कीर्तीश भाई ने पूछा है कि ......
यशवंत जी,
सादर वंदे
में भड़ास का सदस्य तो बन गया लेकिन आपसे पूछना भूल गया कि क्या में अपनी भड़ास कार्टूनों के माध्यम से निकल सकता हू ?
विनीत
कीर्तीश भट्ट
मेरा जवाब है.....कीर्तीश जी, लिखकर और बोलकर भड़ास निकालने वाले तो बहुते लोग हैं, कलाकारी करके भड़ास निकालने वाला मुझे सिर्फ आप ही दिक्खे हैं। तो बरखुरदार, जरूर करटूनियाइए और अपनी भड़ास निकालकर गर्दन और गला हलकाइए, अरे नहीं, हलका करिए.....। और महाकलाकार कहलाइए।
शुक्रिया...
आलोक जी, आपका ब्लाग है, सब आपका है, मेरा क्या है.....गूगल का एड लगा नहीं कि आपने सवाल कर दिया, घर में लक्ष्मी तो आने देते....आपका भाई अगर धनी हो जाए तो आपको कष्ट होगा क्या.....ये तो मैं मजाक कर रहा था लेकिन आपने बिलकुल सही सवाल उठाए हैं। गूगल से एड आने पर मैं अपनी कंपनी खोलूंगा....यशवंत सिंह प्राइवेट लिमिटेड। इसमें जितने नशेबाज पत्रकार हैं, उनका इलाज कराया जाएगा ताकि वो दारू-वारू छोड़कर नार्मल जीवन जी सकें। जाहिर है, मेरे नाम से कंपनी होगी तो तब तक मैं नहीं रहूंगा और मेरी स्मृति में ही कंपनी खुलेगी। और यह भी बात स्पष्ट है कि दारू दारू पीते पीते किडनी फेल होने से ही मौत होगी, इसलिए आलोक भइया, खुदा का शुक्र मनाइए कि गूगल बाबा का जो चेला बना हूं, तो उससे कुछ फल भी मिले और लक्ष्मी आवें। दीवाली में साढ़े आठ सौ रूपये जुवे में जीता था, उसकी गरमी आज तक महसूस कर रहा हूं।
यशवंत
13.11.07
जी, कार्टून से भड़ास निकालेंगे तो महाकलाकार कहलाएंगे
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