist ghoshit kr diya.aap mahaan journalist h.shayad aap bhagwan h.aap ko salaam.