प्रधानमंत्री ने नोटबंदी क्या लागू कर दी देश भर में फैले गप्पेबाज अपने आपको विजय माल्या की औलाद समझने लगे। जो दो जून की रोटी का ठीक से जुगाड नहीं कर सकता वह भी भरे बाजार में हजारा नोट की नुमाईश करने में लगा है। आजकल हालचाल की शुरुआत रूपये बदलने की झंझट से हो रही है। गप्प मारने वाले लोग बात-बात में दो, चार, दस हजार पांच सौ के नोट दिखाकर इसके पीछे परेशान होने की बात कहकर ऐसे लोग खुद को क्या साबित करना चाहते हैं यह तो वही जानें। लेकिन उनकी यह हरकत उन्हें मौत के मुंह तक ले जा सकती है, यह हम सब बखूबी जानते हैं।
सरकार गला फाड फाडकर कह रही है कि आम लोगों को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। वह अपने नोट 31 दिसम्बर तक जमा कर सकते हैं। लाख दो लाख तक जमा करने पर उन्हें पैन कार्ड के अलावे कुछ नहीं देना होगा। यह जानने के बावजूद कुछ गप्पेबाज लोग भरे बाजार जहां भी कोई परिचित मिल गया वहीं जेब में रखे चंद हजार पांच सौ के नोटों की नुमाईश करने लगे हैं। इससे लूट व छिनैती का खतरा और बढ गया है।
बिना मेहनत के ही लुटेरों के सामने लूट का माल तैयार है। उन्हें इंतजार है तो बस सही ठिकाने तक पहुंचने का। कई लोग तो इन रूपयों से अभी इतने आजिज हो गए हैं कि पच्चीस- पच्चास हजार के नोट रूमाल की तरह जेब में घुसेडने लगे हैं। अभी तीन दिन भी नहीं बीते खुखुन्दू क्षे़त्र से नोट बदलने शहर आये एक शराब व्यवसायी से कुछ लुटेरों ने लाखों रूपये लूट लिए।
जरूरत है कि लोग समझदारी दिखायें। उन्हें यह समझना होगा कि अभी उनके हजार पांच सौ के नोट का मूल्य समाप्त नहीं हुआ है। अनावश्यक रूपयों की नुमाईश करना भारी पड सकता है। लुटेरे इस बात को बखूबी जानते हैं कि इन नोटों का मोल 31 दिसंबर तक है। सरकार इसे आगे बढा भी सकती है।
बैकुण्ठ नाथ शुक्ल
स्वतंत्र पत्रकार, देवरिया
मो0 9792332131
15.11.16
लूट को दावत दे रहे गप्पेबाज
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1 comment:
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ..... very nice ... Thanks for sharing this!! :) :)
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