कालम लिखने में आफत बन गया था बीसीसीआई, नौकरी बचानी है तो बोर्ड कि माननी ही पड़ेगी। काफी लंबे समय के बाद मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर (कर्नल) अपने नाम से न्याय नहीं कर पाए और बीसीसीआई के आगे झुक गए। बीसीसीआई और वेंगी के बीच काफी लंबे से चल रहा खींचातानी आज समाप्त हो गया। कारण बताओ नोटिस जारी होने के बाद कर्नल ने बीसीसीआई से कहा कि वे आगे से कोई कालम नहीं लिखेंगे।
जब झुकना ही था तो बात का बतंगड़ क्यों बनाया
कुछ दिनों से कर्नल के एक समाचार पत्र में कालम लिखने का विवाद इस तरह गहराया कि बोर्ड बोर्ड ने कर्नल से यह कह दिया कि कालम लिखने का इतना ही शौक है तो छोड़ दो रास्ट्रीय चयन समिति। इसके जवाब में कर्नल कहाँ चुप बैठने वाले, उन्होने बोर्ड को करारा जवाब देते हुए कहा कि मुझे कालम लिखने से कोई नहीं रोक सकता है।
कर्नल का भड़ास किस पर कहर bankar टूटेगा
भारत-पाक वनडे क्रिकेट सीरिज बिना आलोचनाओं व बयानबाजी के साथ समाप्त हो गया। बोर्ड और चयनकर्ता इसे पचा नहीं पाए और आपस में ही भीड़ गए। बोर्ड उन्हें अनुशासन में रहने कि हिदायत दे रहा है जबकि कर्नल ऎंड कम्पनी ने उसे नकारते हुए साफ-साफ इस्तीफे कि धमकी दे दी। हालांकि पिछले १५ सालों से समाचार पत्रों में कालम लिखने वाले कर्नल इस आदेश से खफा तो जरूर होंगे, इसका भड़ास वे जल्द ही किसी पर निकालेंगे और वह किस पर कहर बनाकर टूटेगा यह आने वाला समय ही बताएगा।
22.11.07
नहीं पकड़ूंगा कलम, नहीं लिखूंगा कालम
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